सुहागरात की विधि -2

मतलब यह कि लड़की को नंगा करके, उसे आरामदेह बिस्तर पर लिटा कर, उससे प्यार भरी बातें करते हुए उसके शरीर पर हल्के-हल्के हाथ फेरना चाहिए। अगर बिस्तर के पास ताज़ा फूलों का गुलदस्ता और कुछ भीनी अगरबत्तियाँ हों तो अच्छा रहेगा।
इस तरह लड़की की सही इन्द्रियों का उपयोग होगा और मर्द की उपयुक्त इन्द्रियों का भी क्योंकि वह नंगी लड़की को देख और छू रहा होगा। उससे प्यार भरी बातें करना बहुत ज़रूरी है।
लड़की की कामुकता जगाने के लिए उसके कान और मर्द के हाथ और उँगलियाँ बहुत काम आते हैं।

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पहले लड़की को उलटा लिटा दो। उसकी बाजुओं को बदन से थोड़ा अलग कर दो और टांगों को भी थोड़ा खोल दो। फिर उसके पास बैठ कर उसकी पीठ पर अपने हाथ फिराओ। पीठ के बीच से शुरू करते हुए अपनी उँगलियों और नाखूनों से पीठ पर गोलाकार रेखाएँ खींचो। साथ ही झुक-झुक कर उसकी गर्दन और पीठ पर अपने होंठों से चुम्बन करो।

अब अपनी उँगलियाँ पीठ से हटा कर उसकी दोनों बगलों पर चलाओ। इससे उसको गुदगुदी होगी और वह इधर-उधर हिलेगी। धीरे-धीरे अपने हाथों को उसके नितंब (चूतड़) और जाँघों से बचाते हुए टांगों पर ले आओ।
कुछ देर उसकी पिण्डलियों और टांगों पर हाथ फिराओ और फिर उसके पैर के तलवों को सहलाते हुए उसके पाँव की उँगलियों के बीच अपनी उँगलियाँ घुसा कर उनकी मालिश करो। बीच-बीच में नीचे झुक कर उसके बदन पर इधर-उधर चुम्मियाँ लेते रहो, साथ ही उससे कुछ ना कुछ प्यारी बातें कहते रहना अच्छा रहेगा।

अब, अपने हाथ उसके पाँवों से सरका कर उसकी जाँघों और नितंब पर ले आओ। यह बहुत ही संवेदनशील हिस्सा है और लड़की ज़रूर कसमसाएगी। उसकी कसमसाहट का आनन्द लेते हुए उसके इस हिस्से से खिलवाड़ करो।
अपने हाथों और उँगलियों से इस पूरे इलाक़े का निरीक्षण करो।

वह अपनी टाँगें भींचने का प्रयत्न करेगी पर उन्हें थोड़ा खुला ही रखो और उसकी जाँघों के मर्मशील हिस्से को ऊँगली के सिरे और नाखूनों से सहलाओ। अब, एक-एक बड़ी पुच्ची उसके दोनों चूतड़ों पर जमाओ और एक ऊँगली उसके बीच की दरार में डाल कर ऊपर से नीचे तक एक-दो बार चलाओ। ध्यान रहे कि अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल निरंतर होना चाहिए। अगर एक हाथ नितंब के लिए काफी है तो दूसरा हाथ पीठ पर चला सकते हो।

लड़की के बदन के पूरे पिछवाड़े को सहलाने के बाद उसको पलट कर सीधा कर दो। हो सकता है लज्जा-वश वह अपनी टाँगें सिकोड़ ले और अपने हाथों से अपने स्तन ढक ले। ऐसे में दृढ़ता से उसकी टाँगें सीधी करो और उसके हाथों को हटा कर बगल के साथ कर दो। उसके हाथ उठा कर उसके सिर के पास कर दो तो और भी अच्छा रहेगा।

अब जैसे पीठ पर किया था वैसे ही उसके पेट पर एक हाथ फेरना शुरू करो और दूसरे से उसके सिर के बाल सहलाओ। साथ ही उसके माथे, आँखों, नाक, कान और ठोड़ी पर पुच्चियाँ करो। लड़कियों के कान और उनके पीछे का इलाका उन्हें बहुत गुदगुदाता है, वहाँ पुच्ची करो।

अभी उसके होंठों पर चुम्बन ना करो…

अब अपना ध्यान उसकी टांगों और पाँव पर ले जाओ और प्यार से उन पर हाथ फिराओ। उसके तलवे गुद्गुदाओ और उसके घुटनों पर अपनी हथेलियाँ जमा कर गोल-गोल घुमाओ। अपने पोले-पोले हाथों और नाखूनों से उसकी जाँघों को कुरेदो।
अधिकांश लड़कियाँ इस समय तक कामुकता में लोप हो गई होती हैं… उनके दिल की धड़कन और साँसें तेज हो जाती हैं, बदन अकड़ने सा लगता है, स्तन उभरते हैं और स्तनाग्र पैने होने लगते हैं। जब ये संकेत मिलने लगें तो समझ लो लड़की लगभग तैयार है। अधिकांश मर्द इस पूरी क़वायद के दौरान उत्तेजित ही रहते हैं।

अब एक तकिया लड़की के नितंबों के नीचे रख कर उसे थोड़ा उठा दो और खुद उसके घुटनों और जाँघों के बीच बैठ जाओ। अपना वज़न उसकी टांगों पर न डालो। अब आगे झुक कर उसके स्तनों को दोनों हाथों में लेकर प्यार से मसलना और सहलाना शुरू करो, साथ ही उसके होंठों पर अपना मुँह रखकर प्यार करो।

अपनी जीभ से उसके मुँह को खोल कर जीभ अंदर डालने की कोशिश करो और फिर उसकी जीभ से खिलवाड़ करो। इस अवस्था में तुम्हारे हाथ रास्ते में आ सकते हैं तो उन्हें हटा कर लड़की को लेटे-लेटे ही आलिंगन में ले लो और अपने सीने से उसके स्तनों को मलो। अब तुम्हारा पेट उसके पेट को छू रहा होगा।

ज़्यादातर लड़कियाँ इस समय अपनी टाँगें स्वतः खोल कर मोड़ लेती हैं। अगर वह ना करे तो अपने पाँव और घुटनों से उसकी टाँगें खोल दो। उसके मुँह, गर्दन और स्तनों पर पुच्चियाँ करते हुए अपना एक हाथ उसकी योनि पर ले जाओ। उसकी योनि के इर्द-गिर्द उंगली फिराते हुए उसके कटाव में हलके से दबाव डालो। लगभग सभी लड़कियों की योनि इस समय भीगी हुई मिलेगी। अगर भीगी है और मर्द का लिंग भी तैयार है तो सम्भोग हो सकता है।

अगर पुरुष के लिए यह सम्भोग का पहला मौक़ा है तो सकता है उसे स्त्री के यौनांगों का ठीक से ज्ञान ना हो और वह अपने निशाने से चूक सकता है या फिर गलत निशाना लगा सकता है।
कुछ मर्द इतने नादान होते हैं कि वे गुदा को ही अपना लक्ष्य समझते हैं। शायद वे सोचते हैं कि योनि सिर्फ पेशाब के लिए होती है और उनका मोटा लिंग उसमें नहीं घुस पाएगा। जबकि कुछ मर्दों को यह गलत धारणा नहीं होती और उन्हें मालूम भी होता है कि उन्हें योनि को ही भेदना है पर उन्हें उस छेद को अपने लिंग के सुपारे से ढूँढना नहीं आता।अच्छा होता अगर भगवान ने एक आँख मर्दों के सुपारे पर भी लगाई होती !!

जो पुरुष पहली बार यह कर रहे हों उनके लिए लाज़मी है या तो लड़की उनके लिंग को पकड़ कर सही छेद पर टिका दे पर अगर वह शर्मीली है तो पुरुष अपनी उंगली से छेद को टटोल ले और फिर वहीं अपने सुपारे को टिका दे।

जारी रहेगा।
शगन [email protected]
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