मेरी और मेरी सहेली की चुत की कामुकता-2

मैंने कहा- आज तक एक साथ कभी इतने लड़कों से नहीं चुदी हूँ यार! आज कम से कम तीन से तो पंगा ले ही लूंगी.
रिया ने हंस कर मेरे होटों पे एक पप्पी कर दी.

तभी मैंने उसके गाल पे एक चांटा जमाया और कहा- और तू कमीनी मुझे अकेली छोड़कर इनके नीचे बिछने जा रही थी?
कातिल अदा के साथ मेरी जांघे दबाते हुए रिया ने कहा- ऐसे मौके पर तू नहीं आए, ये हो सकता है क्या?

तब तक राजीव और उसके दोस्त भी आ धमके, हम दोनों उन्हें पहचान गयी. डांस फ्लोर पे हमें यहाँ वहाँ दबाने वाले ये लोग ही थे. जब हम दोनों उनके गले मिली तो कुछ लड़कों ने कुछ ज्यादा ही कसके हमें गले लगाया और साथ साथ हमारी गांड और मम्मे भी मसल दिए. एक ने तो मेरे होटों को हल्का सा काट खाया.

मालूम पड़ा कि राजीव के दोस्तों के नाम मनीष, यश, मॉन्टी और राहुल थे. उसमें राहुल सबसे हैंडसम था और मॉन्टी सबसे ज्यादा वहशी लग रहा था. मगर हम दोनों को कोई परवाह नहीं थी. अब तालाब में कूद पड़ी थी तो तैरना भी लाजमी था ना?

खैर, एक दूसरे के परिचय के बाद, गले मिलने के बाद वो लोग अपनी गाड़ी से चल पड़े और हम उनको फॉलो करने लगी.
मैं अच्छी खासी हॉट हो चुकी थी. एक तो शराब का सुरूर और गोवा की हवा, दोनों ही मस्त थी.
गाड़ी चलाते हुए मैंने रिया की तरफ देखा तो वो किसी ख्याल में खो चुकी थी. मैंने पूछा- क्या हुआ कमीनी? पब में तो बहुत फुदक रही थी, अब चुप क्यों है?

रिया ने चहरे पे गंभीरता लाकर पूछा- निकी, कल सुबह हम अपने पैरों पे खड़ी हो सकेगी ना यार?
और हम दोनों ठहाके मार के हंसने लगी.

कुछ ही देर में हम अपने मुकाम पे पहुँच गए. लड़कों ने एक इंडेपेंडेंट विला खुद के लिए किराये पे ले रखा था. जैसे ही मैंने जीप पार्किंग में रोकी, राहुल और मॉन्टी दोनों आकर मुझे और रिया को अपनी बांहों में उठाये हुए, हंसते हंसाते, चुम्मा-चाटी करते हुए विला में प्रवेश कर गए.

रिया और मेरी धड़कनें बढ़ गयी थी. आगे क्या होगा यह सोच कर गला सूख रहा था. हम दोनों ने एक दूसरे को देखा तो दोनों एक दूसरे के मन की बात जान गयी. अब कोई बाजारू रंडियाँ तो नहीं थी हम. बस चूत के शौक को पूरा करने के लिए इतना तगड़ा रिस्क उठाया था हमने!
फिलहाल तो सभी लड़के अच्छे से पेश आ रहे थे. मगर जब उनके लंड खड़े हो जाने थे तब पता नहीं इनमें से कौन कौन वहशी बनने वाला था.

अंदर रूम के बीचों बीच एक बड़ी सी गोल टेबल थी, राहुल और मॉन्टी ने हमें आराम से उसके ऊपर बिठाया. मॉन्टी ने तो सीधा रिया के मम्मे मसलते हुए उसके होंठ खाना शुरू किया जबकि राहुल ने अपने होंठ मेरे कान के पीछे रगड़ते हुए कहा- निकिता, जब से तुम्हें डांस फ्लोर पे देखा, तब से ही तुझे चोदने का मन कर रहा था. वैसे तुम्हारी गांड बहुत ही सेक्सी है. आज तो मैं जी भर के तुम्हारी गांड मारूंगा.
मैंने कसमसाते हुए कहा- पूरी रात पड़ी है जालिम! मैं कहीं भाग थोड़ी रही हूँ. मगर कमसे काम थोड़ा पानी तो पिला दे!

इतना कहते ही लड़के होश में आये, कोल्ड ड्रिंक, वोदका का दौर फिर से चला, सिगरेटें सुलगी और हमें सोफे पे बिठा के वो सब हमारे अगल बगल में बैठ गए. जिसको भी शराब पीनी होती, लड़के हमें उसकी गोद में खींचते और हमारे हाथ से शराब पीते.
गोद में बैठने से सबके लंड हमारी गांड पे चुभ रहे थे और ये चुभन मुझे और रिया को गीली कर रही थी.

तभी राजीव ने कहा- निकी, क्या तुम हमारी साकी बनना पसंद करोगी? बाद में रिया हमारी साकी बनेगी.
मैंने और रिया ने सवालिया नजरों से राजीव की तरफ देखा. तो उसने हम दोनों का हाथ पकड़ के खड़ा किया. नजरों ही नजरों में पता नहीं उसने अपने साथियों से क्या इशारा किया कि वो सारे हमारे इर्द-गिर्द जमा हुए और उन्होंने बड़े ही रोमांटिक तरीके से हम दोनों के बदन से कपड़े उतारना शुरू किया. मुझे और रिया को भी इसमें मजा आ रहा था. आगे क्या करेंगे ये लोग सोच कर चुदास बढ़ती जा रही थी.

कुछ ही पलों में उन्होंने हमें पूरी नंगी कर दिया और फिर पकड़ कर उसी गोल टेबल पे खड़ा कर दिया.

राजीव ने मेरे हाथों में एक वोदका की बोतल पकड़ा दी और कहा- चल, बन जा हमारी साकी. धीरे धीरे बहा दे ये बोतल अपनी सहेली के बदन पे हम सारे इसका बदन चाट चाट कर शराब पिएंगे.
उसकी ये बात सुनकर मेरे और रिया के रोंगटे खड़े हो गए, चुत पानी-पानी हो गयी. रिया का एक हाथ अपने आप उसकी चुत पे चला गया.

मैं बुत बन कर खड़ी थी और लड़के अपनी जीभ, कुत्ते की तरह निकालकर रिया के इर्द गिर्द खड़े हो गए. राजीव ने मेरे चूतड़ों पे चपत मारी तो मैं होश में आयी और वो वोदका की बोतल से धीरे धीरे मैंने रिया के बदन पर शराब गिराना चालू किया.
जैसे शराब की धार उसके बदन से बह निकली तो रिया के मुँह से एक बहुत ही सेक्सी आह निकल गयी और उसी के साथ पांचों लड़कों की जीभ रिया के बदन पे चिपक कर उस सेक्सी शराब का आनन्द लेने लगी.

पांच पांच मुँह रिया के बदन के हर जगह से चूम कर चुसाई कर रहे थे. रिया ने अपनी आंखें कस के बंद की थी और उसके मुँह से आहें निकल रही थी. रिया के मम्मे, चुत, गांड, पर हर जगह को इन लड़कों ने जी भर के चूसा और कुछ ही पलों में रिया की चुत से कामरस बह निकला. वो इतना तेज ऑर्गैज़म था कि उसके पैर कांपने लगे. अगर सारे लड़कों ने उसे घेरा नहीं होता तो वो पक्का गिर जाती.

किसी ने चाट चाट कर उसकी चुत भी साफ़ कर दी. फिर रिया ने होश में आते हुए हर एक लड़के को एक लंबा सा किस दिया.

अब सबकी नज़रें मेरे ऊपर थी. रिया ने एक नयी बोतल थामी और वो मेरे बगल में आ खड़ी हुई, बोतल को ऊँचा करके उसने पुछा- बोलो तुम्हें शराब चाहिए, या ये लड़की चाहिये?
सबने जोर से बोला- लड़की के बदन पर शराब चाहिये!

रिया ने बेहद धीमे शराब को मेरे बदन से बहाना शुरू किया. शराब की पहली धार मुझे अंदर तक दहला गयी और कुछ सोचने से पहले ही एक मुँह मेरी चुत पे आ जमा, एक गांड पर आया, कोई मेरी बेदाग पीठ की सफर करने लगा और दो मुँह मेरे मम्मों की खातिरदारी करने लगे. पांच पांच मुँह का अपने बदन पे अहसास होते ही मेरे मुँह से एक घुटी घुटी चीख निकल गयी.

उस वक़्त मेरी जो हालत थी उसे मैं शब्दों में बयाँ नहीं कर सकती. ऐसे लग रहा थी कि मैं तो जन्नत पहुँच गयी. मेरे दोनों निप्पल को दो अलग अलग लोग अलग अलग तरीके से चूस रहे थे. एक बंदा मेरे चूतड़ों से बह चली शराब को चूसने में मस्त था और कोई मेरे चहरे से लेकर पूरा ऊपरी हिस्सा काट खा रहा था. और पता नहीं कौन जो मेरी चुत के साथ फेविकोल की तरह चिपका था.
कुल मिलाकर इस वक्त अगर मौत भी आती तो भी मैं खुशी ख़ुशी मर जाती.

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बगल में खड़ी रिया को अपनी तरफ खींच कर अपने होंठ उसके होटों पे जमा दिए. कुछ ही पलों में मेरी चुत ने भरभरा कर पानी छोड़ दिया, मैं वैसे ही निढाल सी किसी की बाहों में झूल गयी.

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