गांडू की बीवी की मस्त चुदाई उसके सामने-1

अब आगे की कहानी बताता हूँ। ऐसे ही मैं और भाभी मस्त चुदाई करते जब मौका मिलता। कुछ दिनों में मैं उसके रूम पर रहने लगा। भाभी के बारे में बता दूं कि उसकी उम्र पैंतीस साल थी। वो एक स्कूल में पढ़ाती थी। उसका पति हमेशा बाहर हो रहता था। उसकी चुचियों का साइज 36″ था और उसकी मस्त मोटी गांड का साइज 37″ था. मैं उसकी गांड और चुचियों का मस्त दीवाना हो चुका था।

‌बात यह हुई कि अब हम रोज मस्ती करते और चुदाई करते। चूमा चुसाई तो रोज ही ही जाती थी। कैसे महीना बीत गया पता ही नहीं चला। अब वापस कॉलेज में आ गया।

तभी मेरी मुलाकात एक ऐसी भाभी से हुई जिसका पति उसको चोदता नहीं था। उसकी उम्र 34 थी उसकी गांड 38 की और उसके चुचे 36 के थे। उससे काफी बातें हुई मेरी। भाभी का नाम था आशना!
तो एक दिन वो बोलने लगी- अमन, तुम घर आ जाओ मेरे!
मैं बोला- अरे तुम्हारा पति होगा तो वो कहाँ आने देगा?
आशना बोली- ऐसा नहीं है, उनको पता है कि मैं तुमसे बात करती हूँ।
साला मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि भला कौन ऐसा पति है जो अपनी पत्नी को ऐसे बात करते देखेगा।

वो बोली- रात को तुम तैयार रहना वीडियो चैट करेंगे।
‌मैं बोला- ठीक है।

उस दिन मैं काफी थक गया था। कॉलेज गया नहीं था लेकिन कंप्यूटर में गेम खेल खेल के थक गया।

दोस्तो एक बात बता दूँ कि जो लड़का मेरे साथ रहता था कमरे में होस्टल के … वो कुछ दिनों के लिये घर गया हुआ था।

रात को वार्डन सर ने हमारी अटेंडेंस ली। फिर मैं अपने बगल वाले दोस्त के रूम पे गया वहाँ बातें की। फिर 10.30 के आस पास आशना भाभी की मिस कॉल आयी तो मैं अपने रूम में गया और दरवाजा बंद करके लाइट भी बंद कर दी ताकि दोस्तों को लगे कि मैं सो गया हूँ।

फिर मैंने आशना को वीडियो कॉल की तो उसने उठायी और बोली- कहाँ व्यस्त थे?
मैं बोला दोस्त के रूम पे था।
वो बोली- ठीक है।

उसके बाद जो बातें हुईं हमारी, वो इस प्रकार हैं:

‌मैं- क्या बात है, आज एकदम माल बन के वीडियो कॉल कर रही हो तुम?
आशना- अरे मेरे शौहर हैं ना … वो बोले कि ऐसी मैक्सी पहनो!
‌मैं- अच्छा … वो भी साथ में हैं क्या?
आशना- हाँ साथ में हैं.

आशना- बात करनी है क्या उनसे आपको?
‌मैं- अरे पागल हो क्या? नहीं नहीं … मुझे बात नहीं करनी!

‌तभी आशना का शौहर आ गया उसके पास बेड पे और उसकी चुचियाँ दबाने लगा जोर जोर से!

अजहर- और कैसे हो अमन? मैं अजहर हूँ आशना का शौहर!
मैं- मैं ठीक हूँ, आप कैसे हो?
अजहर- अच्छा हूँ. मेरी बीवी आशना कैसी लगी तुमको?

मुझे इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो ऐसे सवाल एक दम करेंगे। अब थोड़ा अंदाज़ा हो गया था लगता अपनी बीवी को चुदवाता है ये।

मैं- अच्छी है एकदम बीवी आपकी!
अजहर- अच्छा बस अच्छी है या माल भी है?
मैं- हाँ वो भी है!

तभी अजहर उसकी चुचियाँ दबाने लगा जोर जोर से वो अपने पति को हटा रही थी। लेकिन वो कहाँ मान रहा था। अजहर ने आशना की चुचियाँ मैक्सी से बाहर निकाल दी.

अजहर- कैसी हैं मेरी आशना की चुचियाँ?
मैं- मस्त हैं एकदम!
अजहर- चोदोगे इसको?

तभी आशना बोली- कैसी बातें कर रहे हो तुम आज ही शुरू में।
उसका पति अजहर बोला- लड़का अच्छा लगता है. तभी तुम इससे 3 महीने से बात कर रही हो।

मैं- अच्छा एक बात बताओ, तुम कितना चोदते हो आशना भाभी को?
अब मैं भी खुल चुका था.
अजहर- अरे मेरा कहाँ खड़ा होता है जो इसको चोदूँ.
उसने अपना लंड निकाल के ऐसे ही ढीला आशना के मुँह में डाल दिया. वो चूसने लगी. मैं भी इधर अपना लंड जोर जोर से हिलाने लगा।

अजहर- कब चोदने आ रहे हो इसको?
मैं- अरे मैं काफी व्यस्त हूँ कैसे आऊँ … बताओ?
अजहर- सर्दी की छुट्टियों में आ जाओ!
मैं- पागल हो क्या … घर जाना है, घर वाले जान से मार देंगे घर नहीं गया तो।

तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आ गया। मैं उसके पति को बोला- मैं दीवाली के बाद आऊंगा।
अब बात ये थी कि मुझे कैसे जाना है दिल्ली।
तो अजहर बोला- ठीक है।

उसके बाद उसने फ़ोन अपनी बीवी को दे दिया और दूसरे रूम में जाने लगा. जाते जाते बोला- इसकी चुदाई करो फ़ोन पे! मैं जा रहा हूँ सोने।
उसके बाद हम दोनों ने मस्त फ़ोन चुदाई की फिर हम गुड़ नाईट बोल के सो गए।

कुछ दिनों बाद दीवाली आ गयी। मैं घर था अपने। हमारी बातें होती रहती थी.
आशना पूछती- कब आओगे?
मैं बोल देता- अभी रुको, आऊंगा … कुछ दिन घर रुक तो जाऊँ।

फिर तीन दिन घर पे रह कर उसके बाद बहाना बना के निकल गया कि काम है मुझे कॉलेज में कुछ।

तो मैं अगले दिन पहले तो अपने कॉलेज गया, वहाँ सामान रख कर शाम को तैयारी कर के दोस्त को सब समझा दिया था कि क्या बोलना कैसे … वो हॉस्टल में संभाल ले।

शाम को मैं बाहर चाय पीने के बहाने आया और फिर बस स्टॉप पे गया।

करीब 8 बजे के आस पास बस में बैठने वाला था कि अचानक मैं रुक गया। सोचा कि जल्दी पहुँच गया तो वह रात को कहाँ रुकूँगा।
मैं बस स्टॉप पर टाइम पास करने लगा।

फिर 9 बजे एक बस आयी वॉल्वो थी। वो दिल्ली ही जानी थी।
मैंने ड्राइवर से पूछा- यह बस कब चलेगी?
वो बोला- 11 बजे।
मैं खुश हो गया कि सुबह पहुँच जाऊंगा 5 बजे … तब मेट्रो भी चल जाती है साढ़े पांच बजे।
मैंने कंडेक्टर से अपना टिकट करवाया और उसको बोला- सुबह उठा देना जब दिल्ली आ जाये।
वो बोला- ठीक है भाई साहब।
मैं सो गया।

सुबह कंडक्टर ने मुझे उठाया कि दिल्ली आ गया है, उतर जाओ।
मैं उतर गया।

फिर मैंने मेट्रो ली और जाने लगा।

कुछ देर में उसकी कॉल आयी- कहाँ तक पहुँचे हो आप?
मैं बोला- अभी मेट्रो में हूँ।
वो बोली- ठीक है, आ जाओ.
और उसने मुझे एक मेट्रो की जगह बताई कि वहाँ उतर जाना, मेरे शौहर लेने आएंगे तुमको।
मैं बोला- ठीक है।

वहाँ पहुँचने के बाद मैंने उसको कॉल किया कि जहाँ तुमने बताया वहाँ पहुँच गया हूँ।
वो बोली- ठीक है, ये आ रहे हैं. तुम इंतज़ार करो।

करीब 20 मिनट के बाद एक बाइक मेरे सामने आकर रुकी. वो अजहर था. उसने हंस कर मेरे से हाथ मिलाया, हाल चाल पूछा, रास्ते की परेशानी पूछ. फिर उसने मुझे एक हेलमेट दिया, वो मैंने पहन लिया।
उसने मुझे बाइक पर बिठाया और चल पड़े.

फिर हम बाइक पर बातें करने लगे।
आशना का पति खुल के बोल रहा था- तुम आशना की मस्त चुदाई करना … बहुत बड़ी चुदक्कड़ है वो।
हम घर पहुँच गए।

उसकी बीवी आशना ने दरवाजा खोला, मैं अंदर गया तो उसने मुझे गले लगा लिया- आ गए आप!
एकदम कस के भर लिया उसने मुझे अपनी बांहों में!

उसका पति दरवाजा बंद करके अंदर आकर बोला- क्या बात … इतना प्यार मेरी बीवी का दूसरे शौहर से?
मैं- क्या … दूसरा शौहर कौन?
वो बोला- तुम!
हम दोनों हंस दिए।

वो चाय बना के लायी। हम तीनों बातें करने लगे।

चाय के बाद अजहर बोला- यार … आशना का चुम्मा तो लो!
मैं उसके पति के सामने ही मैं आशना के लब चूसने लगा जोर जोर से!
अजहर मस्त देख रहा था और बार बार बोल देता- इसकी चुचियाँ भी दबाओ।
मैं दबा देता।

ऐसे 7 बज गए. फिर आशना नाश्ता बनाने चली गयी किचन में।

कहानी जारी रहेगी.
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