ट्रेन की सीट से चूत चुदाई की कहानी

तभी उस ने मुझ से मेरा मोबाइल मांगा, बोला कि फ्रेंड को जरूरी कॉल करनी है. मैंने अपना मोबाइल उसे दे दिया. पर एक काल करने के बाद बिना बात किये उस ने मेरा मोबाइल लौटाते हुए कहा कि मेरी सहेली ने कॉल रिसीव नहीं की.
ट्रेन चलती रही और मैंने उस के चूतड़ों से लंड सटा कर मजा लेता रहा, मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं उस दिन पहली बार किसी औरत के पीछे आगे तक चला गया. मैं उस के साथ अपने स्टॉप से आगे तक आ गया.
मैंने ट्रेन से उतरने के बाद सोचा कि उसकी फ्रेंड बॅक कॉल ना कर दे.. फिर सोचा कि आएगा तो देखा जाएगा.

उस दिन मेरा मन नहीं लगा मैं पूरे दिन उसी के बारे में सोचता रहा और मैं ऑफिस से जल्दी निकल गया.
रात को सोते समय भी मुझे उसी भाभी की याद आ रही थी. मैंने उस की चुत चुदाई के बारे में सोचते हुए मुठ मारी और सो गया.

दूसरे दिन सनडे था तो मैं सुबह लेट जगा, साढ़े आठ बज गए थे. मैंने मोबाइल में देखा तो मुझे तीन मिस्ड कॉल मिलीं. मैंने मिस्ड कॉल चैक की तो उसी नंबर से थीं, जिस पर उसने कॉल की थी.

मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. लगभग 20 मिनट बाद फिर कॉल आई, इस बार मैंने कॉल अटेंड की.
तो आवाज आई- मैं सुमन (बदला हुआ नाम) बोल रही हूँ.
मैंने कहा- जी, मैंने पहचाना नहीं, कौन सुमन?
उसने कहा- वही, कल ट्रेन वाली.
“ओह… हाँ बोलिए..”
“मैं तुम से मिलना चाहती हूँ.”
“किस लिए..?”
“मिल कर बताती हूँ.”
“ठीक है, कहाँ मिलना है?”

उसने अपना पता मुझे एस.एम.एस. किया और दो दिन बाद मिलने को बोला.
मेरे दो दिन दो साल के बराबर निकले.
मैं भी अब उस से मिलने का इंतजार करने लगा. ठीक दो दिन बाद सुबह 10:30 पर मैं उस के बताए पते पर पहुँच गया. मुझे उस ने फोन पर बताया था कि उस के घर वाले कहीं बाहर जा रहे थे. मैंने उसके घर पहुँच कर दरवाजे की घंटी बजाई तो वही औरत थी, जो ट्रेन में मिली थी.
उस ने मुझे अन्दर आने को कहा और मुझे सोफे पर बैठाया. फिर उस ने पानी ला कर दिया, मैंने पानी पिया और उस से पूछा कि ये नंबर तो उस की फ्रेंड का था?

तो उस ने कहा- मैंने तुम्हारा नंबर लेने के लिए अपने ही फोन पर मिस्ड कॉल की थी.
मैंने कहा- तुमने मुझे यहाँ क्यों बुलाया है?
तो उस ने बात बदलते हुए कहा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं- नहीं क्यों?
मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनना चाहती हूँ.”
“लेकिन तुम्हारी तो शादी हो चुकी है?”
“अगर मेरा पति मुझे संतुष्ट कर पाता, तो क्या मैं तुम्हें यहाँ बुलाती?
यह कहते हुए वह उदास हो गई.

मैंने उस के घुटनों पर हाथ रखते हुए कहा- सॉरी मुझे नहीं पता था.
वो मेरे पास आ कर बैठ गई. फिर 20 मिनट तक हम ने इधर उधर की बातें की.
मैंने कहा- तुमने बताया नहीं मुझे क्यों बुलाया?

वैसे तो मैं भी जानता था कि इसको चुदास चढ़ी है और ये मुझ से चुदवाना चाहती है. लेकिन मैं ये सब उसके मुँह से सुनना चाहता था.
आख़िर उसने बोल ही दिया कि तुम्हें मैंने अपनी प्यास बुझाने के लिए बुलाया है.
इतना सुनते ही मैं बिल्कुल उससे सट कर बैठ गया. उस की कमर पर हाथ रख दिया, वो एक दम कंपकंपा सी गई.

मैं धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा. अब मेरा एक हाथ उस की चूचियों पर था और दूसरा उस की जाँघों को सहला रहा था. उसे भी मज़ा आ रहा था. चूमा चाटी शुरू हो गई.. फिर मैंने उस के कपड़े उतारने शुरू किए. उस ने हरे रंग का टॉप और काले रंग की जींस पहन रखी थी. मैंने उस का टॉप उतार दिया और उस की ब्रा के ऊपर से चुचे दबाने लगा. वो चूचों पर मेरा हाथ पाते ही उछल पड़ी और कामुक आवाज़ निकालने लगी- आह ईयाह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई उईए..

दस मिनट बाद उस की जींस भी अलग हो गई. अब वो मेरे सामने सफेद रंग की ब्रा और काले रंग की पेंटी में थी. उसे देख कर मेरा लंड फटने को तैयार था. उसने मेरी पैन्ट उतार दी.
अब उसे किस करते हुए मैंने उस के पूरे बदन को मसल रहा था. वो भी मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लंड सहला रही थी. कुछ 15 मिनट तक किसिंग चलती रही.

उस के बाद मैंने उस के सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी. उस की चूत पर हल्के हल्के बाल थे. मैं उस की चूत को देख कर हैरान रह गया. उस की शादी को 4 साल हो चुके थे, लेकिन उस की चूत को देख कर लग रहा था जैसे उस ने एक भी बार सेक्स नहीं किया हो.. एक दम कसी हुई चुत मेरे सामने थी.
मैंने उस की उम्र पूछी तो उस ने 27 साल बताई. मैंने उस ने टाइट चूत में अपनी जीभ डाली तो वो सीत्कार भरने लगी “आ उई उई ऊए आए आयुई..”
दस मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी.

मैंने उस से लंड चूसने को बोला तो मना करने लगी. मेरे ज़्यादा ज़ोर डालने पर उस ने मेरा लंड अपनी जुबान से टच किया फिर चूसने लगी. अब तो साली क्या मस्त लंड चूस रही थी.. मुझे लग रहा था कि मैं आसमान में उड़ रहा हूँ.
एक बार फिर उस की चूत चाटी, इस बार तो कुछ ज़्यादा ही उछल रही थी और बोल रही थी- आह.. चोदो ना मुझे.. अब मत तड़फाओ.. मैं मर जाऊंगी.. बुझा दो मेरी प्यास.. फाड़ दो इस चूत को..

मैंने उसे सीधा लेटाया, उस के पैर ऊपर किए और लंड उसकी चूत के मुँह पर टिका कर एक ज़ोर दार झटका लगा दिया. आधा लंड उस की चूत में चला गया. उस के मुँह से चीख निकल पड़ी.
मैं रुक गया, उस के मुँह पर मैंने अपना मुँह रख दिया.
फिर 5 मिनट बाद वो नॉर्मल हो गई और मेरा साथ देने लगी. अब वो चूतड़ उछाल उछाल कर चुत चुदवा रही थी और मादक आवाजें निकाल रही थी “आए उई ऊए ऊई ओए ऊएमा उईमा मर गई.. फाड़ दे इस को.. और ज़ोर से चोद दे.. मेरी प्यास बुझा दे.”

कुछ 15-20 झटकों के बाद वो झड़ गई और उस ने मुझे कस के पकड़ लिया. मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार और बढ़ा दी, अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने उस से पूछा, तो उस ने कहा- अन्दर ही डाल दो, चूत की प्यास बुझ जाएगी, बहुत दिनों से प्यासी है.

फिर 5-6 झटकों के बाद मैं चुत के अन्दर ही झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया. उस दिन मैंने उसे तीन बार चोदा.
घड़ी की तरफ ध्यान गया, तो तीन बज चुके थे. मैंने जाने को कहा तो उस ने मुझे किस करके विदा किया.
उस के बाद उस से मिला या नहीं अगली कहानी में बताऊंगा. तो दोस्तो, ये थी मेरी सच्ची चुदाई की कहानी, आपको मेरी आप बीती कैसी लगी, बताना ज़रूर.

मुझे आपके मेल्स का इंतजार रहेगा
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