रैगिंग ने रंडी बना दिया-26

राधा कुछ ना बोली, बस मुस्कुरा कर काका को देखने लगी। इधर मोना भी संतुष्ट हो गई थी, वो राजू के सर पे बड़े प्यार से हाथ घुमा रही थी।

मोना- आह.. राजू आह.. भले ही तेरे लंड में जान नहीं है, उफ़फ्फ़ मगर तू चूसना अच्छे से जानता है। काश तू भी काका की तरह मर्द होता तो बेचारी राधा को तड़पना ना पड़ता।
काका- अरे ये अगर मर्द होता, तो कहाँ मेरे से चुदती.. और ये कुँवारी चुत मेरे को कहाँ मिलती? अच्छा है ये कुत्ता ऐसा निकला।
राजू- काका आप भी ना मेरा मजाक बना रहे हो। मैं पहले ऐसा नहीं था। अभी 2 साल से ही ऐसा हुआ हूँ, पता है मैं दिन में 5 बार मुठ मारता था। बस इस गंदी आदत ने मुझे ऐसा बना दिया।
राधा- देवर जी, मेरे नसीब में तो पति का सुख नहीं था मगर आपकी शादी होगी तो उस बेचारी का क्या होगा उसको तो पति मिलकर भी तड़प होगी।
काका- अरे ऐसे कैसे तड़पने देंगे उसको.. मैं कब काम आऊंगा..? क्यों राजू चुदवाएगा ना अपनी बीवी को मुझसे?
राजू- हाँ काका ज़रूर आप ही तो मुझे बाप बनाओगे वरना लोगों को तो मेरे बारे में पता लग जाएगा।

राधा- काका अपने मेरी चुत को अपने पानी से तृप्ति दी है.. मगर मैं एक विधवा हूँ.. कहीं बच्चा हो गया तो क्या होगा?
काका- अरे पगली जिसे बच्चा देना होता है.. मैं सिर्फ उसी को देता हूँ। तू चिंता ना कर दवा खा लेने से कुछ नहीं होगा, मैं तेरे लिए दवा ले आऊंगा फिर तू कहाँ से माँ बनेगी। फिर तो बस तू अपनी जवानी के मज़े ले।

राधा जब बैठने लगी तो उसको चुत में थोड़ा दर्द हुआ और खून सूख कर उसकी चुत पर जम गया।

राधा- आह.. काका ये अपने क्या कर दिया, मेरी चुत को फाड़ दिया। हे राम कितना खून निकला है आह.. दर्द भी हो रहा है।
काका- अरे कुछ नहीं हुआ पगली.. ये तो शगुन का लाल रंग है। एक काम कर नीचे जाकर गर्म पानी से चुत को अच्छे से साफ कर ले, आराम मिल जाएगा। उसके बाद दोबारा भी तेरी चुत की ठुकाई करनी है.. फिर उसके बाद मेरी पसंदीदा तेरी गांड भी मारनी है।

मोना- आप आदमी हो या जल्लाद.. कितना चोदोगे उसे? बेचारी का हाल से बेहाल कर दिया, अब इसकी गांड भी मारोगे तो ये चल भी नहीं पाएगी।
काका- मेरी रानी इसकी गांड तो मैं कभी भी मार लूँगा। मैं तेरी गांड की बात कर रहा हूँ। आज उसका मुहूरत करना है।
मोना- हय मैं समझी आज मैं बच गई.. मगर आप तो मेरी गांड मारकर ही दम लोगे।

काका- ऐसे कैसे जाने दूँगा मेरी रानी.. अब चलो मैं राधा को नीचे ले जाता हूँ तुम दोनों ये खराब चादर वो सामने जो अनाज का कमरा है.. वहां छिपा दो और दूसरी चादर ले आओ। तब तक मैं राधा रानी की चुत को गर्म पानी से आराम देकर आता हूँ।
राधा- काका, नीचे तो माँ जी होंगी.. हम ऐसे कैसे जाएँगे?

काका ने उसको बता दिया कि आज कोई उठने वाला नहीं, फिर वो राधा को पकड़कर आराम से ले गया। इधर मोना और राजू अपने काम में लग गए थे।

दोस्तो मज़ा आ रहा है ना.. बस सेक्स ही सेक्स, आपको चाहिए भी यही था। चलो यहाँ थोड़ा ब्रेक लग गया है, मगर आपकी दोस्त आपके मज़े को बनाए रखेगी तो चलो मेरे साथ दूसरा सीन दिखाती हूँ।

टीना और मॉंटी अपने अपने बिस्तर पर सो रहे थे मगर मॉंटी को नींद नहीं आ रही थी। वो इधर-उधर करवट बदल रहा था।

टीना- क्या हुआ मेरा सोना.. तुझे नींद नहीं आ रही क्या?
मॉंटी- हाँ दीदी.. कितनी कोशिश कर ली, नींद आ ही नहीं रही है, बदन में जगह-जगह खुजली सी हो रही है, पता नहीं क्यों?
टीना- ऐसा क्या हो गया तुझे.. इधर आ मेरे पास.. मैं खुजा देती हूँ।

मॉंटी उठकर टीना के बिस्तर पर चला गया और टीना ने उसकी टी-शर्ट निकाल दी। अब वो सिर्फ़ एक शॉर्ट कैप्री में था और हाँ मैं आपको बताना भूल गई कि टीना ने भी उठ कर अपने कपड़े बदल लिए थे। वो रात को एक टी-शर्ट और कैप्री पहन कर सोती थी.. अंडरगार्मेंट्स उसको चुभते थे मगर पीरियड्स के चलते उसने सिर्फ़ पेंटी पहनी हुई थी.. ब्रा निकाल दी थी।

टीना बड़े प्यार से मॉंटी की कमर को सहला रही थी मगर मॉंटी को कभी सर में खुजली होती कभी पीठ पे.. तो कभी जाँघ पर, वो परेशान हो गया था।

टीना- क्या हो गया तुझे.. आज ऐसे तो तू खुजा-खुजा कर जिस्म से खून निकाल लेगा.. रुक मैं तेरा पक्का इलाज करती हूँ।

इतना कहकर टीना उठी और अपनी मॉम के कमरे में चली गई। वहां एक सरसों के तेल की शीशी रखी थी, वो उसको उठा लाई।

टीना जब आई.. मॉंटी वैसे ही खुजा रहा था। उसको जाँघों के बीच में जहाँ अक्सर लड़कों को अंडरवियर की रगड़ लग जाती है और खुजली होती है.. वही मॉंटी को भी हो रही थी। वो जोर-जोर से वहां खुजा रहा था।

टीना- अरे रुक पागल.. ऐसे कोई करता है क्या.. इससे चमड़ी फट जाएगी देख में सरसों का तेल लाई हूँ। अभी तेरे बदन पर लगा दूँगी तो सब सही हो जाएगा।
मॉंटी- ओफ दीदी.. बहुत जलन हो रही है, पता नहीं आज इतनी खुजली कैसे हो गई।
टीना- अरे कुछ नहीं मेरे सोना.. अभी सब ठीक कर दूँगी। तू एक काम कर.. अपनी ये कैप्री निकाल दे और कोई पतला कपड़ा लपेट ले।
मॉंटी- कपड़ा क्यों दीदी.. मैंने अंडरवियर पहना हुआ है।
टीना- ले भाई तभी ये खुजली हो रही है। अरे मेरे सोना रात को सोते समय अंडरवियर मत पहना कर, पसीने से ये खुजली होती है और इससे तेरी नुन्नी भी घुटी हुई रहती है, उसको भी थोड़ा आराम दिया कर, उसे ऐसे दबा के क्यों रखता है?
मॉंटी- दीदी आप बहुत गंदी हो, कुछ भी बोल देती हो, जाओ मैं आपसे बात नहीं करता।
टीना- अब ऐसा क्या बोल दिया मैंने? चल अब नखरे मत कर, निकाल कैप्री.. नहीं तो सारी रात परेशान होता रहेगा।

मॉंटी ने कैप्री निकाल दी और टीना उसकी कमर पर तेल लगाने लगी। फिर उसके पैरों की अच्छे से मसाज की। जब टीना की नज़र उसकी जाँघ के काट पे गई, जहाँ वो खुजा रहा था, वहां दाने-दाने से हो रहे थे और वो जगह एकदम लाल हो गई थी।

टीना- ओह जिसका डर था, वही हुआ। देख कैसे दाने निकल आए हैं। पागल ऐसे तो यहाँ दाद हो जाएगी, यहीं ऐसा है तो और अन्दर पता नहीं क्या हाल होगा? चल ये भी निकाल.. मुझे देखने दे कि अन्दर खुजा-खुजा कर तूने क्या हाल किया हुआ है।
मॉंटी- नहीं दीदी, ऐसे ही तेल लगा दो, मुझे शर्म आती है। मैं आपके सामने पूरा नंगा नहीं हो सकता।
टीना- ओये होये.. बड़ा आया नंगा होने में शर्म वाला, कल तक तो तुझे मैं ही नहलाती थी। चल निकालता है या मैं खींच कर निकाल दूँ?

मॉंटी डर गया क्योंकि टीना अगर गुस्सा हो गईं तो फिर वो सब अच्छा-बुरा भूल जाती हैं इसलिए उसने चुपचाप चड्डी निकाल दी।

मॉंटी की लुल्ली सोई हुई कोई 3″ की होगी, जिसे देख कर टीना की हँसी निकल गई।

टीना- हा हा हा… क्या इस मूँगफली को मुझसे छुपा रहा था हा हा हा..
मॉंटी- जाओ मैं आपसे बात नहीं करता। मुझे पता था आप मेरा मजाक बनाओगी और एक बात सुनो.. मेरे सब दोस्तो में मेरी लुल्ली सबसे बड़ी है ओके!
टीना- अच्छा तुझे कैसे पता? क्या तूने सबकी खोलकर देखी है?
मॉंटी- हाँ अक्सर स्कूल से आते वक़्त हम वो बड़ा नाला है ना.. वहीं पेशाब करते हैं, तब से पता है। मेरे सब फ्रेंड भी यही कहते हैं कि तेरी सबसे बड़ी है और मोटी भी है।
टीना- अच्छा ये बात है.. मगर मुझे तो ऐसी कोई बात नहीं नज़र आ रही।
मॉंटी- नहीं दीदी ये कभी-कभी बड़ी होती है.. अभी तो छोटी है।

टीना समझ तो गई थी मगर वो मॉंटी के मज़े ले रही थी।

टीना- अच्छा कैसे बड़ी होती है.. ज़रा मुझे भी बताओ मेरे भाई?

दोस्तो मॉंटी सीधा सा लड़का था, उसके दोस्त भी ठीक से थे, इसलिए ये सेक्स की बातों से दूर था, इसका तो बस पढ़ाई में ध्यान रहता था। अब बेचारा इसको क्या पता था कि इसकी बहन एक पक्की रंडी है जो तरह-तरह के लंड देख और खा चुकी है।

मॉंटी- पता नहीं अपने आप ही होती है। एक तो सुबह जब सोकर उठता हूँ, तब और कभी जब जोर से सूसू आती है जब।
टीना- अच्छा ये बात है.. चल इसको अभी बड़ी करती हूँ, देख तू मेरा जादू।

टीना ने ढेर सारा तेल लिया और उसकी जांघ पर मालिश करने लगी, साथ ही साथ उसकी लुल्ली पर भी हाथ घुमाने लगी।

अब दोस्तो किशोर हो या जवान.. लंड सबका खड़ा होता है, ख़ासकर जब कोई उसे इतने प्यार से सहलाए।

मॉंटी की लुल्ली भी अकड़ने लगी और जल्दी ही वो एक लंड बन गई.. पूरे 5.5″ लंबी और मोटी भी इतनी कि एक नॉर्मल आदमी के लंड जितनी, टीना तो उसको देखती रह गई।

टीना- ओह माय गॉड.. मॉंटी ये तो सच में बहुत बड़ी है यार.. अजय के लंड को भी ये मात दे दे ऐसी है!
मॉंटी- मैंने कहा था ना ये बड़ी होगी और ये अजय कौन है दीदी?
टीना एकदम से सकपका गई और बोली- कोई नहीं.. तू अब सीधा लेट जा, मैं तुझे तेल लगा देती हूँ फिर तुझे अच्छी नींद आएगी।

टीना अब बड़े प्यार से मॉंटी की मालिश करने लगी थी। वो उसके लंड को भी अच्छी तरह तेल लगा रही थी, लंड को आगे-पीछे कर रही थी। उसने सुपारे की चमड़ी हटा कर उसको बाहर निकाला जो एकदम गुलाबी था। उसे देख कर टीना के मन में विचार आया कि ये अभी इतना बड़ा है.. जब पूरा जवान होगा तब तो इसका लंड घोड़े जैसा हो जाएगा। पता नहीं किस लड़की के नसीब में ऐसा तगड़ा लंड लिखा होगा।

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कहानी जारी है।