पड़ोसन भाभी की कुंवारी गांड की चुदाई की गंदी कहानी

खैर मुद्दे की बात पे आता हूँ. दिसम्बर का महीना था, मेरे पड़ोसी का नाम रौनक था वो एक 34 वर्षीय बिज़नेस क्लास हैं और मैं उन्हें भैया कहता हूँ. हम काफी करीब भी हैं, वो अक्सर मुझे दारू पीने बुलाते थे.

रौनक की बीवी यानि मेरी भाभी का नाम रिया था, उनकी उम्र 30 साल की है और वे बहुत ही उम्दा जिस्म की मालकिन हैं. उनकी कमनीय काया इतनी दिलकश है कि मुझे वो किसी पोर्न स्टार जैसी लगती हैं. भाभी का दूध सा गोरा बदन, भरी हुई चूचियां और उठी हुई गांड नशा सा भर देती थी. भाभी के पूरे शरीर पर एक भी बाल नहीं था, वो एकदम चिकनी मुलगी थीं. हालांकि भाभी की चूत पर बहुत बाल थे, जो मुझे बाद में पता चले.

एक दिन भैया ने हमेशा की मुझे दारू पीने बुलाया और हम मज़े से पार्टी एन्जॉय कर रहे थे. भाभी भी साथ बैठी थीं, पर वे पी नहीं रही थीं. हालांकि उनकी पीने की इच्छा नज़र आ रही थी.
मैंने भैया से कहा- भैया, भाभी को भी तो पीने दो, अगर आपको मुझसे संकोच है तो मैं चला जाता हूँ.
इस बात पर भैया बोले- अरे मनन, तुमसे कैसी शर्म, तुम तो हमारी काफी बातें जानते हो.. ये लो रिया, चियर्स..

रिया भाभी ने भी दारू पीना शुरू कर दी. धीरे धीरे माहौल बनता गया और हम खुल कर गन्दी बातें भी करने लगे.

भैया ने कहा- यार मनन, एक बात सच्ची बताओ, तुम इतने फिट हो तुम्हारी तो काफी गर्ल फ्रेंड्स होंगी और तुम सही में मज़े लेते होंगे.
मैं तो खुले विचारों का ही था, पर भाभी के सामने मुझे थोड़ी शर्म आ रही थी.
तभी भाभी ने कहा- हां मनन, बताओ तो..!

मुझे नशा तो चढ़ ही गया था, मैंने भाभी को देखा और कह दिया- मुझे प्यार व्यार में भरोसा नहीं है, मैं सिर्फ मज़े लेता हूँ और देता हूँ.
इस बात पर दोनों हंस दिए.

तभी भाभी और गर्म हो उठीं, वे और नशे में आते हुए खुल कर बोलीं- तो अब तक कितनी चूत मार चुके हो?
भैया इस बात पर हंस ही पड़े और बोले- वाह, दारू ने मेरी बीवी को और गर्म कर दिया है. देखो कैसे गन्दी बात कर रही है!

यह कह कर भैया ने भाभी की चूची पर हाथ फेर दिया. ये सब देख सुन कर मेरे लंड अन्दर से उछाल मार रहा था. मैंने भी खुलते हुए कहा- मुझे चूत में मज़ा नहीं आता, मैं गांड के मज़े लेता हूँ.
इसी बात पर भैया बोल पड़े- यार वाह.. ये सब कैसे कर लेते हो, हमने तो ज़िन्दगी भर सिर्फ तुम्हारी भाभी की चूत मारी है.

भाभी की ओर मेरी नज़र गई, वो मेरे लिए खुश तो थीं, पर उनकी प्यास दिख रही थी. मैंने उनका मूड ख़राब करना न चाहा और कहा- और कुछ बताओ ना भैया?
इस तरह हमारी गन्दी बातें चलती रहीं. साथ में शराब का नशा भी तीनों पर चढ़ता गया.

भैया ने जब भाभी की चुचियां मसली थीं, तब उनका पल्लू हट गया था, जो अब भी हटा हुआ था और भाभी ने अपने पल्लू को ठीक करने की जगह उसको एक तरफ कर दिया था और वो अपनी चूचियां तान कर दारू का मजा ले रही थीं.

उनके गहरे गले वाले ब्लाउज से दूधिया घाटी देख कर मेरे हाल बुरा हो रहा था. भाभी भी मेरे लंड को फूलता हुआ देख चुकी थीं.
उन्होंने मुझसे कहा- मनन, तुम्हारा छोटा पप्पू तो बहुत बदमाश हो गया है.
यह कह कर भाभी मुस्कुरा दीं.

अब भैया भी मूड में आ गए थे और खुली बातों से बुरा नहीं मान रहे थे. तभी उन्होंने मज़ाक में कहा- दोस्त कभी हमें भी गांड मारने का सुख दिलाओ, कैसे मारी जाती है, कभी हमें भी सिखाओ.
मैंने कहा- भैया, आप तो इतनी गरम बीवी के पति हो, तेल लगा कर कुछ देर उंगली करके लंड डाल दो.. हा हा हा.
तभी भाभी हंसते हुए बोल उठीं- अबे चुतियो, गांड मारना इतना आसान नहीं होता.

भाभी की बात पर हम दोनों हंस पड़े.

तभी भैया मूतने चले गए. अब भाभी और मैं एक दूसरे को देख रहे थे.
भाभी ने मुझसे कहा- मनन, सच तो यह है कि मेरा छेद थोड़ा टाइट है और तुम्हारे भैया इसे बड़ा नहीं कर पाते हैं, हमारा मन तो बहुत करता है. क्या तुम तुम्हारे भैया को सिखा सकते हो प्लीज. मेरे तो मन ही मन में लड्डू फूटने लग गए.

मैंने कहा- क्यों नहीं, पर क्या भैया मानेंगे?
भाभी बोलीं- वो तू मुझ पे छोड़ दे.
इतना कह कर भाभी ने मेरे लंड को दबा दिया.

मैं लंड दबने से गनगना गया. अभी मैं भाभी की चूचियां मसकने के मूड में था कि इतने में भैया आ गए.

हमारी बातें फिर से शुरू हो गईं. भैया बातें कर ही रहे थे, तभी भाभी उनको किस करके बोलीं- जानू, क्यों न मनन से मदद ली जाए और आप मेरी गांड के मज़े ले सको, जो इतने सालों से न हो पाया.
भैया इस बात से थोड़े हक्के बक्के रह गए और बोले- हां यार बात तो ठीक है.. और फिर मनन तो अपना ही बंदा है, कहो मनन, कहां से शुरूआत की जाए.

मैं कुछ कहता कि इतने में भैया तो नंगे हो गए. मुझे थोड़ा अजीब भी लगा क्योंकि पहली बार मैंने किसी दूसरे मर्द का लंड देखा था. भैया का लंड मुझसे बहुत छोटा था और पतला भी था. मैंने अपने बैग से स्पेशल क्रीम स्प्रे निकाल कर उन्हें दी और कहा कि इसे भाभी की गांड पे लगा दो और खुद के लंड पे भी लगा लो.

भाभी भी एकदम गरम थी, पर कुछ शर्मा रही थीं, वे बोलीं- मैं मनन के सामने नंगी नहीं हो सकती.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आप लोग कर लो, मैं चला जाता हूँ.
भैया ने कहा- नहीं यार, तुम मत जाओ, रिया तुम्हें नंगी होने की ज़रूरत नहीं है, तुम खाली अपनी पेंटी उतार लो और साड़ी ऊपर कर लो, बाकी मैं कर लूंगा, उन्होंने ऐसा ही किया.

हालांकि मुझे उनकी गांड तो दिख ही गई और मुड़ते हुए मैंने उनकी जंगली बालों वाली अद्भुत चूत भी देख ली.

भैया ने शुरूआत तो अच्छी की, लेकिन उनका लंड भाभी की गांड में सैट नहीं हो रहा था.

मैंने मदद की तब थोड़ा सैट हुआ, पर भैया इतना गरम थे कि उनका पानी जल्दी ही छूट गया. झड़ जाने के कारण वो थक भी बहुत गए थे. उन्होंने वहीं बैठ कर एक पैग और लगाया और गिर गए.

भाभी मायूस हो गई थीं. वे कहने लगीं- देखा न मनन, आज ज़रा सी उम्मीद क्या दिखी, उनसे इतना भी न हो पाया.
मैंने कहा- मैं चलता हूँ भाभी.
तभी उन्होंने मुझसे कहा- भैया की बात का बुरा मत मानना, पहली बार था इसीलिए भैया के सामने नंगी हो जाती तो उन्हें बुरा लगता.
मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभीजी, आपके छेद के दीदार तो हमने वैसे भी कर लिए.
वो शर्मा गईं और मादकता से कहने लगीं- चूतिये मुझे पता था, तू बहुत तेज़ है साले गांडू.
मैंने कह दिया- आपका गांडू देवर गांड भी उतनी तेज़ मारता है.

ये कह कर उनकी गांड को सहला दिया.
भाभी मुझसे कहने लगीं- मुंदे लंड, मेरी प्यास बुझाएगा भोसड़ी के!
मैंने कहा- साली रंडी, सब कुछ करूँगा लेकिन पहले अपना माल दिखा, भैनचोदी.. अपने ये सब कपड़े निकाल.
भाभी पूरी नंगी हो गईं और कहने लगीं- घर पर कंडोम नहीं है, आज सिर्फ गांड की चुदाई कर ले, चूत नहीं दूंगी.
मैंने कहा- चूत चाहिए भी नहीं, तेरी कुंवारी गांड मस्त है.

मैंने अपना क्रीम वाला स्प्रे भाभी के छेद पे और अपने लंड पे लगा दिया.

तभी भाभी बोलीं- मुझे वाइल्ड सेक्स और गालियों के साथ मज़ा आता है, पर तुम्हारे भैया सीधा करके सो जाते हैं.
मैंने कहा- तो साली इतने दिनों से क्यों न बोली, न जाने तेरे नाम की कितनी बार मुठ मारी.. चल जल्दी से घोड़ी बन जा.

भाभी ने ठीक वैसा ही किया. मैंने पहले तो लंड को बाहर से भाभी की चूत पे सहलाया और उन्हें गरम करने लगा.

तभी वो कहने लगीं- अब लंड डाल न.
मैंने कहा- पगली, पहले चूस तो इसको.
भाभी भी बहुत तेज़ थीं, बोलीं- तू मेरी चुत चाट.. मैं तेरा लंड चूसती हूँ.
मैंने कहा- मैं झांटों वाली चूत नहीं चाटता. गन्दी लगती है.
भाभी बोलीं- तू क्या भोसड़ी के.. तेरा तो बाप भी चाटेगा मेरी चूत है ही इतनी मस्त.. ले सूँघ मादरचोद..

भाभी ने जबरदस्ती मेरे मुँह को अपनी चूत खींच कर रख दिया.
वास्तव में भाभी की चुत बड़ी महक रही थी.
हम दोनों ने बहुत मज़े से 69 का खेल खेला और मजे किए.

फिर मैंने भाभी की गांड में एक उंगली घुमाई, इससे उनकी दर्द भरी आह निकल गई. बहुत ही टाइट गांड थी रंडी की. फिर मैंने दो उंगलियां घुसेड़ीं, फिर तीन और फिर अपना हथियार ठोक दिया.

कसम से आज तक मेरे लंड को ऐसी गरम कुंवारी गांड न मिली थी. उधर भाभी को भी बहुत मज़ा और दर्द हुआ.
मैंने उनसे चोदते हुए कहा- गालियां देती रह साली.. इससे मुझे गर्मी चढ़ेगी.
वो बोलने लगीं- मादरचोद गांड फाड़ दी.. चूतिये लंड धीरे ठोक.. साले मेरी गांड फट गई हरामज़ादे.. कमीन लंड.. तेरा लंड चूसूं भोसड़ी के अह्ह्ह.. अह्ह्ह अह्ह्ह फाड़ दे आज इस गांड को.. आह..

कुछ देर तक भाभी की गांड में मेरा लंड कत्ले आम मचाता रहा.
फिर मैंने कहा- अब निकलने वाला है.. किधर लेगी रंडी..!
भाभी बोलीं- आधा दही अन्दर डाल दे, आधा पिला दे.

मैंने वैसा ही किया, आधा फुव्वारा गांड के अन्दर होते ही लंड खींच कर भाभी के मुँह में ठूंस दिया और वो छिनाल की तरह मेरा पूरा लंड चूस गईं.

कसम से क्या मज़ा आया उस रात!

फिर अगली बार उन्होंने इनाम में मुझे चूत भी दी, हालांकि मुझे चुत चोदने का नहीं मन था, फिर भी चूत ठोकने में अलग नशा आ गया था.

मेरे और भी बहुत से रंगीन किस्से हैं, जो दूसरी कहानियों में जरूर बताऊंगा.

आशा करता हूँ पहली गांड चुदाई की गन्दी कहानी आप सबको पसंद आई होगी. मुझे मेल करें.

गांड की चुदाई का शौकीन मनन
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