मेरे पहले प्यार कविता की ज़न्नत

इंटरव्यू वाले दिन 5 लड़कियां आईं.. जिनमें से एक का नाम कविता था। कविता मुझे बहुत पसंद आई तो मैंने उसे नौकरी के लिए रख लिया। मैंने उससे अगले दिन से जॉब पर आने के लिए बोल दिया।
अगले दिन से वो जॉब पर आने लगी।

कुछ दिन तक तो सब नॉर्मल चलता रहा, उसके बाद मैंने नोटिस किया कि वो मुझ पर कुछ ज़्यादा ही ध्यान देने लगी थी।

जब भी इन्स्टिट्यूट में कोई नहीं होता था तो वो मेरे केबिन में किसी ना किसी बहाने से आ जाती थी। वो दिखने में काफ़ी अच्छी थी.. गोरा रंग, साढ़े पाँच फिट की हाइट, उसका 34-30-34 का मन को मस्त कर देने वाला फिगर था।
धीरे-धीरे हम दोनों में पर्सनल बातें भी शेयर होने लगीं.. जिससे मुझे पता चला कि वो पंजाब के एक गाँव की रहने वाली है और जयपुर में सोडला में एक ‘पीजी’ में रहती है।

अब वो जब भी इन्स्टिट्यूट से बाहर जाती थी.. मेरे लिए भी कुछ ना कुछ खाने के लिए ले आती थी।

मैं भी जयपुर में एक रूम लेकर रहता था.. तो सुबह कुछ खाकर नहीं आता था, उसे यह बात पता लगी तो वो मेरे लिए भी खाना लाने लगी।
एक दिन बातों ही बातों मैं उससे उसके ब्वॉयफ्रेंड के बारे में पूछा.. तो पता चला कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है।

फिर कुछ और दिन ऐसे ही चलता रहा।
पर कहते हैं ना जो लिखा होता है वो होकर रहता है।

एक दिन मैं जब सुबह इन्स्टिट्यूट आया तो थोड़ी देर में पता चला कि उस दिन शहर में कोई हड़ताल थी। तो मैंने उससे कह कर सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स को मैसेज करवा कर छुट्टी के लिए सूचित करवा दिया.. तथा उसको भी जाने के लिए बोल दिया।

मुझे ऑफिस में रुक कर काम करना था और आज छुट्टी भी थी.. तो मैंने वहीं रुकने का फ़ैसला कर लिया, मेरी देखा-देखी वो भी घर नहीं गई। हड़ताल होने की वजह से कोई उपद्रव करने वाला इन्स्टिट्यूट में ना आ जाए, इसलिए हमने कोचिंग को अन्दर से बंद कर लिया और अपना काम करने लग गए। लगभग 2 घंटे में हमने काम खत्म कर लिया और फिर दोनों ने साथ बैठ कर खाना खा लिया और बातें करने लगे।

उस टाइम मुझे उसका देखने का तरीका बहुत अजीब लग रहा था। फिर कुछ देर बातें करने के बाद मैंने उससे चलने को कहा। मैं चलने के चेयर से उठा.. तो उसने मेरे पास आकर मुझे हग कर लिया।
मेरे लिए ये इतना औचक था कि मुझे समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूँ। फिर थोड़ी देर बाद मैंने भी उसे हग कर लिया। मेरी हार्ट बीट इतनी तेज चल रही थी कि मुझे सुनाई दे रही थी।

फिर उसने अपना मुँह ऊपर करके बोला- मैं आपको बहुत पसंद करती हूँ।
यह कह कर उसने अपनी आँखें नीचे कर लीं। मैंने भी उसकी भावनाओं की कदर करते हुए उसके माथे को हल्के से चूमा और हग कर लिया।
थोड़ी देर हग करने के बाद हम दोनों ही कोचिंग से बाहर आ गए।

उस दिन मैंने पहली बार उसे अपनी बाईक से उसके ‘पीजी’ छोड़ा। पूरे रास्ते ही ना उसने कुछ बोला और ना मैंने। उसे छोड़ कर मैं अपने कमरे पर आ गया और उस पूरी रात, जो सब कुछ भी आज हुआ था, उसी के बारे में सोचता रहा। मुझे नींद ही नहीं आई, मैं अगली सुबह का इंतज़ार करने लगा।

अगले दिन से कोचिंग में सब कुछ पहले जैसे ही नार्मल रहा। मैं भी सब कुछ भूल कर वापिस काम में लग गया। दो दिन बाद सन्डे था। उस दिन की छुट्टी होने की वजह से मैं अपने कमरे पर ही था, तो मेरे मोबाइल पर कविता ने मैसेज किया और मैंने भी रिप्लाई कर दिया।

फिर उसने फ़ोन किया और कहीं घूमने चलने के लिए पूछा.. तो मैंने ‘हाँ’ कर दी और थोड़ी देर में उसके पास आकर मिलने के लिए कहा।

आधा घंटे बाद मैं तैयार होकर उसे लेने चला गया और फिर हम घूमने चले गए। बाहर बहुत गर्मी होने की वजह से हम दोनों ने ही मूवी देखने का प्लान बना लिया। उस समय हिट मूवी ‘राउडी राठौर’ आई हुई थी.. तो हम दोनों उसी फिल्म को देखने चले गए।

हम दोनों ने पीछे कार्नर की सीट ली और बैठ गए। मूवी स्टार्ट होते ही उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया और मूवी देखने लगी। मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैंने हल्के से उसके गाल को चूम लिया।
उसने प्यार से मेरी आँखों में देखा; मैं उसकी आँखों में देखते ही देखते उसके पास आया और उसके होंठों को हल्के से चूम लिया… तो उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैंने उसके होंठों को फिर से चूम लिया।

जिसने भी अपने पहले प्यार को किस किया है.. वो समझ सकते हैं कि कैसी फीलिंग होती है।

उससे ज्यादा हमने कुछ नहीं किया और मूवी पूरी होने पर हम वहाँ से आ गए। वहाँ से आने के बाद मैंने उसे उसके ‘पीजी’ में वापिस छोड़ दिया और कमरे पर आ गया।

उसके बाद हम दोनों अक्सर घूमने चले जाते और कोचिंग में फिर से नार्मल तरीके से अपने काम में लग जाते। ऐसे ही हम दोनों का हल्का फुल्का रोमांस लगभग 2 महीने चलता रहा।

अगस्त का महीना था जिसमें जयपुर में काफी बारिश होती है। तो एक दिन मैं उसे कोचिंग से लेकर निकला और घूमने जाने का प्लान बना लिया। मेरे पास बैग मैं मेरा लैपटॉप था। उस दिन बारिश का मौसम हो रहा था तो हमने तय किया कि पहले लैपटॉप मैं अपने कमरे पर छोड़ दूँगा और फिर घूमने चलेंगे।

हम दोनों बाइक से कमरे पर पहुँचने ही वाले थे कि हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गई। कमरे पर पहुँचने तक हम दोनों ही थोड़ा-थोड़ा भीग गए थे। मैंने उसे कमरे के अन्दर आने को बोल दिया। कमरे में आने के बाद मैंने उसे देखा तो वो हल्की हल्की भीग चुकी थी और उसका गीला चेहरा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

उसने मुझे अपनी ओर देखते पाया तो पूछा- क्या देख रहे हो.. क्या मुझे कभी देखा नहीं है?

मैं कुछ नहीं बोला और उसके पास चला गया और उसे हग कर लिया, वो भी मुझसे जोर से लिपट गई जैसे वो मुझे कभी ना जाने देना चाहती हो।
मैंने उसके कान के पास होकर कहा- आई लव यू।
उसने मुझे और जोर से हग कर लिया।

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद उसने कुछ पकड़ को ढीला छोड़ा। मैंने उसे चेयर पर बिठाया और उसके पास नीचे ही बैठ गया।
अब मैंने उसकी तरफ देख कर पूछा- क्या हुआ।
उसने बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
मैंने उससे कहा- मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।

वो मुझे देखती रही और उदास हो गई।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- कुछ नहीं।

फिर वो उठ कर बिस्तर पर बैठ गई और मुझसे बोली- मुझे तुम्हारी बांहों में सोना है।
मैं उसके पास जाकर सो गया तो उसने लेट कर मुझे हग कर लिया। हम दोनों ऐसे ही लेटे थे और उसकी आँखें बंद थीं। मैंने हल्के से उसे किस किया तो वो भी मुझे किस करने लगी। हम दोनों ही एक-दूसरे में खोते चले गए।

मैं धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा और वो मुझे टाइट हग किए हुए थी। मैंने हल्के-हल्के से उसकी कमर पर हाथ फिराना शुरू कर दिया और उसके टॉप को ऊपर कर दिया। उसने कोई विरोध नहीं किया। मैंने उसका टॉप निकाल दिया तो उसने पास पड़ी चादर अपने ऊपर खींच ली। मैं उसके पेट और पूरी बॉडी पर चुम्बन करने लगा। वो मुझे कस कर जकड़े हुए थी और बार-बार ‘आई लव यू..’ बोले जा रही थी।

फिर मैंने हल्के से उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके मम्मों को हल्के से दबाया तो वो काँप गई और मुझसे लिपट गई। हम दोनों ही कुछ भी नहीं बोल रहे थे। मैं उसके मम्मों को हल्के-हल्के चूमने लगा.. और बस चूसने लगा।

वो अपनी आँखें बंद किए हुए ही थी। उसको देख कर मुझे पूर्ण विश्वास था कि उसे बहुत अच्छा लग रहा है।

अब मैंने भी अपनी टी-शर्ट और जीन्स उतार दी और सिर्फ अंडरवियर में आ गया।

मैंने उसकी जीन्स के बटन को हल्के से खोल दिया और अपना हाथ उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया। वो बहुत जोर से सिसकारियां लेने लगी। मैंने धीरे धीरे उसकी जीन्स नीचे कर दी और फिर हाथ पैंटी के अन्दर डाल कर उसकी चूत को हल्के हल्के सहलाने लगा, वो अपनी कमर को बार-बार उठा रही थी।

उसने मुझे बहुत जोर से चिपकाया और कहा- रवि, मैं सिर्फ तुम्हारी होना चाहती हूँ। प्लीज मुझसे कभी दूर मत होना।
मैंने भी कह दिया- कभी नहीं होऊँगा।

अब उसने अपनी जीन्स और पैंटी खुद ही खोल दी। मैंने भी अपना अंडरवियर निकाल दिया। उसने मुझे चिपका लिया। मैं उसको अपनी बांहों में भरे हुए उसके ऊपर आ गया और उसकी टांगों के बीच आ गया। अब मैं उसे चुम्बन करने लगा। चुम्बन करते-करते मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और दबाने लगा। मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया। उसे दर्द होने लगा तो उसने मेरे नीचे वाले होंठ को काट लिया।

उसकी चूत में धीरे-धीरे मेरा लंड पूरा घुस गया, हम दोनों ही पसीने से भीग गए।

फिर मैंने लंड को धीरे-धीरे चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर उसे दर्द होता रहा.. पर वो मुझे कुछ नहीं बोली।

लगभग एक मिनट बाद उसे भी थोड़ा अच्छा लगने लगा तो उसके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलनी शुरू हो गईं। वो एकदम से अकड़ गई और शायद झड़ गई।

लगभग 5 मिनट बाद मैं भी उसके अन्दर ही झड़ गया। मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया और यूं ही लेट गया। वो भी काफी खुश लग रही थी।

कुछ देर हम वैसे ही लेटे रहे।

फिर हम दोनों ही तैयार हो कर वहाँ से निकले और कुछ खाने के लिए रेस्टोरेंट में चले गए। उसे अभी भी दर्द हो रहा था तो मैंने एक पेनकिलर गोली लाकर दी। और साथ में उसके कहने पर एक ‘आई-पिल’ भी ला दी। कुछ देर बाद साथ रहने के बाद मैंने उसे उसके ‘पीजी’ छोड़ दिया।

अगले दिन मैं कोचिंग गया तो वो नहीं आई थी। मैंने उसे कॉल किया तो उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा था। मैं परेशान हो गया। मेरा मन नहीं लग रहा था तो मैं दो घंटे में ही कोचिंग से निकल गया और उसके ‘पीजी’ पहुँच गया। वहाँ उसको नीचे बुलाया.. तो वो बहुत उदास लग रही थी। मैंने उसे बाइक पर बिठाया और पास ही एक रेस्टोरेंट में ले गया।

वहाँ उसने जो बताया उसे सुन कर मुझे रोना आ रहा था।
उसने बोला- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.. लेकिन मेरी शादी बचपन में ही मेरे घर वाले कर चुके हैं। एक साल बाद ससुराल वाले उसे गौना करवा के ले जाएंगे।

मैं भी उसे बहुत प्यार करता हूँ इसलिए उसने पहली बार के सारे राईट मुझे दे दिए। वो मुझे दुखी नहीं देख सकती इसलिए उसने आज ही वापिस घर जाने का फैसला कर लिया और वो शाम को जा रही थी।
मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और उसे समझाया- तुम ऐसे न जाओ।

मेरे बहुत समझाने के बाद वो इस शर्त पर मान गई कि जब तक वो यहाँ है.. हम दोनों रिलेशन बनाए रख सकते हैं। मैं उस दिन वापिस आकर बहुत रोया। लेकिन उसी दिन मैंने खुद से वादा कर लिया कि जब तक वो मेरे साथ है वो कभी उदास नहीं होगी। हम एक साल तक रिलेशन में रहे और उसके बाद वो चली गई। उसके बाद हमारी कभी बात नहीं हुई।

प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं कि आपको मेरी रोमांस भरी सेक्स कहानी कैसी लगी।
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