जून 2018 की बेस्ट लोकप्रिय कहानियाँ

लेकिन मैं एक पंजाबी परिवार से आया हूं और आप जानते हैं कि लोग आम पंजाबी परिवार में कैसे रहते हैं, संयुक्त परिवार में इस तरह की बातचीत करना संभव नहीं है। तो मुझे सेक्स चाट के लिए एक शांत और एकांत वाली निजी जगह चाहिए थी। फिर मैंने इस वेबसाइट पर कोशिश करने के लिए आधी रात का समय चुना कि मेरे घर के सब लोग सो जाएँ तो मैं इस साईट पर आकर किसी प्यारी सी सेक्सी लड़की को चुन कर उससे बात करूंगा और कमरे पर उसके कामुक बदन का मजा लूँगा.

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इत्तेफाक से जेठ बहू के तन का मिलन

दोस्तो, आज आप लोगों के समक्ष एक ऐसी कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं जिसमें काफी इत्तेफाक हैं क्योंकि कभी-कभी जिंदगी भी इत्तेफाक के दम पर आगे बढ़ती है।
तो ऐसा ही इत्तेफाक इस कहानी में भी है लेकिन कहानी शुरू करने से पहले मैं इस कहानी के पात्र का परिचय दे देता हूं।

इस कहानी का मुख्य पात्र मैं यानि कमल जिसके साथ घटना घटी, फिर सिंधू, जो कहानी की नायिका है और फिर आलोक है जो मेरा छोटा भाई है।
मैं एक बहुत अच्छा डांसर हूं और साथ ही साथ कोरियोग्राफर भी हूँ, मैं काफी लोगों को डांस सिखाता हूँ उसमें से मेरा भाई भी मुझसे डांस सीखता है।
हमारा एक ग्रुप है जो कई जगह जाकर डांस का प्रोग्राम करता है। प्रोग्राम के कारण हम लोग अक्सर एक साथ बाहर होते हैं। हमारी टीम में मेरे अलावा आलोक, सिंधू और तीन चार लोग और हैं। प्रोग्राम के हिसाब से मेरी टीम के मेम्बर घट-बढ़ सकते हैं।

मैं एक कोरियोग्राफर की हैसियत से लड़के और लड़कियों के हाथ पैर को पकड़कर उनके स्टेप सही कराता हूँ। इसलिये मेरी नजर में सब एक जैसे थे, केवल मेरे भाई को छोड़कर। पता नहीं कब, प्रोग्राम करते करते आलोक और सिंधू एक दूसरे के करीब आ गये और इतने करीब आ गये कि उनको एक डोर में बांधने के लिए उनकी शादी करानी पड़ी। जबकि मैं अभी भी अपनी शादी के खिलाफ हूं।
खैर दोनों की शादी को साल बीत गया था लेकिन अभी भी दोनों हमारे ग्रुप के मेम्बर थे। लेकिन अब मेरी नजर सिंधु के प्रति बदल चुकी थी क्योंकि अब वो मेरी बहु थी। लेकिन कभी कभी स्टेप सही करने के लिये मुझे सिंधु को छूना पड़ता था।

चूंकि हम लोग काफी समय से एक दूसरे के साथ काम कर रहे थे, इसलिये हम सब के बीच झिझक कम थी, फिर भी अब एक निश्चित फासला बन चुका था। हम लोग प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन को बड़े अच्छे से निभा रहे थे। कुल कहने का मतलब, जिस जगह जैसी जरूरत पड़ती, वैसी ही भूमिका में हम सब आ जाते।

उन दोनों की शादी को एक साल से ऊपर हो चुका था और उनकी शादी के ऐन्वरसरी के दिन ही हमारी टीम को एक बहुत ही बड़ा स्टेज मिला जहां पर हमें परफार्मेन्स करना था और यदि परफार्मेन्स अच्छा होने की स्थिति में हमारे जीवन में काफी बदलाव आने वाला था।
हांलांकि यह कोई टीवी का प्रोग्राम नहीं था, फिर भी हमारे अथक मेहनत के बदले मिलने वाला बहुत बड़ा इनाम था। इस कहानी का इत्तेफाक यहां से शुरू होता है।

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भाबी ने मुझे मेरे भैया से चुदवा दिया

ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी के बेटे और उसकी बीवी की है.

मैं ऋतु पिछले साल अपनी मौसी के घर घूमने गई थी. चूंकि मैं कहीं भी नहीं जाती हूँ तो मम्मी ने कहा कि तुम अपनी मौसी के घर घूम आओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मम्मी ने मौसी को फोन किया और दो दिन बाद मेरी मौसी का बेटा मुझे लेने आ गया.

मैं उसे देखने लगी और उससे बात करने लगी. उसकी शादी को दो साल हो गए थे वो अब पहले से काफी बदल गया था. उसकी शादी में मम्मी गई थीं, मैं नहीं गई थी.

उसने मुझसे पहले तो इसी बात को लेकर उलाहना देते हुए कहा कि तुम शादी में क्यों नहीं आई थीं. फिर यूं ही बात होने लगी और वो मुझसे पूछने लगा कि कैसी हो ऋतु और तेरी पढ़ाई वगैरह कैसी चल रही है.
मैंने भी कहा- हाँ मैं ठीक हूँ और पढ़ाई की अभी कोई बात मत करो प्लीज़; अभी मुझे छुट्टियां एन्जॉय करने दो. तुम बताओ कि भाबी कैसी हैं और मौसी कैसी हैं.

मैं भी कितनी बुद्धू हूँ, मैंने अपने बारे में तो बताया ही नहीं कि मैं कैसी हूँ क्योंकि मुझे मालूम है कि अन्तर्वासना पर मेरी जवानी को जब तक आप लोग नहीं जानेंगे, आपका लंड ही खड़ा नहीं होगा और कहानी पढ़ने का मजा भी नहीं आएगा. तो मेरे प्यारे दोस्तो, मैं अब 20 साल की जवान माल हो गई हूँ. मेरा साइज़ 34सी-30-32 का है.

मेरी मौसी के बेटे का नाम वीरू है. उसकी उम्र 28 साल की है और भाबी का नाम पिंकी है, उनकी उम्र 24 साल की है.

मैं और वीरू भैया अगले दिन उनकी कार से उनके घर के लिए चल दिए. उन्होंने रास्ते में मुझे बहुत सारी खाने की चीजें दिलाईं और हम 3 घंटे के बाद मौसी के घर पहुँच गए.

मौसी ने मुझे गले लगाया और भाबी ने भी गले लगाया. मुझे सब लोगों ने बहुत प्यार दिया और मेरी खातिरदारी शुरू हो गई.

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पुलिस चौकी में मेरा एनकाउंटर

मैं आपको अपनी एक दुख भरी कहानी सुनाने जा रही हूँ जो 3 दिन पहले मेरे साथ हुआ। भगवान करे ऐसा किसी के साथ ना हो।
तो लीजिये पढ़िये मेरी दुख भरी व्यथा।

पिछले हफ्ते मेरे पति ने बताया कि वो एक हफ्ते के लिए बिज़नस टूर पर सिंगापोर जा रहे हैं। वैसे जाने का मन तो मेरा भी था, क्योंकि मुझे बीच पर चड्डी ब्रा पहन कर घूमना और सारा सारा दिन अधनंगी हालत में खुले बीच पर लेटे रहना बहुत पसंद है। जब आते जाते लोग मेरे गोरे बदन और भरपूर जवानी को ललचाई निगाहों से ताकते हैं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है, बड़ा गर्व होता है खुद पर। मैं भी गहरे काले रंग का चश्मा लगती हूँ ताकि लोग ये न जान सकें मेरे बदन को घूरते हुये मैं उन्हे देख रही हूँ।
मैं पहले भी 2 बार सिंगापोर, बैंगकोक, मलेशिया जा चुकी हूँ। दुबई भी गई थी, उसकी कहानी तो आप लोग पढ़ ही चुके हैं कि वहाँ क्या हुआ था मेरे साथ।

खैर पति तो चले गए, घर में मैं और मेरी छोटी सी बेटी ही अकेले रह गए। मैंने अपनी काम वाली बाई को कह दिया कि वो सारा दिन रुक जाया करे, ताकि घर में कोई तो और हो।
पहले दिन ही मैं घर में बोर हो गई। टीवी भी कितना देखूँ, मोबाइल पे पॉर्न भी कितना देखूँ, अन्तर्वासना पर कितनी कहानियाँ पढ़ूँ।

फिर सोचा, कहीं घूम आती हूँ। तो खुद भी तैयार हुई, बेबी को भी तैयार की और अपनी बाई कमला को साथ लेकर बाज़ार चली गई, बेवजह इधर उधर घूमती रही, चाट पपड़ी, गोल गप्पे, ये वो खा कर, फालतू का सामान खरीद कर घर वापिस आ गई, मगर बोरियत ने पीछा नहीं छोड़ा।

बड़ी मुश्किल से रात हुई, रात को सो गई।

अगले दिन फिर वही सब कुछ। कमला के साथ भी कितनी बातें करती। आस पड़ोस में भी सब नौकरी पेशा लोग, जो सुबह जाते और शाम को आते। अगले दिन फिर बाज़ार चली गई, मूवी देखने इस लिए नहीं गई, क्योंकि सिनेमा के अंधेरे में बेबी बहुत तंग करती है, तो फिल्म का मज़ा सारा किरकिरा हो जाता है।

वैसे ही मैं बाज़ार में घूम रही थी, तो दो नौजवान से लड़के मेरे आस पास दो तीन बार चक्कर लगा कर गए। उनके रवैये और चाल ढाल से लग रहा था, जैसे वो मेरे में इंटेरेस्टेड हों। मुझे भी कुछ गुदगुदी सी हुई कि मेरे हुस्न के दीवाने आज भी हैं, चाहे मैं एक बच्चे की माँ भी बन चुकी हूँ। मैंने भी उन्हें पूरी लाइन दी कि अगर कोई सेटिंग हुई, तो कमला को घर भेज दूँगी, और इन दोनों को अपने घर ही ले जाऊँगी, शायद सेक्स मुझे मेरी बोरियत से निजात दिला सके।
मगर वो भी दो चार चक्कर मार कर चले गए।

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चचेरे भाई से चूत चुदाई पहली बार

मेरा नाम प्रीति है और मेरी उम्र 20 साल की है। मैं पंजाब से हूँ। मेरा एक भाई है और दो कजिन है काजल और रोहित। काजल 22 साल की है और रोहित 19 साल का। मेरी कहानी मेरी चूत की चुदाई यात्रा है।

जब मैं 18 साल थी तो मेरी बहन काजल को हमारे किरायेदार ने चोद दिया. इस बात पे बहुत बवाल हुआ जब ताई ने काजल और उस आदमी को नंगे चुदाई में लगे पकड़ लिया। तब उस आदमी को घर से निकाल दिया और काजल का एक बार कॉलेज जाना बंद हो गया।

मैंने जब अपनी बहन काजल से चुदाई के बारे में पूछा तो उसने बताया कि इस में बहुत मज़ा आता है। वो काजल को पिछले 6 महीने से चोद रहा है। काजल ने जब विस्तार से लंड और चूत और उसके बीच हुए सेक्स के बारे में बताया तो मेरी चूत गीली हो गयी।
उस दिन के बाद मैं काजल से हर रात उसकी चुदाई की कहानियां सुनती और बाथरूम में उंगली से अपनी चूत की आग को ठण्डा करती। दिन पर दिन मेरा सेक्स करने को दिल मचल रहा था पर दिक्कत यह थी कि ना मेरा कोई बॉयफ्रेंड था और काजल का काम बंद हो गया था।

काजल और मैं दोनों लेस्बियन सेक्स करने लगी पर लंड के बिना चूत शांत नहीं हो पा रही थी। हम दोनों अब एक दूजी की राज़दार थी, हमें लंड की ज़रूरत थी।

इस बीच काजल ने एक धांसू बात कही कि क्यों न रोहित भाई से आग बुझा ली जाए।
एक बार मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई कि कैसे काजल अपने आप को अपने सगे भाई से चुदवा सकती है औऱ मुझे अपने कज़िन से पर कोई चारा नहीं था।

काजल ने कहा- पहले तू भाई रोहित को पटा ले… क्योंकि सगी बहन को वो ना सही, कजन बहन को वो आसानी से चोदेगा।

काजल ने मेरे और रोहित के लिए एक दिन सेट किया जब काजल के मम्मी पापा कहीं बाहर गए थे रोहित और काजल अकेले थे। काजल मुझे बताया उसने रोहित को कई बार मुठ मारते देखा है क्यों ना इस बात पे उसे ब्लैकमेल किया जाए? आज घर पे कोई नहीं है और वो मुठ ज़रूर मारेगा।

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