फरवरी 2016 की लोकप्रिय कहानियाँ

उसकी ये ग्राहक उससे अलग-अलग तरह के काम करवाती हैं.. जैसे बॉडी मसाज.. फेशियल.. वैक्सिंग.. इसके इलावा कई तो अपनी चूत तक के बाल भी साफ़ करवाती हैं।
इस काम में कुछ देर के लिए तो सभी इसके सामने कुछ देर के लिए नंगी तक हो जाती हैं। ये घर आकर मुझे बताती है कि किसने किस तरह करवाया और क्या-क्या करवाया.. जिसे सुन कर मेरा लंड पैंट में खड़ा हो जाता है। मैं उससे पूछता हूँ कि क्या कोई औरत किसी मर्द से भी मसाज करवाने को कहती है?

तो दीपिका बोलती है- तुम तो हमेशा अपना जुगाड़ बनाने को लगे रहते हो।

हम दोनों भी खूब चुदाई करते हैं और कपल स्वैपिंग के बारे में भी सोचते हैं परन्तु कभी कर नहीं पाए। इसी लिए मैं अपनी वाइफ से कहता हूँ कि तुम्हारी कोई दोस्त ऐसी है.. जो पति के सामने हमारे साथ चुदाई करना चाहे और हम अपने साथी अदल-बदल कर चुदाई करें और मज़ा आ जाए।

तो वो बोलती है- कोई हमारे जैसा सोचने वाला भी तो हो।

मेरी वाइफ की एक सहेली है.. जिसका नाम दीप्ति है और उसके पति का नाम सुनील है। उनकी एक बेटी है और हमारा एक बेटा भी है.. दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी हैं। वो दीपिका की कस्टमर भी है और वो दीपिका से अपनी बॉडी मसाज, फेशियल और चूत के बाल तक साफ़ करवा लेती है।

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अपने ही पति का दैहिक शोषण

 

यह बात मेरी शादी के कुछ समय बाद की है। जब मैंने अपनी अन्तर्वासना कामेच्छा पूरी करने के लिए अपने ही पति के साथ सेक्स में जोर आजमाइश की।
कैसे किया, यह भी सुनिए।

मेरी शादी को करीब 4 महीने हुये थे, हम दोनों मियां बीवी अलग अलग प्राइवेट कम्पनीज़ में जॉब करते थे। शादी के बाद भी मैंने जॉब नहीं छोड़ी। इसका फायदा यह हुआ कि घर में हम दोनों के पास इतने पैसे हो जाते थे कि खुल कर खर्च करते थे, मगर दिक्कत यह थी कि दोनों के काम में बिज़ी होने के कारण दोनों एक दूसरे को कम ही टाइम दे पाते थे।

ऐसे में जहाँ एक आम शादीशुदा जोड़ा शादी के बाद 4 महीने में 400 बार सेक्स लेता है, हम तो बस 20-25 बार ही कर पाये थे। अब उम्र चढ़ती जवानी, ऊपर से मुंबई में अपने फ्लैट में रहना, किसी की भी कोई दखलअंदाजी नहीं, तो हमारे पास तो एंजॉय करने का वक़्त ही वक़्त होना चाहिए था!
मगर असल में था बिल्कुल इसके उल्टा।

सुबह 9 बजे घर से निकलते, शाम को 7-8 बजे घर में आते और प्राइवेट कंपनी में तो काम की इतनी टेंशन होती है कि बस इतना ज़्यादा थके होते कि बाहर से ही खाना मँगवाते और सो जाते।
बहुत बार तो ऐसा भी होता कि दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे की बाहों में लेटे लेटे एक दूसरे को देखते सहलाते सो जाते, दोनों में से किसी में भी इतनी ताकत न बचती के सेक्स कर ले।
सिर्फ छुट्टी वाले दिन ही दिन में 3-4 बार कर लेते।

ऐसे ही चलता रहा मगर न जाने क्यों इस बार मेरे पति ने छुट्टी वाला दिन भी ऐसे ही बहाने से बना कर निकाल दिया।
मैं शनिवार को ही दफ्तर से मूड बना के आई थी कि पति से कहूँगी के खाना बाद में खाएँगे, पहले एक ट्रिप लगाते हैं, उसके बाद खाना खाएँगे, फिर सोने से पहले एक बार और करेंगे और सो जाएंगे।

मगर पतिदेव दफ्तर का काम घर पे उठा लाये, बहुत ज़रूरी काम है, कह कर देर रात तक लगे रहे, मैं बिस्तर में उनके इंतज़ार में नंगी लेटी लेटी सो गई।
सुबह फिर किसी दोस्त के पास चले गए, दोपहर को आए, तो फिर काम।
मुझे बड़ा गुस्सा आया कि इतना काम!

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एयर पोर्ट पर आलिया की चूत गान्ड चुदाई

 

बॉलीवुड: कल्पना की उड़ान

‘माफ कीजिए, क्या आप मेरे साथ आएँगी?’ एयरपोर्ट पर अपनी माँ के साथ लाइन में खड़ी हुई आलिया से सुरक्षाकर्मी ने पूछा।
औसत कदकाठी वाला सुरक्षाकर्मी बहुत ज्यादा आकर्षक नहीं था, उसने सुरक्षाकर्मियों वाली एक विशेष वर्दी पहनी हुई थी लेकिन उसके साथ उसकी बंदूक, हथकड़ी, यहाँ तक कि नाइट स्टिक भी नहीं थी।

पर आलिया के पास उसे दिखाने के लिए बहुत कुछ था। उसने कैजुअल ड्रैस में नीची कमर वाली नीली जींस और कसी हुई गुलाबी रंग की टीशर्ट पहनी हुई थी जिसमें से उसका चिकना पेट और आकर्षक मांसल बूब्स साफ दिख रहे थे।
उसके बाल छोटे कटे हुए एवं बेहतरीन तरीके से उसकी नई रॉक स्टाइल के अनुसार बने हुए थे। वह अपना पूरा वजन अपने बायें नितम्ब पर डाले हुए मुड़ कर खड़ी हुई थी।

‘क्या कुछ गलत है, अम्म सैम?’ उसने उसके आई डी कार्ड को देखते हुए कहा।
‘यह हमारी जाँच का एक हिस्सा है, आपको तकलीफ के लिए खेद है लेकिन मुझे यह करना होता है।’ सैम ने जबाब दिया।
आलिया ने उसे देखा और लाइन से निकल कर उसके पीछे आ चली आई।

उसकी माँ भी अकेले इंतजार करने के बजाए आलिया के साथ आ गई।
सैम ने उसे जाँच खत्म होने तक उसी स्थान पर इंतजार करने को कहा।

आलिया ने बैग जाँच के लिए टेबल पर रख दिया और सुरक्षाकर्मी उसकी जाँच करने लगा।
‘आप जानती हैं, मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूँ!’ सैम ने कहा।
आलिया प्रत्युत्तर में केवल मुस्करा दी लेकिन वह काफी बेचैन लग रही थी।

वह बैग की जाँच करते हुए बैग के निचले हिस्से में पहुँचा जहाँ उसे उसके अंडरवियर मिले, उसमें दो ब्रा और कच्छियाँ थी।
सैम ने अपनी उंगलियों के बीच लेकर उन्हें मसला और उसके संवेदनशील अंगों को छूने के बारे में सोचने लगा।
‘वास्तव में मुझे आपकी जांच के लिये नहीं कहा गया था लेकिन मैंने आपसे मिलने का यह अवसर छोड़ना नहीं चाहा।’

यह क्या बकवास है? मुझे यकीन ही नहीं हो रहा!’ आलिया ने कहा।
सैम चौंका, उसे इस तरह के रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी!
और थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया।

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चूत की फेस सिटिंग की चुल्ल

 

मैं ऑफिस से घर वापिस आ रहा था.. तब शमिका कॉर्नर के ग्रोसरी शॉप पर खड़ी थी।

शमिका उन चार लड़कियों में से एक थी जिसकी मम्मी को मैंने पिछली बार झूठा साबित कर दिया था और उसके एवज में शमिका की मम्मी ने तानिया नाम के एक शीमेल से मेरी दुर्गति करवा दी थी इस घटना को आप मेरी पूर्व की कहानियों में पढ़ सकते हैं।

अब उस घटना के बाद आज पहली बार मेरा शमिका से सामना हुआ था। तो इस घटना को आगे जानते हैं।

मैं कुछ लेने के लिए शॉप में गया.. पर उससे नज़रें नहीं मिला सका।
जब मैं वापिस निकला.. तब ये मेरी बाइक के पास जाकर खड़ी हो गई थी। मैंने पुराने डर की वजह से उस पर ध्यान नहीं दिया।

तब शमिका बोली- रूको मुझे तुमसे बात करनी है।
मैं सुनने के लिए रुक गया।

उसने पूछा- अभी भी आदत है तुम्हारी नंगा रहने की.. या फिर छूट गई है? बहुत दिनों से तुम्हें छत या बाल्कनी में मंडराते हुए देखा नहीं है.. या फिर टाइमिंग्स बदल दिए हैं?
और शमिका हँसने लगी।

मैंने कहा- नहीं ऐसी कोई बात नहीं.. थोड़ा टाइम कम मिलता है..
तो वो हँसने लगी और बोली- कुछ भी कहो.. तुम नंगे काफ़ी अच्छे दिखते हो.. क्या फिर से मेरे सामने नंगा होना चाहोगे?

मैं इस सवाल से चौंक गया था.. पर पुरानी बातें याद करके डर भी लग रहा था।
मैंने हिचकिचाते हुए कहा- कहीं फिर से मुझे ठुकवाने का इरादा तो नहीं है?

शमिका एकदम से हँस पड़ी और बोली- अरे नहीं उस दिन जो किया वो सज़ा के तौर पर काफ़ी था और वो भी पूरा मॉम का ही प्लान था.. क्योंकि तुमने उन्हें सबके सामने झूठा साबित किया था.. जबकि वो सही थीं।
मैं सिर्फ़ खामोश खड़ा था।

तब वो बोली- बात ऐसी है कि हम सहेलियों ने कुछ दिन पहले एक ब्लू फिल्म देखी थी.. उसमें दिखाया गया था कि एक लेडी बहुत देर तक मर्द के मुँह पर नंगी बैठ जाती है और शायद झड़ने के बाद ही उठ जाती है.. थोड़ा ह्युमाइलियेशन तरह का एक्शन था.. पर उससे ‘कुछ’ करवाती नहीं है.. उसे वैसे ही छोड़ देती है.. नंगा तड़फता हुआ। जब मैंने इस चीज़ को गूगल किया तो मुझे पता लगा इसे ‘फेस सिटिंग’ कहते हैं। जिसमें लड़की मेल के मुँह पर बैठकर उसकी जीभ और होंठों से अपनी ‘पुसी’ को चटवाती है.. ‘एस होल’ को भी तब तक चटवाती है.. जब तक वो पूरी तरह से शांत ना हो जाए।

तो मैंने कहा- इसमें मैं क्या कर सकता हूँ?
शमिका बोली- अरे बुद्धू, मुझे ये एक्सपीरियेन्स करना है और मुझे लगता है कि मुझे ये एक्सपीरियेन्स करने के लिए तुम पूरी तरह से मेरा साथ दोगे।

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सेक्सी सलहज को नंगी देखा, फिर चुदाई

 

इस कहानी की शुरूआत हुई सन 2012 में.. जब मैं पहली बार बैंगलोर आया था। मैं नौकरी मिलने के कारण इस शहर आया था। मुझे एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब मिली थी। मेरे पास रहने के लिए घर नहीं था और मैं शहर में नया भी था। मेरा एक साला, बीवी का ममेरा भाई इस शहर में पहले से रह रहा था।

उसने मुझसे कहा- आप मेरे घर पर ही रुक सकते हैं।
मुझे यह सुनकर अच्छा लगा कि चलो इस बहाने उससे मुलाकात भी हो जाएगी और कुछ समय के लिए मेरा खर्च भी कम होगा।
मैं अगले दिन ही उसके घर में शिफ़्ट हो गया।

उसक घर बहुत सुन्दर था और हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध थी। मैं पहली बार उसकी बीवी से मिला और उसे देखता ही रह गया.. उसका नाम स्वाति था, वह बहुत सुन्दर थी, उसकी फिगर कयामत थी, उसका रंग दूध की तरह सफेद था, उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी।
मैं तो उसका दीवाना सा हो गया था, वो एकदम हूर की परी लग रही थी।

मैंने दोनों को ‘हैलो’ बोला और अपने कमरे में सामान लगाने लगा। मैं सुबह लगभग 7 बजे उनके घर पहुँचा था। मेरा साला ऑफिस के लिए निकलने वाला था.. उसने मुझसे बोला- आप भी नहा धो कर फ्रेश हो जाओ.. शाम को मिलते हैं।

साले की बीवी स्वाति भी ऑफिस जाती थी.. पर उस दिन उसने छुट्टी ले रखी थी। घर में दो बाथरूम थे.. जिसमें से एक बाथरूम का दरवाज़ा बन्द नहीं होता था। मुझे इस बात का पता नहीं था और मैं उस बाथरूम में घुस गया.. जिसका दरवाज़ा ठीक था।

स्वाति को भी नहाना था.. इससे पहले वो कुछ कह पाती.. मैंने नहाना शुरू कर दिया था।
स्वाति ने सोचा कि मैं सफ़र से आया हूँ इसलिए मुझे नहाने में वक्त लगेगा.. इसलिए वो दूसरे बाथरूम में नहाने चली गई।

मुझे अन्दर जाकर याद आया कि मैं अपना तौलिया बाहर ही भूल गया हूँ। मैं तुरन्त बाहर आया और अपने बैग से तौलिया निकाल कर वापस जा ही रहा था कि मुझे दूसरे बाथरूम में पानी गिरने की आवाज़ आई।

मैं बाथरूम के दरवाज़े की झिरी पर आँख लगाकर देखने लगा। मेरे हल्के से हाथ लगते ही दरवाज़ा थोड़ा सा खिसक गया। मैंने थोड़ा और दरवाज़ा खिसका कर देखा.. स्वाति अपने पूरे कपड़े उतार कर दरवाज़े की तरफ पीठ करके नहा रही थी।

स्वति का बदन दूध की तरह सफेद रंग का था.. उसकी कमर पर कोई भी निशान नहीं था, उसके चूतड़ बिल्कुल साफ और चिकने थे। चूतड़ों के बीच की लकीर साफ नज़र आ रही थी।

स्वाति को पता भी नहीं था कि मैं उसको देख रहा हूँ.. वो मज़े से नहा रही थी और अपने चिकने बदन में मल-मल कर साबुन लगा रही थी।

मैं उसको देखता ही रहा.. उसने अपने पूरे बदन पर साबुन लगकर मुँह पर भी साबुन लगाया।
वो साबुन हटाने के लिए खड़ी हुई और अपने ऊपर पानी डालने लगी। खड़े होते ही उसके चूतड़ साफ नज़र आने लगे.. उफ.. क्या कयामत ढहाने वाले चूतड़ थे.. बिल्कुल गोरे.. सफेद.. उसके उन गोल चूतड़ों पर एक तिल तक नहीं था।

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