मुँह बोली बहन की गांड का छेद चोद चोद कर बड़ा किया

जब वह चलती है तो गांड ऊपर नीचे होती है, जैसे भूचाल आ गया हो! तब कितनों के लंड से पानी निकल जाए,
उसकी गांड तो जन्नत जैसी है, मैंने कई बार उसको याद करके मुठ मारी है, मेरा बस एक ही सपना था कि मेरा लंड पूरा का पूरा जोहा के गांड में घुसा के जिंदगी भर सोया रहूँ, लेकिन उसने कभी यह नहीं सोचा था कि एक रोज उसकी गांड के छेद को चीरते हुए मेरा लंड उसकी गांड को चोदेगा.

बात उन दिनों की है जब उसका शौहर दूसरी जगह काम से बाहर गया तो जोहा अकेली हो गई, तब उसने मुझे फोन किया और बौली- तारिक, तुम मेरे घर अभी आ सकते हो, बहुत अकेलापन लग रहा है अकेले घर में!
यह सुनते ही मानो मेरी लाटरी लग गई, मैंने कहा- ठीक है, अभी आता हूँ.

जोहा ने खुश होकर फोन रख दिया.

मैं तुरंत उसके घर पहुंचा, बोला- क्या हुआ? आज अचानक बुलाया?
वह बोली- मेरे शौहर कुछ दिन के लिए बाहर गये हैं, बीस दिन बाद लौटेंगे.

मैंने मन ही मन ठान लिया कि इन बीस दिनों में मैं इसकी गांड का छेद को चोद चोद कर इतना बड़ा कर दूँगा कि चलने से ही सबको मालूम हो जाए कि इसकी गांड कितनी चुदी है.

मैंने कहा- ठीक है जोहा, जब तक जीजू नहीं आ जाते, मैं यहीं रहूँगा तुम्हारे साथ!
जोहा बोली- शुक्रिया तारिक!

रात का खाना हम दोनों ने साथ में खाया, उसके बाद हम लोग कुछ देर आराम करने की सोच कर बिस्तर में लेटे. जोहा भी मेरी बगल में लेटी हुई थी.
फिर जब ध्यान गया तो पता चला कि उसके घर में एक ही डबलबेड है.
मैं बहुत खुश था अपनी किस्मत पर…

कुछ देर बाद जब जोहा ने करवट बदली तो उसके चूतड़ मेरी तरफ हो गए.

वाकयी में मोटे ओर बडे गांड की मल्लिका थी जोहा… मैंने भी उसके इतने करीब लग कर सो गया कि जैसे ही वह हल्की सी भी पीछे हो तो उसकी गांड की दरार में मेरा लंड दाखिल हो जाए
क्योंकि मैंने पतले कपड़े का पजामा पहना था और जोहा पतली सी मैक्सी पहने थी.
तभी उसने जोर से अपनी गांड पीछे की, पजामे के अंदर मेरा लंड को सीधा खड़ा था इसलिए उसके इस तरह पीछे होने से मेरा लंड उसकी गांड में सट गया.
वाह क्या गांड थी गरमागरम… जैसे ही मेरा लंड जोहा की गांड में सटा, वह चिहुंक उठी, जोहा के कसमसाते हुए दोनों चूतड़ों ने मेरे लंड को जकड़ लिया, उसने अपने चूतड़ों को जोर से दबोच लिया और पीछे पलट कर मुझे देखा… और फिर पलट के सोने लगी.

लेकिन मेरे शैतान लंड को जोहा ने अपनी गांड से सटा कर मेरे लंड को और भी शैतान बना दिया.
जब जोहा पूरी तरह नींद के आगोश में थी तो मैंने उस मौके का फायदा उठाया, मैंने अपने हाथों से उसके कपड़े को चूतड़ के ऊपर कर दिया.
वाह! क्या गोरी गांड थी जोहा की… जितना भी तारीफ करूं कम पड़ेगी,
सच में जोहा की गांड जैसे दुनिया में किन्ही की गांड न होगी.

फिर मैंने अपनी जीभ से जोहा की तरबूज जैसी कामुक गांड को खूब चाटा, इतना चूमा और चाटा कि पूरे चूतड़ भीग गए.
मेरा लंड पूरा डंडे की तरह खड़ा हो गया तो जोहा की गांड की दरार पर सटा कर सो गया.

जब सुबह हुई तो मैंने अपना लंड पैंट के अंदर पाया, मैं चौंक गया कि जोहा ने जरूर मेरे लंड को दबाया होगा और चूसा होगा क्योंकि मेरा लंड अब भी भीगा हुआ था.

मैंने झट से उठ के आवाज लगाई- जोहा आपा, कहाँ हो आप?
जोहा बोली- क्या हुआ तारिक?

मैं कुछ नहीं बोला और तुरंत रसोई में घुस गया,
उसने मुझे देखा और बोली- रात को ठीक से ऩींद आई या नहीं?
मैं बोला- हाँ आपा!
फिर बोली- और बाकी सब में मजा आया या नहीं?
मैंने चौंकते हुए कहा- मतलब?
जोहा बोली- जो कुछ सुबह मैंने उठ के देखा?
मैंने पूछा- क्या देखा आपने सुबह को?

जोहा बोली- आप अपने लंड को मेरी गांड में रगड़ रहे थे सुबह नींद में!

जब उसके मुख से लंड और गांड सुना तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया,
तब मैंने तुरंत ही उसकी गांड पे अपना लंड सटा दिया और बोला- इस तरह क्या?
जोहा- आह! आह!
फिर बोली- पहले नाश्ता कर लो!

मैं बोला- नहीं, मुझे तेरा दूध पीना है और गांड को खानी है!

जोहा बोली- इतना गर्म?

मैं बोला- पहले बिस्तर पर तो आ मेरी जान, फिर जन्नत की सैर करवाता हूँ.

जोहा बोली- एक बात बोलो तारिक, तुम जबसे आये हो मेरे घर, हर वक्त मेरी गांड को ही निशाना बनाए हो, ऐसा क्यों?
मैंने कहा- जोहा, तुझे नहीं पता तेरी गांड जब हिलती है तो मेरे लंड पे क्या गुजरती है!
काश… तू यह जान पाती कि तेरे इस गांड का मैं कितना बड़ा आशिक हूँ, तो शायद यह सवाल ना करती!

बस यों समझ लो कि तेरी इस गांड में मेरी जान है.
जोहा बोली- मेरे शौहर ने आज तक मेरी गांड को छुआ भी नहीं!
मैं बहुत खुश हुआ, बोला- जान, मेरा नसीब बेहतर है कि तेरी कुँवारी गांड का मैं उद्घाटन करने वाला हूँ!

मैं बोला- जोहा, तेरी इतनी प्यारी रसदार गांड को जीजू ने ना चोद के इस गांड की बेइज्जती की और मैं तेरी गांड की बेइज्जती नहीं सह सकता!
जोहा बोली- तारिक, मुझे जोहा मत बोलो, आज से तुम मुझे अपनी रण्डी बोलो या रखैल बोलो, ठीक है ना! और आज से मेरी गांड सिर्फ तेरी है, इसपे तुम्हारा ही हक है, मेरी गांड से तुम्हें इतना प्यार है, ये मुझे नहीं पता था.

मैंने कहा- ओ मेरी जोहा रण्डी, अब बात बाद में, जल्दी से मुझे अपनी गांड खोल के दिखा!

जोहा ने जल्द ही अपने कपड़े अपने गोरे बदन से आजाद किये और मेरे कपड़े भी उतार दिए,
मेरे लंड को निकाल कर अपने हाथों से, जोर जोर से दबाया, फिर उस लंड को अपने मुँह में लिया औऱ बड़ी जोर जोर से चूसने लगी,
मेरे लंड के पानी को जोहा अपने मुंह से खींचना चाह रही थी, फिर मैं उसकी गांड की तरफ गया और उसके चूतड़ों को हाथों से खोला.

वाह! क्या गांड थी, देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया,
मैंने अपना नाक जोहा की गांड में घुसा दी और जोर जोर से सूंघने लगा,
फिर मैंने अपनी जीभ उसकी गांड के छेद में फिराई, जोहा की गांड पूरी जब भीग गई
तो मैंने बोला- मेरी रण्डी, अब तेरी गांड की धुनाई करूँ?

जोहा बोली- धीरे-धीरे करना, आराम से, अभी बीस दिन तक ये गांड तेरे लंड से चुदेगी, आज आराम से चोदियो, कल से जितना जोर से चोदना हो चोद लेना!

मैंने कहा- ठीक है मेरी रण्डी!
यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेड़ पर खूब रगड़ा, फिर पास ही रखी क्रीम को जोहा के गांड में पूरा लगा दिया. उसी वक्त मैंने अपना लंड जोहा की गांड पर रखा और जोरदार झटका दिया तो मेरा आधा लंड घुस गया.
जोहा रो पड़ी, बोली- लंड बाहर करो तारिक, उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं मर जाऊँगी!
उसकी आँखों में आँसू देखे तो मैं रुक गया.

जब जोहा चुप हो गई कहराते कहराते तो मैं अपना लंड को पूरा अदंर बाहर करके चुदाई करने लगा.
जोहा की गांड में क्रीम थी जो चुदाई करते करते मक्खन की तरह बाहर निकल रही थी.
इतनी बेरहमी से मैंने जोहा की गांड को चोदा था.

फिर रात को मेरा लंड जोहा अपनी गांड में घुसवा के सोई.

उसके बाद बाकी दिन, मैं रोज अपनी बहन की गांड मारता रहा और जोहा की गांड की छेद भी बहुत बड़ा हो गया.
[email protected]