पड़ोसन नर्स की चूत चुदाई

एक दिन कोमल मेरे घर आई उसकी प्रेस (आयरन) में कोई प्राब्लम थी.. वो गर्म नहीं हो रही थी. मैं आपको बता दूँ कि मैं थोड़ा बहुत बिजली का काम जानता हूँ.
वो कहने लगी- मेरी प्रेस गर्म नहीं हो रही है.
मैंने उससे कहा- लाओ अभी ठीक कर देता हूँ.

मैं उसकी प्रेस ठीक करने लगा और वो मेरे से बातें करने लगी. बातों बातों में वो मेरे बिल्कुल नज़दीक आ गई और उसने हेल्प के बहाने मुझे छूना शुरू कर दिया. पहले मैंने कभी उससे इस तरह की उम्मीद नहीं की थी और मैंने कभी उसे इस नज़र से भी नहीं देखा था.
इससे पहले मैंने कभी भी दूसरी लड़की को छेड़ा तक नहीं था. मुझे कुछ अजीब सा लगा और मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.

जब वो मेरे चेहरे के एकदम करीब हो कर मुझे मदद सी करने की एक्टिंग कर रही थी तो मैंने उससे कहा- क्या इरादा है?
उसने मुस्कुरा कर कहा- इरादा तो नेक है, दिल तो बहुत करता है, पर कोई मिलता ही नहीं है और डर भी लगता है.
मैंने कहा- क्यों आप तो सर्विस करती हैं तो आप किसी भी अपनी उम्र के लड़के को अपना दोस्त बना कर अपनी ज़रूरत को पूरा कर सकती हैं.
उसने कहा- आपकी बात तो ठीक है, पर हर एक पर भरोसा तो नहीं कर सकती और आजकल तो आपको पता ही है कि थोड़ा सा भी कुछ हो जाए तो लोग बातें बनाना शुरू कर देते हैं और एक अकेली लड़की का जीना मुश्किल हो जाता है.

मैंने कहा- आपको मुझमें क्या इंटरेस्ट है?
वो बोली- अगर आप थोड़ा सा साथ दें तो मैं भी अपनी ज़रूरत को पूरा कर सकती हूँ क्योंकि आपकी और मेरी उम्र तो एक है और कोई छोटी हरकत नहीं करते जिससे कोई बदनामी हो जाए.
यह कह कर वो एकदम भावुक हो गई, मेरे पैरों मैं गिर कर रोने लगी. मैंने उसे अपने पास बिठा कर उसके आंसू पोंछे तो वो झट से मेरे गले से लग गई.

मैंने अपने हाथ उसके हाथ पर रख दिए. हम काफ़ी देर तक उसी हालत में रहे और कब एक दूसरे को चूमना चालू कर दिया, पता ही नहीं चला. अब तो हमारी जीभ एक दूसरी के मुँह में जा रही थी.

इस वक्त उसने लूज़ सलवार कमीज़ पहनी हुई थी. मैं ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा, वो काफ़ी गर्म हो गई थी. फिर मैंने कमीज़ को ऊपर कर के हाथ को अन्दर डाल दिया और उसकी चूचियों को प्यार से सहलाने लगा.

उसने ब्रा नहीं पहनी थी. वो काफ़ी मस्त हो रही थी. मैंने मौका देख कर उसकी कमीज़ को उतार दिया और उसकी चूचियों को जीभ से सहलाने लगा.
उसके मुँह से हल्की हल्की कामुक सिसकारी निकल रही थी- उहह आअहह एस इस्स्स्स.. प्लीज़.. सस्स अहहहह मजा आ रहा हायईई..

मैं इससे और उत्तेज़ित होकर उसके मम्मों को चूसने लगा. वो बहुत मस्त हो गई और मेरा सिर अपनी चूचियों पर ऐसे दबाने लगी.. जैसी कह रही हो कि खा जाओ. मैंने अब एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया और चूत सहलाने लगा तो वो उछल पड़ी.
मैंने उसकी सलवार को गीला महसूस किया और उसकी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा. जब देखा कि वो गर्म हो चुकी है तो मैंने उसकी सलवार को खोल कर उसे नीचे कर दिया. मैंने देखा कि उसने पैंटी नहीं पहनी है और वो अब मेरे सामने नंगी थी.

मैंने उसे खड़ा किया और मैं उसके सामने सोफे पर ही बैठ गया. मैंने उसकी एक टाँग को अपने एक कंधे पर रख लिया और उसकी चूत को देखा. बहुत ही खूबसूरत थी, ऐसा लगता था कि आज ही चूत साफ की है, एक भी बाल नहीं था. मैंने चूत पर हाथ लगा कर देखा बहुत ही मुलायम थी.

बस मैंने अपनी जीभ को झट से उसकी चूत पर रख दी और जैसे कुल्फी को चाटते हैं वैसे चूत चुसाई शुरू कर दी.
वो एकदम से कांप गई. मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने कहा- कुछ नहीं.
मैंने कहा- तो सिहरन क्यों?
वो बोली- किसी ने मेरी चूत पर पहली बार जीभ लगाई है.

मैं उसकी चूत को चाटने लगा. मेरा लंड मेरे पेंट को तंबू बना रहा था और वो उसमें से बाहर आने को बेचैन था.
इधर वो गरम सिसकारियां ले रही थी- आहह आइईई चुसओ औरर जोरर से ईईई मसल दोओ.. आआह.. आज ऐसेस ही उईई.. ये मेरा पहला एक्सपीरियेन्स हैईई.. आहह मज्जाआ आआआआ गयाआआ..

उसने मेरे सिर को बहुत तेजी से अपनी चूत पर दबा लिया. थोड़ी देर में उसने एक ज़ोर का झटका लिया और पानी छोड़ दिया. मैंने उसकी चूत को जीभ से ही साफ किया और उठ गया. अभी तक मैंने अपने कपड़े नहीं उतारे थे.

उसने मुझे देखा और मुस्कराई और कहा- आज आपने मुझे वो मजा दिया है, जिसके बारे में मैं सोच भी नहीं सकती. अब मेरी बारी है.

यह कहते हुए वो मेरे सामने बैठ गई और मैं खड़ा था. उसने मेरे लंड को पजामा के ऊपर से ही पकड़ लिया और सहलाने लगी और एक झटके से ही उसने मेरा पजामा खोल कर नीचे गिरा दिया. मेरा लंड झटके से उसकी आँखों के सामने आ गया.
वो तो उसे देखते ही डर गई और उसके आँखें हैरत से फैल गईं, वो कहने लगी- इतना मोटा और लंबा लंड.. मैं कैसे लूँगी? इतना तो मेरे पति का भी नहीं था.. मैं तो मर ही जाऊंगी.

दोस्तो, आपको बता दूँ कि मेरा लंड 8″ लंबा और 3″ मोटा है.
मैंने कहा- आज तक कोई लड़की चूत मरवाने से मरी है क्या. जब चूत में से बच्चा बाहर आ सकता है, तो यह लंड क्या चीज़ है? मेरी वाइफ भी तो लेती ही है.
यह सुन कर उसको थोड़ा हौसला हुआ.
मैंने कहा- तुम बेफिक्र रहो, मैं आराम से चुदाई करूँगा, तुम्हें बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा बल्कि ज़्यादा मजा आएगा.

मैंने उसे लंड को चूसने को कहा. पहले तो उसने मना किया, जब मैंने कहा कि अभी तो तुम कह रही थीं कि मेरी बारी..? डार्लिंग लंड चूसने के बाद चूत मरवाने और मारने में ज़्यादा मजा आता है.
उसने कहा कि उसने पहले इसे कभी मुँह में नहीं लिया है.
मैंने कहा- आज ट्राई तो करके देखो.

उसने झिझकते हुए लंड की टोपी पर अपनी जुबान लगाई, जैसे सॉफ्टी को चाट रही हो. बस 2-3 बार ऐसा करने के बाद उसने लंड के सुपारे को अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

आह.. लंड चुसाई से तो मैं सातवें आसमान पर पहुँच गया था. अब कोमल लंड को तेज़ी से मस्त चूस रही थी और उसे अपनी मुँह के अन्दर बाहर कर रही थी, जैसे उसे भी अब चूसने में मजा आ रहा था. मैं भी उसके मुँह में लंड पेलते हुए उसका सिर पकड़ कर आगे पीछे हो रहा था.

ऐसे ही दस मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने कहा- मेरा होने वाला है.
तो उसने बिना मेरे लंड को निकाले ही हाथ के इशारे से कहा कि आने दो.
मैंने ज़ोर से दो झटके लगाए और अपना सारा माल उसके मुँह में ही निकाल दिया. वो सारा माल बिना लंड को मुँह में से निकाले ही पी गई और मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.

अब मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. हाय क्या कामुक मुस्कराहट थी साली की.

वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी, इसलिए उसने मेरे मुर्दा लंड को फिर से अपनी मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. जिससे मेरा मुरझाया हुआ लंड फिर से टाइट पोज़िशन में आ गया.
अब उसने सोफे पर लेट कर मुझे चूत में लंड डालने का इशारा किया और कहा- आराम से डालना… बहुत बड़ा है!

मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और चूत को मस्त डॉगी स्टाइल से चाटा, जिससे वो मस्ती में आ कर कराहने लगी और चुदासी सी बोली- और मत तड़पाओ यार… जल्दी से डाल दो.
मैंने अपने लंड की टोपी को उसकी चूत के मुँह पर रखा और धीरे से अन्दर डालने लगा. चूत ज़्यादा टाइट थी ऐसा लगता था, जैसे पहली बार चुद रही हो. पर मेरे चूत चूसने की वजह से वो गीली हो चुकी थी.

वो दर्द से थोड़ा सा चिल्लाई तो मैं रुक गया और उसके मम्मों को, जो कि बहुत बड़े और मस्त थे, चूसने लगा.
वो चूचियों को चुसवाने की वजह से मस्ती में आ रही थी और दर्द को भूल रही थी.
मैंने अपने लंड का दबाव धीरे धीरे बढ़ाना शुरू कर दिया. ऐसा करने से मेरा लंड उसकी चूत में आराम से उतरता जा रहा था और उसे पता ही नहीं चल रहा था क्योंकि वो तो चूचियों को चुसवाने में ही मस्त थी.

वो चूचियों को चुसाते वक्त सिसिया रही थी- आह.. और मस्ती में चूस लो और चूसो.. पीलो सारा दूध इनका.. आज तो मजा आ रहा है..
करीब दो मिनट ऐसा ही करती रही और इस बीच मेरा लंड पूरा उसकी चूत में उतार चुका था. अब मैं रुक गया और उसकी प्रतिक्रिया देखने लगा.
जब वो तो कुछ सामान्य हुई, तो उसने कहा- जल्दी डालो.
मैंने कहा कि लंड तो कब का चूत में जा चुका है.
वो ये सुनकर एकदम से शॉक हो गई और कहा- अरे पता ही नहीं चला.
मैंने कहा- यही तो एक्सपीरियेन्स का फ़ायदा है रानी.
उसने कहा- जब मेरे पति डालते थे तो मुझे बहुत दर्द होता था जबकी उनका लंड तो बहुत छोटा और पतला था.

फिर मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. एक दो बार आगे पीछे करने के बाद वो तो मस्ती में आ गई और अपनी गांड उठा उठा कर साथ देने लगी. अभी मैं उसके ऊपर था. वो नीचे से मेरा साथ दे रही थी और ज़ोर ज़ोर से करने को कहे जा रही थी.

‘आह.. और जोर से.. मजा आ गया फाड़ दे साली को.. अह.. मजा आ गया. कई दिनों की प्यासी चूत है.. और ज़ोर से यस यस आहहा.. आआआअ आइईईईई औरर जोर से करो.. ओह फाड़ दो साली को..’

कुछ देर के बाद मैं अपना लंड उसकी चूत में से निकाल कर सोफे पर बैठ गया और उसे अपने लंड पर बैठने को कहा. वो मेरी गोदी में आ गई और पैर सोफे पर रख कर चूत को लंड पर सैट करके अपने शरीर का दबाव बढ़ा दिया, जिससे लंड उसकी चूत में जाने लगा. इधर मैंने उसके मम्मों को मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

कुछ ही सेकेंड में लंड बिना किसी रुकावट के लंट उसकी चूत में पूरा उतर गया. मैंने उसके मुँह पर देखा, उसके चेहरे पर असीम आनन्द की झलक थी.. उसकी आँखें बंद थीं. मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ कर थोड़ा सा ऊपर किया और छोड़ दिया, जिससे उसे अच्छा लगा क्योंकि लगता था कि इस तरह से चुदाई का ये उसका पहला अनुभव है.

उसे मजा आने के बाद उसने अपनी हिप को धीरे धीरे अपने आप ही ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया. फिर 8-10 झटकों के बाद उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुँह खोल कर ज़ोर ज़ोर से साँस लेते हुए आवाजें निकालने लगी.

‘आआआअहह यहह यसस्स..’

मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं उसके मम्मों को चूसे जा रहा था. वो मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी- आआहह.. उउउईई.. माय गॉड.. मैं तो जन्नत में हूँ.. ऊऊ मेरे बूब्स चूसोऊ.. ओह..
मैंने उसके मम्मों को अपने मुँह में पूरे ले लिए और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. एक हाथ से मैं उसकी चूत की दाने को भी मसल रहा था, जिससे वो और भी मस्ती में आ रही थी.

दस मिनट तक ऐसा करने के बाद उसका शरीर अकड़ गया और वो मेरे बदन से कस कर चिपक गई. फिर 2-3 जोरदार की झटके के बाद वो शांत हो गई क्योंकि वो झड़ चुकी थी. मैंने कोमल को उसी तरह ही रहने दिया क्योंकि वो संतुष्टि का अनुभव कर रही थी. ऐसे समय में अपने पार्ट्नर का साथ देना चाहिए.

मैं अभी रह गया था. मैंने उसकी तरफ देखा वो समझ गई. मैंने उसे अपने ऊपर से उठाया, जिससे मेरा लंड भी उसकी चूत में से निकल गया. उसने मेरे लंड को देखा जो कि अभी भी लोहे के रॉड की तरह सीधा खड़ा था. उसने बैठ कर मेरे लंड की एक किस किया और फट से मुँह में डाल कर चूसने लगी. फिर ज़ोर ज़ोर से अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी.

दो मिनट के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह में से निकाल कर उसे नीचे कारपेट पर लिटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत में डाल कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो भी अपनी गांड उठा उठा कर नीचे से साथ दे रही थी.

कुछ मिनट के बाद हम पसीने से नहा चुके थे और मेरा लंड का काम होने वाला था, मैंने कहा- मेरा होने वाला है.. कहां निकालूँ?
उसने कहा- अन्दर ही आने दो.. मैं भी होने वाली हूँ.. आज मैं संगम का पूरा मजा लेना चाहती हूँ.

मैंने 2-3 तेज झटकों के बाद अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया. अब तक वो 3 बार झड़ चुकी थी. उसके चेहरे पर पूरी संतुष्टि थी. उसने कहा- आज पहली बार मुझे अपने नारी होने का अहसास हुआ है, जो कि आपकी वजह से है. मैं तो आपकी दासी बन गई.

उसके बाद मैंने कई बार उसकी चूत मारी और वो अपनी फ्रेंड्स को भी मेरे पास ले कर आई क्योंकि उसकी सोच मेरे प्रति यह थी कि यहां कोई खतरा नहीं है, ना तो बदनामी का.. ना ही दर्द का. उसकी कुछ फ्रेंड्स तो कुंवारी भी थीं.

हम और उसकी फ्रेंड्स अब बहुत मजा करते हैं. हर तरह का सेक्स करते हैं और खुल कर एक दूसरे को मजा देते हैं, जिससे संतुष्टि के साथ साथ सेक्स करने की चाहत और बढ़ जाती है.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी रियल सेक्स कहानी.. मुझे मेल ज़रूर करें. मेरे पास और भी ऐसी कहानियां है जो आपके सामने फिर कभी पेश करूँगा.
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