चुदासी मौसेरी बहन की चुदाई की कहानी

हम सब मेरी मौसी के घर से शादी के स्थान पर गये हुए थे, उस दिन मेरी मौसी की लड़की सकीना भी वहीं थी।

सब लोग डांस कर रहे थे, मैं भी खूब मजा ले ले कर डांस कर रहा था पर सकीना नहीं कर रही थी, थोड़ी देर बाद उसने मुझे इशारा किया।
मैं तुरंत उसके पास गया, वो मेरा हाथ पकड़ कर साईड में ले गई और मुझसे कहने लगी- डांस तो ऐसे कर रहा है कि कोई ना कोई लड़की पटा ही लेगा?
मैंने कहा- लड़की पटाना इतना आसान नहीं है, और मैं अनजान को पटाऊँगा भी नहीं… मैं तो किसी जान पहचान वाली को ही पटाऊँगा।

वो बोली- मैं पट जाऊँ तो कोई परेशानी तो नहीं है ना?
मैं बोला- जरा फिर से कहना, मुझे सुनाई नहीं दिया?
उसने फिर से कहा- भाई जान, अगर मैं आपसे पट जाऊँ तो कोई परेशानी तो नहीं है ना?
मैं सुन कर एकदम हैरान रह गया लेकिन मैंने संभलते हुए कहा- नहीं!
और मैंने भी हाँ भर दी, वैसे भी इतनी शानदार माल को छोड़ेगा भी कौन!

फिर अचानक उसने मुझसे यह कहा- मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही, घर चलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है!
और मैं उसे उनके घर मतलब (मौसी के घर) ले जाने लगा।
तो उसने मुझसे कहा- हमारे नहीं, आपके घर चलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है.

हमारे घर की चाबी मेरे पास ही थी तो मैं उसे लेकर अपने घर चला गया।
और फिर घर का ताला खोल कर हम दोनों अंदर गये।

फिर मैंने पास वाले लड़के को बुलाया और उसको पैसे देकर मेडीकल से दवाई लेकर आने को कहा। वो दवाई देकर चला गया।
मैंने सकीना को दवाई खिलाई और मैं रसोई में पानी पीने चला गया।

पर जब मैं वापस आया तो मैंने देखा कि सकीना बेड पर बैठी हुई थी और उसने अपना टॉप उतार दिया था।
उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे किस करने लगी।
मैं पीछे कैसे हटता, मैं भी उसे किस करने लगा।

फिर उसने मेरे एक के बाद एक करके सारे कपड़े उतार दिए और फिर से मुझे किस करने लगी। फिर मैं भी उसे किस करने लगा और उसकी शमीज उतार कर उसकी चुची दबाने लगा, वो मदहोश होने लगी और ‘सी… सीअ… अह’ की आवाजें निकालने लगी। मैंने उसकी दोनों चूचियों को खूब चूसा.

अब मैंने उसकी जींस उतार दी और उसकी पेंटी भी… उसकी चूत एकदन साफ़ थी, जैसे आज ही उसके शेव की हो या कोई बाल साफ़ करने की क्रीम लगा कर सफाई की हो. मुझे लगा कि वो पहले से ही मेरे साथ सेक्स के बारे में सोचती थी और आज वो ये सब सोच कर आई थी और उसने पूरी तैयारी की हुई थी चुदाई की.

मैं उसकी चिकनी चूत पर हाथ फेरने लगान उसके दोनों होंठों को दबा दबा कर देखें लगा. चूत के दोनों होंठ आपस में चिपके हुए थे, चूत ऐसे दिख रही थी जैसे आड़ू का फल होता है.

फिर मैंने उसकी चूत में जैसे ही मेरी एक उंगली घुसाई तो उसके मुँह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गई।
वो मुझ से कहने लगी- भाई रेहान, अब बस जल्दी से अपना लंड घुसा दो मेरी चूत में!

मैंने भी देर ना करी और मैंने मेरा लंड अपनी बहन की चूत पर सेट किया और एक झटका लगाया तो मेरा लंड फिसल गया।
फिर मैंने तेल की शीशी ली और थोड़ा तेल उसकी चूत पर लगाया, थोड़ा अपने लंड पे, फिर मैंने एक झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख निकल गई- आह अम्मी मर गई…

और वो कहने लगी- रेहान भाई जान, निकालो इसे, बहुत दर्द हो रहा है मुझे!
पर मैंने चूत में से लंड बाहर नहीं निकाला।
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फिर कुछ देर में उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो फिर मैंने एक जोर से झटका मारा तो मेरा 6 इंच का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख के साथ साथ उसके आँसू भी आ गये।

अब मैंने लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया, मैं लंड अंदर बाहर कर रहा था और वो जोर जोर से ‘आह आह आह…’ कर रही थी। उसे मजा आने लगा था, वो भी अब अपने चूतड़ हिलाने लगी थी. मैं तो खूब मजा ले ले कर अपनी बहन की चूत की चुदाई कर ही रहा था.

फिर वो झड़ गई पर मैं अभी बाकी था, थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उसकी चूत में से अपना लंड निकाला और उसके मुँह में दे दिया।
वो मेरा सारा पानी पी गई।

जब हम उठे तो मैंने देखा कि बेड पर खून था, तो मैंने बेड की चादर बदली और खून वाली चादर धो दी।
फिर हम दोनों भाई बहन ने अपने अपने कपड़े पहने और हम वापस शादी के स्थान पर आ गये।
मैंने नोटिस किया कि मेरी बहन की चाल में फर्क आ गया था मेरे से चुदाने के बाद…

तो इस तरह मैंने अपनी मौसेरी बहन को चोदा.
उसके बाद भी हम मौके की तलाश में रहते, जब भी हम दोनों को कोई मौक़ा मिलता, हम चुदाई के खेल का मजा जरूर लेते.

तो ये थी मेरी बहन की चूत चुदाई की कहानी! आपको पसंद आई?
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