महिलाओं के कामुक अंग

होंठ चूमना Lips

किसी महिला के लिए एक बड़ा ही टर्निंग प्वांइट होता है.. जब शारीरिक रिश्ते बन रहे होते हैं.. तो चुम्बन (kiss) ऐसी पहली क्रिया होती है.. जो सर्वप्रथम अस्वीकार की जाती है.. लेकिन इसमें देर नहीं करना चाहिए।
होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं। इन्हें तुरंत सीधे तौर पर इसलिए जीभ में नहीं डुबाना चाहिए। आपके सौम्यता से किए गए चुम्बन के द्वारा.. कामुकता में तीव्रता से परिवर्तन होता है।
सबसे पहले स्त्री के निचले होंठों पर अपनी जीभ फेरें.. फिर उसे अपने होंठों के बीच उसके होंठों को फंसाकर चूसें.. साथ ही उसे भी ऐसा करने दें।
जब आप उसे चुम्बन कर रहें हों.. तो अपने हाथ उसकी गर्दन पर रखें.. या फिर उसकी कमर या नितंबों पर.. या फिर इस दौरान उसके इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं उसे यह दिखाने और जताने के लिए कि आप उससे कितना कुछ चाहते हैं।

गर्दन Neck

इसे चूमना, चाटना, सौम्य तरीके से काटना और हल्के से थपथपाना.. उसको सिसकने के मजबूर कर देता है.. लेकिन यहाँ जोर से नहीं काटना चाहिए.. क्योंकि यहाँ की त्वचा कट सकती है।

कंधे Shoulders

गर्दन की तरह कई महिलाएँ कंधों को चूमने और आलिंगन करने से काफी उत्तेजना का अनुभव करती हैं। पूर्व की तरह जो प्रक्रिया गर्दन में कर रहे हैं.. वही करते हुए कंधों तक आएँ ताकि उस पता चल सके कि आप कितने सेन्सुअल लवर हैं।

कोहनी Elbow

कोहनी के अन्दर की ओर चूमने से महिलाओं में हल्की उत्तेजना का संचार होता है। कोहनी के अन्दर की ओर की त्वचा कोमल होती है.. इस जगह हल्के से काटते हुए चुम्बन करते चले जाएँ.. और देखें.. इससे उसे कैसे आनन्द की अनुभूति होती है।

ऊँगलियाँ Fingers

महिलाओं की ऊँगलियाँ भी काफी उत्तेजक होती हैं.. लेकिन ज्यादातर लोग इस ओर ध्यान नहीं देते। ऊँगलियों के पोरों को हल्के-हल्के सहलाते हुए दबाने से महिलाओं में तीव्र उत्तेजना का संचार होता है.. साथ ही जैसे-जैसे उत्तेजना बढ़ती जाती है आपको उसकी ऊँगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए। फिर अपने होंठों से सहलाते हुए धीरे-धीरे चूसना चाहिए।
इस क्रिया से वह नशे की सी स्थिति में आ जाएगी। यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि ऊँगलियों में सर्वाधिक कामुक बिन्दु उसके पोर होते हैं।

स्तन Boobs

स्तन महिला के सेक्सुअल और कामुक अंगों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह स्थान महिलाओं में सेक्सुअल आकांक्षा के साथ सेक्सुअल उत्तेजना जागृत करने में सहायक होता है.. साथ ही सम्भोग की उत्तेजना के लिए अत्यंत संवेदनशील होता है.. परन्तु इसके लिए सीधे छलांग नहीं लगा देनी चाहिए।
आप अपनी संगिनी के साथ सम्भोग के अपने रास्ते में चलते हुए उसके शरीर में नीचे की ओर जाते जाएँ व उन्हें सहलाते रहें.. लेकिन स्तनों को तब तक न छुएँ जब तक कि आपको यह न पता चल जाए कि वह स्वयं चाह रही है कि आप उसके स्तनों को छुएँ..
शुरुआती दौर में उसके साथ सौम्य तरीके से पेश आएँ। इसके लिए शुरुआत स्तनों के किनारे से करें.. फिर बहुत ही मुलायमियत और नरम तरीके से गोल घेरे में अपनी ऊँगलियाँ उसके स्तनों के चारों ओर घुमाएँ.. ऐसा तब तक करें कि जब तक कि आपकी ऊँगलियाँ स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुँच जाएँ..

यहाँ कुछ देर तक ऊँगलियाँ फिराने के बाद निप्पल तक पहुँचना चाहिए। अब आप तो निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएँ.. हल्के से खींचे.. मसलें.. दबाएँ.. चूमे और चूसें.. इस दौरान आप चाहें तो सौम्य तरीके से हल्के से दाँतों से काट भी सकते हैं। जब आप का मुँह एक स्तन पर है.. तो इस दौरान आपका हाथ दूसरे स्तन पर खेलना चाहिए। तभी वह सब कुछ सौंपने को आतुर होगी..
इसके पश्चात स्तन बदल कर यही क्रिया दूसरे के साथ भी दोहराएँ। फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिए.. साथ ही बीच में अपने साथी से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी क्रिया आनन्ददायी लगती है।
कभी भी संगनी की इच्छाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उसके स्तनों के बीच की हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है.. जबकि यह भी कामुक क्षेत्र होता है। उस पर अपने होंठों से चुम्बन करें फिर देखें उसकी कामातुरता कैसे बढ़ती है।

पीठ Back

शुरुआत हल्के तरीके से सहलाने से करें.. इसके लिए कंधों के निचले हिस्से से शुरू करें.. फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर आते जाएँ.. इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधे छूने से बचें.. यह खतरनाक हो सकता है। इस दौरान पीठ पर मिले-जुले तरीके से.. कभी हल्के.. कभी तेज थपथपाहट करनी चाहिए.. इसे और बेहतर बनाने के लिए टेल्कम पावडर या तेल का प्रयोग कर सकते हैं।
यहाँ यह ध्यान दें कि उसकी पीठ के किस हिस्से में स्पर्श करने पर ज्यादा उत्तेजना का संचार हो रहा है.. इसके लिए आप चाहें तो अपने साथी से पूछ सकते हैं। फिर उसकी पीठ के मध्य में रीढ़ की हड्डी के ऊपर बने नालीदार हिस्से पर हल्के हाथ से ऊँगलियाँ फिराते हुए नीचे की ओर नितंबों तक आना चाहिए।
यह क्रिया चाहें तो कई बार दोहरा सकते हैं.. ऐसा करने से उसे आराम की अनुभूति तो होगी ही.. साथ ही इससे रक्त का संचार उसके ‘पेल्विक’(कूल्हे) क्षेत्र की ओर होने लगता है, इससे उसकी उत्तेजना चरम की ओर पहुँचने लगती है।
उसकी पीठ के निचले हिस्से में या ठीक नितंब के ऊपर बने गड्डे (dimple) भी उत्तेजक अंग होते हैं। उसकी रीढ़ के समानान्तर ऊपर से नीचे की ओर(top to the bottom) जीभ फेरने पर उसकी उत्तेजना की आग सुलग उठती है।

नितम्ब, कूल्हे या चूतड़ Hips

कई महिलाएँ अपने नितंबों को जोर से दबाना या तेज दबाव की मालिश पसंद करती हैं। आप यहाँ पर शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा ज्यादा दबाव दे सकते हैं। कुछ महिलाएँ नितंब पर हल्के थप्पड़ों का प्रहार पसंद करती हैं.. किन्तु ऐसा करने से पहले अपने साथी से पूछ लें।
इस मामले को जोर का दबाव या थपथपाहट मजाक का विषय नहीं बनाना चाहिए.. क्योंकि कई महिलाएँ अपने नितंब के आकार को लेकर काफी आशंकित रहती हैं।

बाह्य योनि लब Labia majora

जैसे ही आप भग क्षेत्र या बाह्य जननेन्द्रियों (genital area) को पाते हैं, तो उसमें छलांग लगाना काफी सरल होता है। लेकिन उसके पहले भगशिश्न के ऊपर स्थित उस गुद्देदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों (pubic hair) से घिरा होता है।
इसे थपथपाना और रगड़ना उसे सिसकने को मजबूर कर देगा.. साथ ही रोमों को (यदि हैं तो) ऊँगलियों में फंसाकर हल्के से खींचने पर.. उसे मीठे दर्द की अनुभूति होती है.. जो उसमें उत्तेजना का संचार करती है।

भगशिश्न या भगनासा Clitoris

यह महिलाओं का सबसे कामुक अंग होता है। भगशिश्न को आसानी से खोजा जा सकता है। यह भगोष्ठ (vaginal lips) के ऊपर की ओर उभरा हुआ हिस्सा होता है। यह उत्तेजक उत्तकों से बना हुआ होता है और इसका काम पुरुषों को शिश्न मुण्ड की ही तरह होता है। उत्तेजना के दौरान यह रक्त से भरा रहता है। कुछ महिलाओं का भगशिश्न इतना संवेदनशील होता है कि कई बार परेशानी का सबब भी बन जाता है.. क्योंकि हल्की सी छुअन भी उसमें उत्तेजना भर देती है।

इस तरह की स्थितियों में इसे सीधे न छूकर.. इसे इसके किनारों से स्पर्श करना चाहिए और उस नीचे (base) से उत्तेजित करना चाहिए। कुछ महिलाएँ जैसे-जैसे उत्तेजित होती जाती हैं.. वैसे-वैसे वे अपने भगशिश्न में ज्यादा दबाव चाहती हैं.. लेकिन भगशिश्न में दबाव व स्पर्श के लिए संगनी से पूछ कर ही हरकत करना चाहिए। यदि आप मुँह-मैथुन कर रहे हैं.. तो भगशिश्न तक किनारे से पहुँचे.. इस तरीके से उसे ज्यादा आनन्द आएगा।

योनि Vagina

योनि वह दूसरा क्षेत्र है.. जहाँ कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुँच जाते हैं। जब आप वहाँ पहुँच जाएँ तो उसके बाहर रुकें.. तब आपको काफी पसंदीदा तरीके से अन्दर आने के लिए स्वागत किया जाएगा। जैसे ही महिला उत्तेजित होती है.. उसका गर्भद्वार ऊपर की ओर खिसक आता है जिससे योनि की गहराई बढ़ जाती है और आपको गहरे तक प्रवेश का आनन्द मिलता है।
इसलिए यह आपकी पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं। जितना समय यहाँ दिया जाएगा.. उतना ही आनन्द आपको लिंग-प्रवेश पर मिलेगा।

जी-स्पॉट G-Spot

योनि की गहराई के एक तिहाई रास्ते पर यह क्षेत्र योनि की बाहरी दीवार पर (आमाशय या पेट के सामने.. न कि गुदा की ओर) एक स्पंजी क्षेत्र पाया जाता है। यह लगभग मुँह के ऊपरी हिस्से की तरह होता है। जब इसे जीभ से छुआ जाता है.. और यदि इस जगह पर लगातार ऊँगली चलाई जाती है तो कई महिलाएँ काफी मात्रा में पानी छोड़ती हैं.. पानी की यह धार काफी तेज भी होती है।
वहीं कुछ महिलाओं को ऐसा अनुभव होता है कि मानों उन्हें पेशाब करने जाना हो.. तो कई को कुछ और ही अनुभूति होती है।
कुल मिला कर जी-स्पाट उत्तेजना के महिलाओं में अलग-अलग अनुभव होते हैं। इसलिए अपनी संगनी से पूछिए कि उसे क्या अनुभूति हो रही है और उसे कैसा लग रहा है।