ममेरी बहन की बुर की चुदाई की हिंदी पोर्न स्टोरी

इससे पहले मैंने उसे बचपन में देखा था और उसके बाद अब उसे देखते ही मैं पागल हो गया। मेरी बहन के चूचे इतने भरे हुए थे कि मेरे तो होश ही उड़ गए। उसका रंग ऐसा कि जैसे हाथ लगाओ तो मैली हो जाए। उसे देखते ही मेरा लंड चुत के लिए फुदकने लगा। उसकी फिगर 38-30-36 की थी.. मैं तो उसे देखता ही रह गया। मैंने सोच लिया कि मैं उसे चोदूंगा जरूर.. पर कैसे चोदना है, ये समझ में नहीं आ रहा था।

फिर क्या था.. मैंने उससे बात करना शुरू किया और पूछा- कौन से स्कूल में एड्मिशन लेना चाहती हो?
वो कहने लगी- जिस स्कूल में तुम हो उसी स्कूल में मैं भी एडमिशन ले लूँगी, दोनों साथ में ही पढ़ाई करेंगे।
यह सुनकर तो मेरे दिल के अरमान और जाग गए।

उसके कुछ दिनों बाद अंजलि ने मेरे ही स्कूल में एड्मिशन ले लिया, हम दोनों भाई बहन एक साथ पढ़ने लगे। पर जब भी मैं उसके साथ होता, मेरा लंड ऑटोमॅटिकली खड़ा हो जाता।
उसने एक दिन इस चीज़ पर गौर कर लिया.. पर कुछ बोली नहीं।

मैं उसका फायदा उठाने लगा। अब मैं उसके साथ हंसी मजाक करते हुए कई बार उसके चूचों पर हाथ फेर दिया करता था। इससे मुझे बहुत मजा आता था। कभी-कभी अपना लंड भी उसे पकड़ाने के लिए कोशिश करने लगा और उसकी गांड पर भी लंड को टच कर दिया करता था।

एक दिन मैं अपने घर बैठा टीवी देख रहा था, मामा का फोन आया।
‘अमोल बेटा तू आज रात मेरे घर सो जाएगा क्या?’
मैंने पूछा- क्यों?
मामा ने कहा- तुम्हारी मामी की दादी की डैथ हो गई है, तो मुझे मुंबई जाना पड़ेगा और एग्जाम की वजह से अंजलि साथ में नहीं जा पाएगी और उसे घर पर अकेले नहीं छोड़ सकते।

मामा की ये बात सुनकर मेरा दिल गार्डन-गार्डन हो गया और मैंने फट से उत्तर दे दिया- हाँ मामा क्यों नहीं.. मैं सो जाऊंगा.. कोई दिक्कत नहीं है।

फिर मैंने एक दुकान से कन्डोम लिए और शाम को मामा के घर आ गया। मुझे लगा रहा था कि अंजलि मुझसे चुदने के लिए राज़ी नहीं होगी.. फिर भी मैंने दिल में ठान ली थी कि अंजलि को चोदूंगा जरूर!

रात को उसके साथ बैठे-बैठे मैं टीवी देख रहा था और सोच रहा था कि उससे कैसे कहूँ। फिर मैंने टीवी के चैनल बदलना चालू किया तो एक चैनल पर ‘तेरे संग..’ फिल्म का बेड वाला सीन चालू था। मैंने सेक्स सीन देखा और मौका देख कर अपना लंड खुजाना शुरू कर दिया। उसने मुझे लंड खुजलाता देख लिया.. पर कुछ बोली नहीं।
मैंने भी ध्यान दिया कि उसका बार-बार मेरे लंड खुजलाने पर ध्यान जा रहा था।

फिर वो बोलने लगी कि टाइम ज्यादा हो गया.. मैं सोने जा रही हूँ.. जब तेरा दिल करे.. तो तू भी मेरे साथ ही सो जइओ।
वो अपने रूम में सोने चली गई।

उसके जाने के 20 मिनट बाद मैं उसके रूम में गया.. मेरी बहन नाइटी में सो रही थी। उसको देखकर मेरा लंड उछाल मारने लगा। मैंने अपनी पेंट उतारी और उसको देखते हुए मुठ मारने लगा, पर उसका मखमली बदन देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं पूरा नंगा होके उसके साथ लेट गया। नाइटी ऊपर करते ही मैंने देखा कि उसकी चुत पर अभी बाल आना शुरू हो गए थे।

बहन की टाइट चुत देखकर मुझसे रहा नहीं गया और ये सोच कर मैंने एक चादर अपने ऊपर डाल ली कि अगर वो जाग गई तो चादर की वजह से उसे कुछ दिखाई ना दे।

उसके बाद उसके साथ लेटे-लेटे मैं अपना लंड धीरे से उसकी गांड पर टच करने लगा। उसकी गांड पर लंड टच करते के साथ ही मज़ा आ गया।

फिर मैंने धीरे से उसके चूचों पर हाथ फेरा.. वो थोड़ा सा हिली तो मेरी गांड फट गई और मैंने चादर ओढ़ कर दूसरी तरफ मुँह कर लिया।

उसके एक मिनट बाद मैंने फिर उसकी तरफ मुँह किया और उसके चूचों पर हाथ फेरा.. देखा वो नहीं जागी तो मैंने धीरे से उसको आवाज़ लगाई ‘अंजलि..!’

वो नहीं जागी.. फिर क्या मैंने उसके खुले गले की साइड से उसके अन्दर चूचों पर हाथ डाल दिया। उसे कोई असर नहीं हुआ फिर मैंने उससे धीरे से सीधा किया और उसके गाउन को उसके चूचों तक उठा दिया। उसने काली ब्रा पहनी थी और उसके चूचे उसमें से निकलने को हो रहे थे। मैंने उसकी ब्रा को भी उसके चूचों के ऊपर सरका दिया। उसके पिंक कलर के निप्पल देख कर मेरा लंड जोर-जोर से उछाल मारने लगा और मैंने उसके निप्पल चूसने शुरू कर दिए।

उसके चूचे चूसते-चूसते मुझे अहसास हुआ कि शायद वो जाग गई है और सोने का नाटक कर रही है। अब मैंने हिम्मत दिखाते हुए उसके लाल-लाल होंठों की किस ली और उसके हाथों की हरकत को महसूस किया।

अब मुझे पता चल गया कि अगर मैं इसे चोदूंगा तो भी ये नहीं उठेगी.. ये सोने का ड्रामा करेगी।

मैंने बेख़ौफ़ उसकी नाइटी उतार दी और उसकी पैंटी भी खींच दी। उसकी पैंटी उतरते के साथ ही ऐसी खुश्बू आई जैसे वो चुत सिर्फ़ मेरे लंड के लिए ही बनी हो। मैंने अपना लंड उसके मुँह में देने की कोशिश की.. मगर उसने लंड अपने मुँह में नहीं लिया।

मैंने उसकी चुत पर मुँह रख दिया। चुत चूमते ही वो कामुक सिसकारियां लेने लगी। उसकी बुर बहुत टाइट थी.. उसकी बुर की सील भी नहीं टूटी थी।

मैं उसकी बुर चाट ही रहा था कि इसी दौरान वो झड़ चुकी थी। वो बहुत गर्म हो गई थी। फिर मैंने कंडोम लगा कर लंड को उसकी चुत में पेल दिया। उसकी चीख निकल गई उम्म्ह… अहह… हय… याह… लेकिन मैं उसे बहुत तेज चोदता रहा। इस कारण से पहला कंडोम तो चुत के अन्दर ही फट गया। जैसे-तैसे लंड को चुत से बाहर निकाला और दूसरा कंडोम लगा कर फिर से चुत की चुदाई शुरू कर दी।

मस्त चुदाई हुई वो भी मेरा खुल कर साथ देने लगी। एक बार की चुदाई में मन नहीं भरा तो हम दोनों ने उस रात कई बार चुदाई का खेल खेला।

सुबह जब वो उठी तो उससे सीधा चलना भी नहीं हो पा रहा था। मैं जब उठा तो वो नहा कर लंगड़ाते हुए आ रही थी.. उस वक्त उसने सिर्फ़ तौलिया लपेटा हुआ था। अंजलि इस वक्त बहुत खूबसूरत लग रही थी।
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मैंने उसे देखा तो वो मुस्कुरा दी। मैंने उसे फिर से अपने आगोश में खींच लिया और फिर से लंड खोल कर उसको चोदना चालू कर दिया।
तो वो मुझे चूमते हुए कहने लगी- भाई… रात भर में जी नहीं भरा क्या.. बहुत चोदा तुमने.. मेरी फट गई है, मुझसे चला भी नहीं जा रहा है।
मैं हंस दिया और उसको मस्ती से चोदता रहा।

अब तो हम दोनों चुदाई के लिए मचलते हैं तो बाहर होटल में कमरा ले कर चुदाई का मजा ले लेते है.. कभी उसकी सहेलियों के कमरे पर चुदाई हो जाती है।

आपको मेरी ममेरी बहन की सील तोड़ चुदाई की हिंदी पोर्न स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल कीजिएगा।
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