मौसी के बेटे ने शिमला में मेरी चुदाई की

हम सभी 2 गाड़ियों में थे एक गाड़ी में सब युवा और एक में सब बड़े लोग थे।
हमारी गाड़ी मेरा बड़ा भाई चला रहा था, मौसी का छोटा लड़का आगे और बड़ा लड़का और मैं पीछे बैठे थे।

हम सभी ने पूरी रात सफ़र किया और सुबह करीब 5 बजे हम शिमला पहुँच गए।

वहाँ पहुँच कर हम होटल में गए, जो हमने पहले ही बुक कर लिए थे।
पर हमको 3 कमरे ही मिल पाए थे।
एक कमरे में मम्मी-पापा, दूसरे में मौसा-मौसी और मौसी का छोटा लड़का और तीसरे में भाई, मैं और मौसी का लड़का था।

हम सब अपने-अपने कमरों में गए अपना सामान रखा और फ्रेश आदि हुए।
सभी थके हुए थे इसलिए सब सो गए।

हम करीब 9 बजे उठे और घूमने निकल गए।
बर्फ़ पड़ी हुई थी, हम सबने सारा दिन बहुत मस्ती की। हम जब बर्फ में खेल रहे थे। तो मैंने ध्यान दिया कि मेरी मौसी का लड़का मेरे कुछ ज़्यादा ही करीब आ रहा था।

बर्फ से खेलते-खेलते वो मेरे मम्मों को भी टच कर रहा था, पर मुझे बुरा नहीं लगा.. क्योंकि हम खेल रहे थे, तो सोचा कि वो जानबूझ कर नहीं कर रहा होगा।
मैंने उससे कुछ नहीं कहा।

फिर जब हम कुफ़री में स्कीइंग कर रहे थे.. तो पहले मैं गई और फिर मौसी का लड़का।
स्कीइंग करते-करते मैं गिर गई.. चूंकि मौसी का लड़का भी मेरे पीछे था.. तो वो भी मेरे ऊपर गिर गया।

तो जब वो गिरा तो मैं कमर के बल पड़ी थी और वो मेरा ऊपर चढ़ा हुआ था।

जब वो उठने लगा तो पता नहीं क्यों उसने अपना हाथ मेरे मम्मों पर रखा और जोर से दबाते हुए उठा।
मुझे कुछ अजीब सा लगा.. तो वो बोला- सॉरी सॉरी.. ध्यान नहीं रहा।

फिर हम रात को डिनर करके रात 9 बजे होटल पहुँचे।
सब बहुत थक गए थे.. तो अपने-अपने कमरों में जा कर सो गए।

रात करीब 1:15 पर मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरी टी-शर्ट मेरा पेट से काफ़ी ऊपर को हुई है और मौसी का लड़के का हाथ मेरे मम्मों पर है।
ऐसा लगा कि वो मेरे मम्मों को प्रेस भी कर रहा हो।

पर फिर मैंने सोचा कि नहीं वो ऐसा नहीं है।
मैं उसका हाथ हटा कर सो गई।
पर कुछ ही देर के बाद फिर वो ही हुआ। इस बार मैंने कुछ नहीं किया और चुपचाप लेटी रही, वो जो कर रहा था मैंने उसे करने दिया।

कुछ ही देर बाद जब मैंने कुछ नहीं कहा.. तो उसे लगा कि मैं सच्ची में सो रही हूँ।
उसने तो मेरी ब्रा को ही हटा दिया और मेरे मम्मों के निप्पल दबाने लगा।
फिर वो उन्हें चूसने लगा..

मुझे भी मज़ा आ रहा था.. पर गुस्सा भी आ रहा था।
उसने मेरा मम्मों पर ज़ोर सा काटा.. तो मेरी चीख निकल गई।

वो जल्दी से साइड में हो गया और सोने का नाटक करने लगा।

मैं भी यूं ही लेटी रही.. मैंने अपनी ब्रा भी ठीक नहीं की.. क्योंकि अब मैं भी गर्म हो गई थी और मेरा भी चुदने का मन था

पर अब वो डर गया था और उसने कुछ नहीं किया।

मैंने सोचा कि अब ये तो कुछ नहीं करेगा.. मुझे ही करना पड़ेगा।
तो मैंने अपना पैर उसके लंड पर रख दिया और उसके लंड को छेड़ने लगी।

उसे भी पता लग गया कि मेरा भी मन है।
तो वो उठा और बोला- चलो बाथरूम में चलते हैं.. यहाँ भाई है।
मैंने कहा- ठीक है।

बाथरूम में जाते ही उसने मुझे पकड़ लिया और बहुत ज़ोर से किस करने लगा।
मैं तो सांस लेना भी भूल गई थी, बहुत देर तक वो बिना रुके किस करता रहा।

मैंने ही उसे हटाया और कहा- आराम से.. मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ।
तो बोला- ठीक है।

अब वो मेरे मम्मों को चूसने लगा।
वो एक मम्मे को बहुत ज़ोर से दबा रहा था और एक को चूस रहा था।

तभी उसने एक हाथ मेरी पैन्टी में डाल दिया और अपनी उंगली को मेरी चूत पर रगड़ने लगा।

फिर उसने एकदम मेरी पैन्टी और लोवर को एक साथ उतार दिया और एकदम नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा।
मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था कि क्या हो रहा है।

मुझसे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था तो उसने मुझे टॉयलेट सीट पर बैठाया और फिर से चूत चाटने लगा।

दो मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

फिर उसने अपने कपड़े उतारे।
उसका लंड बहुत तगड़ा लंड था, उसने बोला- ले अब इसे चूस।

‘नहीं!’ मैंने कहा तो बोला- मैंने भी तेरी चूत चाटी है।
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मैंने कहा- तूने जो किया है अपनी मर्ज़ी से किया है.. मैंने कुछ नहीं कहा था।
बोला- ठीक है.. इस पर एक किस तो कर दे।
मैंने कहा- ठीक है।

मैंने उसके लंड के सुपारे पर एक ज़ोर की किस कर दी।

फिर उसने मुझे वहीं टॉयलेट सीट पर घोड़ी बना दिया और अपना लंड पीछे से मेरी चूत पर रगड़ने लगा।

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने कहा- अब डाल भी दो।
तो बोला- तुझे चुदने की बहुत जल्दी है।
मैंने कहा- हाँ.. जल्दी करो।

उसने एकदम से अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया।
मुझसे रहा नहीं गया और मेरी चीख निकल गई।

भाई बोला- साली चिल्ला मत.. तेरा भाई आ जाएगा।

अब उसने अपना एक हाथ मेरा मुँह पर रखा और फिर से चोदने लगा।
मुझे दर्द हो रहा था पर उसने मेरी एक नहीं सुनी और मुझे चोदता रहा।

थोड़ी दर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा.. तो मेरे मुँह से ‘आआअहह.. फक.. मी.. आहहा.. उम्म्म्म..’ की आवाजें निकलने लगीं।
बोला- साली रंडी चिल्ला मत..
मैंने कहा- खुद ही निकल रही है.. मैं क्या करूँ।

फिर कुछ ही मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकल गया। वो बोला- तू तो झड़ गई।
मैंने कहा- हाँ मेरा पहली बार था ना!

उसने मुझे देर तक चोदा।
उस चुदाई में 3 बार झड़ी।

फिर वो बोला- मेरा पानी निकलने वाला है।
मैंने कहा- प्लीज़ चूत में मत निकालना।
बोला- कहाँ निकालूँ?
तो मैंने कहा- मेरे मम्मों पर निकाल दो।
बोला- ठीक है।

अब उसने मुझे सीधा किया और मेरे मम्मों पर झड़ गया।

फिर हम दोनों ने वहीं बाथरूम में एक साथ गर्म पानी से नहाए, उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।
बोला- एक राउंड और हो जाए?

मैंने कहा- नहीं यार.. वैसे भी चूत बहुत दर्द कर रही है।
बोला- प्लीज़..
मैंने कहा- यार दर्द हो रहा है।

उसने कहा- मैं दवा ला कर दे दूँगा.. पर प्लीज़ एक राउंड और।
मैंने कहा- तू मानेगा तो है नहीं.. अब तू चोद ही ले।

इस बार वो टॉयलेट सीट पर बैठ गया और बोला- अब की बार तू खुद चुद।

तो मैं जाकर उसके खड़े लंड के पर बैठ गई और ऊपर-नीचे होने लगी।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर कुछ देर के बाद हम दोनों झड़ गए।
अब मैं और वो कपड़े पहन कर बाहर आ गए।

अब तक 4 बज गए थे, हम दोनों वापस बिस्तर पर लेट गए।

वो बोला- बहुत मज़ा देती है तू।
मैंने कहा- तू भी मस्त चोदता है।

ये शिमला टूर का किस्सा था।

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