जोरों की ठण्ड के दिन थे, घर में बहुत सारे काम थे तो मम्मी ने स्मृति को शादी से कई दिन पहले बुला लिया था.
स्मृति मेरे पापा के दोस्त वर्मा जी की बेटी है. दोनों एक साथ जॉब करते हैं. स्मृति बहुत सुन्दर है, स्मृति तब साढ़े उन्नीस साल की थी, देखने में श्रद्धाकपूर जैसी, आँखें हिरणी जैसी चंचल और मदमस्त चाल.
हम एक दूसरे को पहले से ही जानते थे, मैं उनके घर जाया करता था, स्मृति से हैलो होती ही थी परन्तु कभी ख़ास वार्तालाप नहीं हुआ.
अब वह हमारे घर आई तो मैं उसको अपने नीचे लाने की सोचने लगा.
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कामवाली की मंझली बहू
मेरी कामवाली कुछ दिन के लिए अपनी बहू को मेरे काम पर लगा गई. वो सुन्दर पतले गेहुँए रंग के सेक्सी शरीर वाली थी. कहानी पढ़ कर मजा लें!
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दिल्ली में मिला मेरी चुत की कामुकता का इलाज
मैं पहली बार कम उम्र में ही चुद गई थी और लड़की एक बार चुद गई तो उसकी कामुकता पर ब्रेक नहीं लग सकती, फिर वो चुत चुदाई से परहेज नहीं करती।
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मामा ने चोदा अपनी भानजी को किचन में
मेरी इंडियन सेक्स स्टोरीज में पढ़ें कि मेरे मामा ने मुझे नंगी करके रसोई की स्लैब पर बिठा कर मेरी चूत को चाट चाट कर गर्म किया फिर पीछे से चोदा.
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बुशरा और उसके मकानमालिक पण्डित जी
इस हिंदी सेक्स कहानी में पढ़ें कि जरूरत के समय किसी की मदद करने का फल कितना मीठा हो सकता है. मैंने अपनी चूत देकर मदद का बदला चुकाया, पढ़ कर मजा लें!
मैं बुशरा कमाल 26 वर्ष की गरीब घर से हूँ. परिवार में सिर्फ मैं ही कमाती हूँ, पिछले साल ही एक छोटे कस्बे में बैंक में नौकरी लगी है. नौकरी ज्वाइन करने के बाद मैं वहाँ किराये का एक कमरा ढूँढने निकली.
बैंक के एक कर्मचारी ने मुझे एक पण्डित जी का पता दिया, मैं उस पते पर जा कर उनसे मिली. ‘पण्डित जी’ ने मुझसे दो चार सवाल पूछे फिर मुझे कमरा दिखाया. किराये की बात मैंने कर ली.
पण्डित जी बोले- आप जब चाहें, शिफ्ट कर लें.
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