फरवरी 2015 की लोकप्रिय कहानियाँ

मेरे इस जवाब से वो थोड़ी शरमा गई।

मैं बोला- चलो आपको शरमाना भी आता है।

वो बोली- जीजाजी, सचमुच दीदी बड़ी लकी है जो आप उसे मिले।

इतने में मेरी बीवी वहाँ आ गई और बोली- मिल लिए रिंकी से?

उसकी आँखों में देखते हुए मैंने अपने होंठों को उसके लरजते हुए होंठों से मिला दिया और उसके होंठों का रसपान करने लगा।

हम दोनों बड़ी तल्लीनता के साथ एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे।

उसके लबों को चूसते हुए मेरा एक हाथ रेंगते हुए उसके एक स्तन को मसलने लगा।

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 कामना की कामवासना

मेरी बात को समझ कर उन्होंने मेरी योनि पर अपने हाथ से पानी का छींटा मार कर उसे हाथ से ही मल कर साफ़ करने लगे।
उनका हाथ लगते ही मेरा पूरा शरीर रोमांचित हो उठा और मेरे शरीर के रोयें खड़े होने लगे!

लगभग चार सप्ताह के बाद मेरी योनि पर किसी मर्द का हाथ लगने से उसके अन्दर एक खलबली मच गई और मेरी सोई हुई कामवासना उत्तेजित हो उठी।
इतने में ससुरजी ने मेरी योनि पर पानी के पांच-छह छींटे मार कर उसे मल मल कर साफ़ कर दिया और पूछा- कामना, लो अब यह तो बिलकुल साफ़ हो गई है! अब और क्या करना है।

तब मैंने उन्हें कह दिया- पापाजी, अभी इसके अन्दर खून भरा हुआ है। आप दो तीन बार अपनी बड़ी उंगली की इसके अंदर डाल कर थोड़ा घुमा दीजिये तो वह खून बाहर आ जायेगा, उसके बाद आप इसे बाहर से एक बार फिर धो दीजियेगा।


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बिहारी ने पंजाबन कमसिन की सील तोड़ी

एक दिन वो हमें स्कूल से लाने के लिए आया।

जब मम्मी दिन में अपनी सहेली के गई स्वेटर बुनने के लिए तो मुझे पता था वो घंटे से पहले नहीं आएँगी।

दिनेश को पापा ने घर छोड़ा हुआ था भैंसों की रखवाली और कुछ और कामों के लिए।

उस दिन मैंने लोअर और टी शर्ट पहन रखी थी जिसमें मेरे 32 साइज़ के गोर कसे स्तन बाहर झाँक रहे थे।

मैं कमरे में अकेली थी।
मैंने दिनेश को बुलाया और कहा कि मुझे किसी कीड़े ने काट लिया है शायद कंधे पर… तो वो देखे।

वो समझ गया था कि आज इस मौके का फायदा उठाना है।

उसने पहले पीछे जाकर एक हाथ से मेरे कंधे की हल्की सी मालिश की, फिर पूछा- आराम लग रहा है?

तो मैंने कहा- हाँ… अच्छा लग रहा है।

तो वो मेरे कंधे पर चुम्बन करने लगा।

मेरे मुहँ से सिसकारियाँ निकलने लगी।

फिर वो दोनों हाथ पीछे से लाकर मेरे दोनों बूब्स दबाने लगा।

मैं भी पूरी तरह गर्म हो गई थी।


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खुले जंगल में जंगली हनीमून

सुहागरात को उन्होने मेरे जीवन का पहला संभोग मुझसे किया, अगले दिन मुख मैथुन और तीसरे दिन गुदा मैथुन।

अभी मेरी योनि का दर्द भी ठीक नहीं हुआ था कि उन्होंने गुदा को भेद दिया।

तीन दिन तक मेरी टट्टी उतरने में तकलीफ़ होती रही।

मगर उन्होंने मुझसे कोई हमदर्दी नहीं की।

उसके बाद तो रोज़ रात को मेरे तीनों छेद उनके लिंग की चोट सहते।

खैर हनीमून तक तो मैं बिल्कुल नार्मल हो गई थी।

अब तो मुझे भी अगर तीनों जगह न चोदा जाए तो मुझे तसल्ली नहीं होती।

मैंने ऊपर आकर इनका लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पे सेट किया और अभी आधा ही अंदर लिया था कि हमारी बगल से दो पहाड़ी लड़के जिनकी उम्र करीब 20-21 साल होगी, हमारे सामने आ गए।


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मेरे चाचू ने बेरहमी से चोदा

यह एक पाकिस्तानी चुदाई की कहानी है, एक बेरहमी से चुदाई की है।

मेरा नाम साना है और अब मैं कराची में रहती हूँ।

मेरी उम्र 18 साल है.. मेरा रंग बिल्कुल दूध की तरह गोरा है..

मेरा कद 5’4″ का है, मेरे जिस्म का कटाव 32-28-33 है..

मैं बहुत प्यारी और सेक्सी हूँ.. यह मैं नहीं.. लोग कहते हैं।

मेरे जिस्म का आगे का हिस्सा या यूँ कहूँ कि मेरे स्तन बहुत ही उठे और उभरे हुए हैं.. मेरी सहेलियाँ भी मुझे यही कहती हैं।


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