माया की चूत ने लगाया चोदने का चस्का-4

मैं भी उदास सा हो गया था।
हम लोगों ने चुपचाप दोपहर का खाना खाया और मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया। आज इतवार होने से मैं सुस्ता रहा था.. तो दोपहर में सो गया।

शाम होने को होगी और मुझे नींद में कुछ छूने का एहसास हुआ।
मैंने आंख खोली.. तो माया मेरे सर के पास बैठे हुए मेरे सर को चूम रही थी।

मैंने जागते हुए उदासी से बोला- ओह तुम हो? यार तुम तो पराई हो गई।

उसने अपनी गोद में मेरा सर लेकर मेरे होंठों पर अपना हाथ रखते हुए कहा- नहीं विकी.. हम कभी पराए नहीं होंगे… तू मेरा पहला और आखिरी प्यार है। अब माया किसी को प्यार नहीं करेगी।
मैं- अरे यार तुम्हें डर नहीं लगता.. अगर चाची आ गईं तो?

माया- नहीं आएंगी वो दोनों और दीपू ताऊजी के घर गए हैं और कल सुबह आएंगे और सीमा और सपना कल शाम को आएंगे। भाभी ने मुझे तेरा खाना बनाने और ख्याल रखने कहा है और वे सब अभी-अभी गए हैं, अब हम दोनों घर में अकेले हैं। चल तू हाथ-मुँह धो कर नीचे आ जा!

माया नीचे गई और मैं ब्रश करने चला गया।
कुछ पल बाद मैं नीचे गया तो घर का मेन गेट बन्द था और घर में शांति थी।

माया ने मुझे आवाज़ दी- मुन्ना यहाँ आ..

वो अपने कमरे में थी.. मैं उसके कमरे में गया.. तो मैं अचम्भे में पड़ गया। कमरा एकदम सजाया हुआ था और मैं सुबह जो फूल लाया था वो बिस्तर पर बिछाए हुए थे। कमरा मानो सुहागरात का कमरा हो.. वैसे ही खुशबूदार था।

मैंने माया को देखा तो मेरे लंड में करंट दौड़ गया। क्या क़यामत लग रही थी वो.. इतनी तैयार तो वो आज सुबह उस वक्त भी नहीं थी.. जब उसे लड़का देखने आया था।
उसने गुलाबी रंग का एकदम लो कट गले का कुरता और सलवार पहना था।
वो इतना चुस्त था कि उसकी गोरी मुलायम चूचियां मानो कुर्ती के कसाव की वजह से ऊपर उभरी हुई थीं।

कुरते में ऐसे-ऐसे दबी हुई थीं.. मानो अभी कुरते को फाड़ कर बाहर आ जाएंगी। उसके मखमली गुलाबी होंठ आज कुछ ज्यादा ही रसीले लग रहे थे।

मेरे साथ यह सब पहली बार हो रहा था। मुझे एक अजीब सा.. पर जिन्दगी का पहला नशीला एहसास हो रहा था।
उसने पलंग पर रेशमी मखमली महरून चादर बिछाई हुई थी, पास में पड़े टेबल पर केशर वाले दूध का गिलास था।

माया की आँखों एक जबरदस्त नशा था, उसके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी झलक रही थी।

मैंने उसकी आँखों में देखा तो वो मानो जिन्दगी भर से तरसी हुई एक चुदासी सी दिखी.. उसमें एक वासना के अंगारे भड़के हुए दिखाई दे रहे थे।

मुझे लगा कि आज यह मुझे कच्चा चबा जाएगी।

इस समय इतना एकांत होने के कारण मेरा दिल थोड़ा फड़क गया।

अगले ही पल मुझे सीमा का ख्याल आया और लगा अगर मैं इसके जल में फंसा तो सीमा हाथ से छूट जाएगी जो कि वो मेरी हॉट एंड फेवरिट थी।

इतने में माया ने अपनी बाँहें फैलाते हुए कहा- लल्ला आज चाय नहीं.. यह दूध पियो.. मेरे पास आ मेरे कलेजे के टुकड़े.. यहाँ आ जा।
मैं उसके पास गया और उसके करीब बैठ गया और दूध पीने लगा.. तो उसने कहा- एक घूंट मेरे लिए रखना।

मैं- क्या तू मेरा जूठा दूध पियोगी?

माया- अरे मेरे राजा.. तुझे क्या बताऊँ मैं तेरा क्या-क्या पीना चाहती हूँ? आज तो मैं तुझे ही पीना चाहती हूँ।
उसने मेरा जूठा दूध पिया और गिलास रखते हुए बोली- आजा मेरे राज्जा, तुझे बढ़िया और नशीला दूध पिलाती हूँ।

उसने मुझे खींचा और मुझे अपनी छाती से कसके चिपका लिया।
उसका बदन अंगारे की तरह दहक रहा था, उसकी धड़कन से लग रहा था मानो उसका दिल उसकी छाती फाड़ कर बाहर आ जाएगा। उसके बदन से एक अजीब सी मगर जबरदस्त मादक खुश्बू आ रही थी।
मेरी जिन्दगी का यह पहला नशा था दोस्तो.. और मुझे क्या हो रहा था.. यह कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं थे। मैं उसके बदन आग में जल कर सिकने लगा।

फिर मेरे दिमाग में सीमा का विचार आया.. तो मैंने उसे बांहों लेते हुए कहा- माया मैं एक बात करूँ तो तू बुरा तो नहीं मानेगी?

माया- नहीं मेरे प्यार.. तेरी कोई चीज़ या बात मुझे बुरी नहीं लगती।
वो मेरी बिना बाल की साफ़ बगलों को बड़े नशे से सूंघ रही थी।

मैं- यार तू मुझे बहुत प्यारी लगती हो और मैं तेरे प्यार की इज्ज़त करता हूँ.. पर मेरी दिल से पसंद सीमा है।
माया- अरे बदमाश तू क्या समझता है मुझे पता नहीं? मैंने अक्सर तुझे उसको घूरते देखा है, पर तुझे पता भी है कि वो एक अलग किस्म की लड़की है। उसे लड़कों में कोई दिलचस्पी नहीं है। उसे तो बड़ी चूचियों वाली चिकनी लड़कियां पसंद हैं। लल्ला.. वो लेस्बियन है। वो तुझे घास भी नहीं डालेगी, पर मेरे पास उसका तोड़ है, अगर तू..

इतना कह कर माया मेरे होंठ को चूमते हुए बोली- अगर तू मुझसे गुप्त रूप से शादी कर ले.. मतलब जब तक मेरी असली शादी नहीं होती, मुझे अपनी अर्धांगनी बना ले मेरी जान। यार तू मुझे इतना क्यों भाता है.. पता है? मुझे अपने से कम उम्र के तेरे जैसे बच्चे पसंद हैं। मैं इसी लिए तो तुझ पर मरती हूँ। जब से तू यहाँ आया है तुझे खबर नहीं.. मैंने अपने आपको कैसे सम्भाला है। क्या हम जब तक मेरी शादी नहीं होता तब तक पति-पत्नी की तरह रह नहीं सकते? भरोसा रख.. इस बात की मैं किसी को भनक तक नहीं आने दूंगी। यार सीमा तो क्या.. मैं तेरे लिए दुनिया भर की लड़कियों की लाइन लगा कर तेरे चरणों में रख दूंगी.. पर उस बूढ़े से शादी के पहले मैं तुझे बहुत प्यार करना और भोगना चाहती हूँ.. एक भरपूर जिन्दगी जीना चाहती हूँ मेरे लल्ले। क्या तू मुझे जिन्दगी के कुछ पल उधार देगा?

उसकी आँखें फिर से आंसू से भर गईं, अब मुझे लगा कि वो सही में वासना से तड़प रही है और मुझे उसका साथ देना चाहिए, वो सही में मेंरे प्यार की दीवानी है।

मैं- माया लेकिन मुझे कुछ नहीं आता, मैंने कभी किसी औरत के साथ कुछ नहीं किया। इसलिए तो आज सुबह मैंने तुझे काट लिया था।
माया- मेरे दिल के टुकड़े.. मैं तुझे प्यार करने की और औरतों को कैसे भरपूर चोदते हैं.. उसके सभी दांवपेंच सिखा दूँगी मेरे लल्ला.. बस तू मुझे थोड़ी सी जिन्दगी जी लेने दे।

मेरे काटने बात उसे याद आते ही वो मुझ पर झपट पड़ी.. और उसने अपने दांतों से मेरे गालों को बड़ी सख्ती काट लिया।

मैंने चिल्लाते हुए कहा- ओहह.. माँआ..या.. ओह्ह्.. तूने मेरे गालों को चीर डाला.. उफ्फ्फ्फ़ माँ..

वो ख़ुशी से हँस पड़ी और उसके चेहरे पर बदला ले लेने की ख़ुशी झलकने लगी थी।
माया- पागल.. साले कुत्ते बन्दर तूने भी मुझे ऐसे ही काटा था और मुझे भी ऐसा ही दर्द हुआ था।

मेरे गाल लाल हो गए थे और उस पर उसके दांत गड़ कर निशान बन गया था उसने फिर प्यार से अपनी हथेली से मेरे गालों को सहलाया और कहा- सॉरी मेरे लल्ला.. पर तूने पागल आज सुबह मुझे बहुत ही जोर से काटा था.. और मैं उस वक्त आवाज़ भी नहीं निकाल सकती थी.. पता है? अब तुझे पता चला कि दर्द क्या होता है.. तुझे तो मैं आज काट-काट कर खाऊँगी.. आज अगर तुझे चीर न दिया तो मैं माया नहीं।

वो कामुकता से अपने दांतों से निचला होंठ चबाने लगी। फिर अपनी जुबान मेरे मुँह में घुसा कर मेरी जुबान से टकरा-टकरा कर मुझे किस कर करने लगी। उसके मम्मे मेरी छाती से कसके चिपके हुए थे और वो अपने हाथों से मेरी जाँघों पर बड़े प्यार से सहला रही थी।
मेरे तो होश उड़े हुए थे। मैं उसकी कोमल पीठ पर अपना हाथ बड़े प्यार सहला रहा था और उससे उसे बहुत जोश आ रहा था। मेरा लंड कड़ा हो कर बरमूडा पर तम्बू सा उभार बना रहा था। मेरी सांसें तेज हो रही थीं।

उसने कुछ मिनट तक मेरे होंठों को चूमा और मेरी छाती से अपनी चूचियां रगड़ती रही।

उसके मुँह से ‘उह.. उह.. उम्म्म.. उह आहह्ह्ह.. उह.. गूंगूं.. चप.. चप.. चपाक चपाक.. पुच्च्च.. पुच्चच..’ की आवाज गूंज रही थी और वो मुझे बुरी तरह से चूमते हुए चूसे जा रही थी।

अचानक वो अकड़ी वो.. उसने मुझे जोर से भींचा.. और चिल्लाई- आह्ह.. लल्ला.. मैं उफफ.. अहह.. अह्हह्ह… मैं गईईई.. अह्ह्ह.. विकी.. ओह.. मैं गई.. अहह माँ.. मैं मर गई.. उफ़ इस्स..सीसी.. अहह लल्ला मुझे अपनी बांहों में कस ले.. अह.. मैं गई.. उम्म्म्म उह्ह.. विकी.. मुझे थाम ले.. मैं.. गई.. माँ.. मैं ग..इई…ई।

वो जबरदस्त चिल्लाने के साथ झड़ गई और मछली जैसे बिना पानी के तड़पती है.. वैसे तड़पते हुए वो मुझ पर ढेर हो गई।

आगे की कहानी अगले एपिसोड में अप सभी बड़ी जल्दी ही मिलेगी। जिसमें मेरी और माया की हॉट-शॉट चुदाई और उसने कैसे मुझे दूसरी लड़कियों और औरतों से चुदाई करवाने की दास्तान होगी।

से मैं भी एक भोला-भाला लड़का.. जिसने आज तक लड़की को कभी छुआ नहीं.. वो एक जबरदस्त चुदक्कड़ बन गया। यह सब पढ़ना है.. इसको पढ़ने के बाद आपके लंड से बिना मुठ्ठ मारे वीर्य न छुड़वा दिया और चूत वालियों की चूत में अगर आग न लगा दी.. तो मेरा नाम विकी नहीं।

अपने सभी पाठकों से विनती करता हूँ कि मुझे अपनी राय जरूर भेजें। अपनी अगर कोई काम से सम्बन्धित समस्या हो.. तो मुझे इस पते पर मेल करें.. आपकी सारी बातें गुप्त रहेंगी।

याद रखना विश्वास की साँस पर ये दुनिया चलती है।

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