बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -2

मैं अपना लंड हिलाने लगा और वो चूत में उंगली करने लगी। कुछ देर ऐसा करने के बाद हम दोनों झड़ गए और फिर आज के खेल का अंत हो गया.. इसके बाद हम दोनों लगभग रोज वीडियो चैट करने लगे थे।
कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा..

फिर एक दिन।
मैं- हम दोनों बहुत दिन से चैट कर रहे हैं.. क्यों ना एक बार रियल में मिला जाए..।
सेक्सी गर्ल- आइडिया बुरा नहीं है.. लेकिन किधर मिलोगे?
मैं- तुम जहाँ बोलो..
सेक्सी गर्ल- मैं पटना से हूँ.. लेकिन कोलकाता में रहती हूँ।
मैं- मैं भी पटना से ही हूँ.. लेकिन दिल्ली में रहता हूँ।

सेक्सी गर्ल- तो कहाँ मिलें?
मैं- पटना में।
सेक्सी गर्ल- मैं अभी पटना नहीं जाऊँगी!
मैं- ओके.. तो मैं कोलकाता आ जाता हूँ। लेकिन कोलकाता में कहा पर मिलोगी?
सेक्सी गर्ल- हाँ ये सही रहेगा.. यहाँ मैं एक होटल में 2 कमरे बुक करती हूँ.. वहीं मिलूँगी।

मैं- ठीक है..’क्या अब भी अपना चेहरा नहीं दिखाओगी?’
सेक्सी गर्ल- अब चेहरा क्या चीज है तुम मुझे सीधे होटल में पूरा खोल कर ही देख लेना..
मैं हँस दिया और बात खत्म हो गई।

दूसरे दिन..
सेक्सी गर्ल- मैंने एक होटल बुक किया है दो कमरे हैं.. 212 & 213 तुम रविवार को कोलकाता आ जाओ।
मैं- मैं रविवार क्या.. मैं तो शुक्रवार को ही पहुँच जाऊँगा..
सेक्सी गर्ल- तुम जब भी आओ.. लेकिन मैं मिलूँगी रविवार को ही..
मैं- ठीक है..

मैं घर पर बोला कि मेरा एक एग्जाम है.., मैं कोलकाता जा रहा हूँ। वैसे कोलकाता मे मेरी बड़ी दीदी रहती हैं.. सो वहीं रुक जाऊँगा और मैं कोलकाता पहुँच गया।
वहाँ मेरी दीदी मुझे लेने आईं.. मैं दीदी से 2 साल के बाद मिल रहा था.. क्योंकि जब वो आती थीं.. तो मैं नहीं होता था.. और जब मैं आता था.. तो वो नहीं होती थीं।
दो साल में दीदी बहुत बदल गई थीं.. पहले से सुंदर हो गई थीं।

मैं दीदी के साथ उनके कमरे पर गया ये फ्लैट दीदी और उसकी एक दोस्त को कंपनी ने ही दिया था.. लेकिन अभी उसकी दोस्त अपने घर गई हुई थी। वो रविवार को आने वाली थी।
फिर कुछ देर दीदी के साथ बात करता रहा.. फिर मैं फ्रेश हो गया और दोनों ने खाना खा लिया।

दीदी ऑफिस चली गईं.. तब मैं अकेला था.. तो मैंने सेक्सी गर्ल को मैसेज किया।
मैं- मैं कोलकाता पहुँच गया हूँ।
सेक्सी गर्ल- अभी मैं ऑफिस में हूँ.. रात में बात करती हूँ।

मैं घूमते हुए दीदी के कमरे में गया.. तो मुझे कमरा कुछ जाना-पहचाना सा लग रहा था.. लेकिन मैं तो पहली बार कोलकाता आया हूँ.. तो ये कमरा मैंने कैसे देखा??

तभी अचानक से कैमरे में देखा हुआ कमरा याद आया और एकदम से मेरे मन में आया कि कहीं दीदी ही तो सेक्सी गर्ल नहीं हैं।
अब मैं दीदी की ड्रेस वगैरह ढूँढने लगा.. तो मुझे वो कपड़े भी दिख गए.. जिसको पहन कर सेक्सी गर्ल चैट करती थी।

अब तो मुझे भरोसा हो गया कि दीदी ही सेक्सी गर्ल हैं। तो मुझे अपने आप में बहुत बुरा लग रहा था कि मैं अपनी ही बहन को नंगी देख चुका हूँ और उसी के साथ सेक्स करने दिल्ली से कोलकाता आ गया हूँ।
फिर मैंने सोचा कि सिर्फ़ मैं ही तो नहीं हूँ.. जो अपनी बहन को चोदूँगा..

कुछ देर तक मैं अपने आपसे जूझता रहा फिर मैं भाई-बहन वाली कहानियाँ पढ़ने लगा।
करीब 10-15 कहानियाँ पढ़ने के बाद मैंने सोचा- नहीं यार.. अगर कोई कुँवारी चूत मिल रही है तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए और मैं दीदी को चोदने के लिए तैयार हो गया।

शाम को जब दीदी आईं.. तो उसको देखने का मेरा नज़रिया ही बदल चुका था। अब मुझे वो दीदी नहीं.. सेक्सी गर्ल नज़र आ रही थी।
फिर सारा दिन भी उसी तरह बीत गया..

रात को हम दोनों फिर से ऑनलाइन आए..
कुछ देर बात करने के बाद पूछा- तुम कितने भाई-बहन हो?
सेक्सी गर्ल- 3… एक भाई और 2 बहन और तुम?
मैं- एक भाई और 2 बहन.. तुमको तुम्हारा भाई कैसा लगता है?
सेक्सी गर्ल- अच्छा है..

मैं- अगर मौका मिला तो तुम उसके साथ सेक्स करोगी?
सेक्सी गर्ल- नहीं ऐसा कुछ नहीं सोचा है..
मैं- और अगर वो तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहे तो करोगी?
सेक्सी गर्ल- पता नहीं.. तब की तब देखी जाएगी।

मैं- तो आओ वीडियो चैट पर आज अपना चेहरा तो दिखाओगी ना?
सेक्सी गर्ल- ठीक है..
वो वीडियो चैट पर आई.. तब मैं न्यूड था और वो भी सिर्फ़ तौलिया लपेटी हुई थी। जैसे ही मैं उसको अपना चेहरा दिखाया..
वो चौंकते हुए बोली- तुम?
उसने तत्काल चैट ऑफ कर दी।

तो मैं नंगा ही उठा और उसके कमरे में चला गया और लाइट जला दी।
वो बोली- तुम जाओ यहाँ से.. ये सब ग़लत है..
मैं- दीदी प्लीज़.. सिर्फ आज.. फिर कभी नहीं..
दीदी- पागल हो गया क्या तू.. हट दूर..
मैं- नहीं दीदी..

दीदी- यह ग़लत है.. और मैं तेरी बहन हूँ।

मैं- नहीं.. आज हम दोनों भाई-बहन नहीं.. एक लड़का और लड़की हैं और हम दोनों को अभी एक-दूसरे की ज़रूरत है.. हम दोनों ने एक-दूसरे का सब कुछ देख लिया है और अगर मैं तुम्हारा भाई नहीं होता.. तो क्या तुम वो सब नहीं करतीं?

यह बोल कर मैं दीदी को चूमने लग गया, मैं उसके मम्मों को दबाने लग गया।
अब दीदी का विरोध कम हो गया।

मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत पर लगाई.. दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली।
दीदी- नहीं.. मेरे को अजीब लग रहा है..

मैं समझ गया था कि दीदी वर्जिन है और अपनी ही सग़ी बहन की सील तोड़ने में बहुत मज़ा आएगा।
दीदी अब गरम हो चुकी थी.. मेरा लंड भी अब चूत को सलाम कर रहा था.. लेकिन फिर दीदी ने मुझे अलग कर दिया।
मैंने उसे समझाया और कहा- प्लीज़ मान जाओ.. हम दोनों को सेक्स की जरूरत है..

जब मैं समझा रहा था.. तो वो मेरे लंड को ही देख रही और तभी मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और अपनी तरफ खींचा और उसने गाल पर किस किया।
वो बोली- यह पाप है.. हम दोनों भाई-बहन हैं और किसी को पता चल गया तो बदनामी हो जाएगी।
तब मैंने उसे समझाया कि किसी को पता नहीं चलेगी.. ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी।

अब मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया, वो छूटने की कोशिश करने लगी, मैंने ढील नहीं छोड़ी.. कुछ देर में वो भी गरम होने लगी और उसने छूटने की जद्दोजहद भी खत्म कर दी।
तभी मैंने उसके मम्मे पर अपना हाथ रखा और उसे सहलाना चालू कर दिया। करीब 15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब वो भी मान गई थी और मुझसे गले लग गई.. तो मैं उसके सिर पर हाथ फेरने लगा और उसके कंधे पर किस करने लगा।

उसको भी अच्छा लग रहा था.. अब मेरा लंड उसकी चूत के पास स्पर्श हो रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लवड़ा उसके कपड़े को फाड़ कर चूत में चला जाएगा।
फिर मैं हाथ नीचे ले जाकर उसके चूतड़ों को दबाने लगा और चूचियों के ऊपर किस करने लगा।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो सिसकरियाँ लेने लगी ‘आआअह.. अहहह..’

मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी तौलिया को हटा दिया.. वो मेरे सामने ब्रा-पैंटी में थी।
आह.. दोस्तो, क्या माल लग रही थी.. मैं बता नहीं सकता..
उसके गोरे बदन पर काली ब्रा और पैन्टी.. आह्ह.. पूछो मत कि क्या दिख रही थी। वो जैसे कोई जन्नत की हूर अप्सरा लग रही थी।

फिर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने आरम्भ किए.. वो सिसकारियाँ भरने लगी और ‘आआआहह.. आआहह..’ करने लगी।
धीरे-धीरे मैंने उसके पेट पर हाथ फिराते हुए उसकी जाँघों पर हाथों को ले गया और सहलाने लगा।

उसने मेरा हाथ अपनी जाँघों में दबा लिया और अकड़ गई।

अब मैं अपने हाथ को पीठ पर ले जाकर सहलाने लगा और गर्दन और चूचियों के ऊपरी भाग पर किस कर रहा था। मैंने हाथ को पीछे ब्रा के हुक में फंसा दिया और उसको खोल दिया।

अब ब्रा सिर्फ़ उसकी चूचियों पर टिकी हुई थी.. तो मैंने अपने मुँह से ही ब्रा को हटा दिया।
जैसे ही मैंने ब्रा हटाई.. उसकी दोनों चूचियों मेरे सामने आ गई थीं.. जिसको देख कर मेरे मुँह में पानी आने लगा।

अब तक इसको कपड़े के अन्दर या नंगा देखा था.. तो बस लैपटॉप पर ही देखा था.. आज ये सच में मेरे सामने थीं.. वो भी पूरी नंगी।
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मैं तो कुछ देर देखता ही रह गया.. नज़दीक से तो ये और भी सेक्सी लग रही थी और इसके गुलाबी निप्पल तो और कयामत ढा रहे थे.. जैसे दो मलाई के ढेर हों.. और उनके ऊपर एक-एक छोटा गुलाबजामुन रखा हुआ हो।
मैं देर ना करते हुए नंगी चूचियों पर झपट्टा मारा और पूरी चूचियों को एक बार में ही अपने मुँह में लेना चाहा।

लेकिन उसके मम्मे बड़े थे.. सो नहीं जा पाए.. लेकिन जितना भी गए.. उतने को ही पीने लगा और एक हाथ से दूसरे चूचे के निप्पल को दबाने लगा.. वो तड़प उठी और बोली- भाई रहने दो ना प्लीज़.. अब और नहीं मैं मर जाऊँगी..

इस बहन की चुदाई की रसीली कहानी को पढ़ने के बाद मुझे अपने विचार जरूर भेजिएगा।
कहानी अभी जारी है।
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