कमसिन क्लासमेट पूजा की चुदाई-5

उसने गाउन के नीचे कुछ भी नहीं पहना था.. जो साफ़ दिख रहा था। गाउन के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे, जिसमें से उसके मस्त गोरे-गोरे चूचे आधे से ज्यादा दिख रहे थे।

यह देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और पैंट से बाहर आने को मचलने लगा।
अब मुझे खुद को रोक पाना मुश्किल हो रहा था, मैं उसको पकड़ कर टेबल के पास ले गया और टेबल से उसकी मस्त गुदाज गांड को लगा कर उसके बदन को सहलाने लगा।

मेरे हाथों का स्पर्श लगते ही वो सिसियाने लगी, वो मेरे बालों में अपना हाथ डाल कर अपनी उंगलियों से सहलाने लगी और अपनी आँखें बंद करके आवाज निकालने लगी।

मैं उसकी चूत पर अपने लंड का दबाव डाल कर उसके गर्दन पर अपनी जीभ फेर रहा था.. जो उसको पागल कर रहा था।

फिर मैं उसके होंठों को चूसने लगा और उसके मुँह में अपना थूक डाल कर उसकी जीभ को चूसने लगा।

वो एकदम से पागल हो गई और उसको अब खड़े रखने में मुझे दिक्कत होने लगा।

मैं उसके होंठों को चूस रहा था और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ भी रहा था.. जिसके साथ वो अपनी गांड को घुमा-घुमा कर मजे दे रही थी।

अचानक से वो जोर-जोर से अपनी चूत को लौड़े पर रगड़ने लगी और जोर से मेरी जीभ को चूसने लगी, साथ ही मेरे बालों को सहलाने लगी।

अचानक से उसका जिस्म अकड़ गया और वो झड़ गई और जोर की आवाज निकली और उसका पूरा बदन झटके के साथ मेरे पैरों में गिर गया।
वो जोर-जोर से हाँफ़ रही थी।

जब उसने अपने चेहरे को उठा कर देखा तो उसकी आँखें एकदम लाल, उसके होंठ एकदम गीले मेरे मुँह के रस से लिप्त थे। पूजा एकदम वासना में लिप्त दिख रही थी।

मैंने पूजा को पकड़ कर उठाया और उसको सोफे पर लिटा दिया। उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थीं और उसकी आँखें बंद थीं।

उसका पूरा बदन गीला हो चुका था और फेस मेरे मुँह के पानी से चमक रहा था। उस वक़्त वो सोफे पर लेटी हुई बहुत ही कामुक लग रही थी।

उसकी चूचियां उसकी कपड़ों से बाहर निकली हुई थीं और उसके गाउन का एक साइड नीचे गिरा हुआ था और उसकी एक चूचा पूरी तरह से बाहर निकला हुआ था।

उसका निप्पल एकदम टाइट होकर अकड़ गया था और उसकी टाँगें गाउन से बाहर थीं.. व उसकी चूत दिख रही थी।
चूत का रस उसकी जाँघों पर लगा हुआ था.. जो चमक रहा था।

मैंने उसकी जाँघों को उसके गाउन से साफ़ किया और उसकी चूत के दाने को सहलाया.. वो चहक उठी।

फिर मैं बीयर लाया और हम दोनों ने बीयर पी।
इसी बीच में मैंने उसको नंगी करके उसकी चूचियों पर बीयर डाल कर उसकी चूचियों को खूब चाटा और निप्पल को भी चूसा.. जिससे उसकी चूची एकदम चमकने लगीं।

मेरी जीभ के छुवन से पूजा और पागल हो गई और तरह-तरह की आवाजें निकालने लगी- आह्ह..ह.. उउम्म्म.. ऊऊऊई.. अच्छे से चाटो मेरी चूचियों को.. आह्हह्हह्ह.. पी जाओ.. पूरा पी जाओ इनको.. चूस जाओ मेरी निप्पल को.. सारा रस निचोड़ लो मेरी चूचियों में से.. आह्ह्ह्ह..

यह कहते हुए वो अपनी कमर भी उठा रही थी।
उसकी चूत एकदम गरम हो गई थी.. एकदम गरमा-गरम माल हो गई थी।

फिर मैंने उसको बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टाँगों को खोल कर उसकी चूत पर बीयर डाल कर उसकी चूत को चाटने लगा।

बड़ा ही मस्त स्वाद आ रहा था। बुर का पानी और बीयर के मिलने पर उसकी चूत में मैं जीभ अन्दर तक डाल कर चाट रहा था।

पूजा की हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी, वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी, ऐसा लग रहा था कि वो मेरे पूरे सर को चूत में डाल लेगी।

वो बड़बड़ा रही थी- अब डाल दो लंड अपना.. अब नहीं सहा जा रहा है..
उसकी गाण्ड में भी बीयर डाल कर मैंने पिया.. बहुत मजा आया और वो गाण्ड चुसाई से भी पागल हो गई थी।

अब उसे लंड की बहुत जरूरत थी, उसने बोला- अब डाल दो यार..
मुझे तो उसकी गाण्ड मारनी थी, मैंने बोला- पहले गाण्ड मारूँगा.. फिर चूत मारूँगा।

मगर उसकी चूत में आग लगी हुई थी तो वो बोली- पहले बुर में लंड डाल कर चोदो.. फिर गाण्ड मार लेना।
मैंने बोला- नहीं मेरी जान.. पहले ये लंड गाण्ड में जाएगा और गाण्ड मारेगा.. फिर चूत में जाएगा।

उसकी चुदास बहुत ज्यादा हो गई थी, उसने बोला- ठीक है.. पहले गाण्ड मार लो और जल्दी मारो, फिर मेरी चूत की आग भी बुझाओ।

मैंने तुरंत उसको पलटा दिया और उसके पेट के पास तकिया लगाया, जिससे उसकी गाण्ड ऊपर की ओर निकल आई और खुल गई।

उसकी गांड के भूरे छेद को सहलाते हुए मैंने बोला- बड़ी मस्त गाण्ड है तुम्हारी रानी.. मजा आएगा, जब मेरा लंड इसमें जाएगा।

मैं पूजा की गांड के छेद को सहला रहा था.. जिससे पूजा मचलने लगी और उसने अपनी गाण्ड के छेद को जोर से बंद कर लिया।
अब मुझको सहलाने में दिक्कत होने लगी.. तो मैं उसकी गाण्ड को हाथ से फैला कर जीभ से चाटने लगा।

वो एकदम से सिहर गई और अपनी गाण्ड को मेरे जीभ पर दबा बैठी।
मैं अपनी जीभ को नुकीला करके उसकी गाण्ड के छेद पर रख कर अन्दर डालने लगा और साथ में उसकी चूत के दाने को भी रगड़ने लगा..
जिससे पूजा और मस्ती में आ गई और अपनी कमर को घुमाने लगी और आवाज भी निकालने लगी।

उसको बहुत मजा आ रहा था, उसकी गाण्ड का छेद खुल गया था और अन्दर का भूरा रंग दिखने लगा था.. जिसे देख कर मैं पागल सा हो गया।
मेरा लन्ड एकदम टाइट हो गया और हिलने लगा।

मैं उसकी चूत को भी सहला रहा था और गाण्ड को भी चाट रहा था। इस दोहरी मार ने पूजा की हालत एकदम ख़राब कर दी थी।

इस दोहरी मार की वजह से पूजा जोर की आवाज से झड़ गई और बोली- जल्द से मेरी चूत मैं अपना लन्ड डाल कर मेरी चूत की गर्मी बुझा दे यार।

मगर मैं उसकी चूत में अपना लंड डालने के मूड में नहीं था.. मैंने अब अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा.. जो कि एकदम फूल गया था.. और उसकी नसें भी उभर चुकी थीं.. सुपारा फूल कर एकदम लाल हो चुका था।

मैं अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख कर रगड़ने लगा, जिससे पूजा पूरी तरह से काँप उठी।
उसको अंदाज नहीं था कि मैं तुरंत उसकी गांड पर लंड रख दूँगा।

उसकी गांड एकदम गरम थी.. जो मैं अपने लंड पर महसूस कर रहा था। मैंने अपने सुपाड़े को उसकी गांड के छेद पर रखा और जोर देकर अन्दर डालने लगा।
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मगर पूजा की गांड बहुत ज्यादा टाइट थी, उसमें मेरा लंड अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने पास में रखा हुआ तेल लिया और उसकी गांड खोल कर उसमें तेल भर दिया और उसकी गांड की छेद में अपने उंगली से तेल मलने लगा।
कुछ तेल लेकर अपने लंड पर भी रगड़ने लगा जिससे मेरा लंड और बड़ा और चमकदार लग रहा था।

कुछ देर गांड में उंगली करने के बाद मैंने फिर से अपना लंड उसके छेद पर रखा और जोर का धक्का दिया, जिससे मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया।

इसके साथ ही पूजा की चीख निकल गई, वो रोने लगी और लंड निकालने को कहने लगी.. मगर मैं समझ रहा था कि एक बार निकाल दिया तो फिर ये कभी भी गांड मारने नहीं देगी।

मैं पीछे से ही हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियों को दबाने लगा और अपना पूरा जिस्म का भार उसके नंगे जिस्म पर डाल दिया। उसकी गर्दन को चूसने लगा और जीभ से चाटने लगा।

फिर हाथ को उसकी चूचियों से हटा कर उसकी चूत के दाने को मसलने लगा.. जिससे थोड़ी देर में उसके मुँह से हल्की-हल्की मादक सिसकारियाँ निकलने लगी।

थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद मैंने वापस से एक जोर का झटका मारा.. जिससे मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया और लंड के मोटे हिस्से तक जाकर रुक गया।

अब तो पूजा को और भी जोर का दर्द होने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी। वो अपना सर सामने तकिये पर पटक कर रोने लगी और अपना सर इधर-उधर पटकने लगी।

अब मैंने इन्तजार नहीं किया और एक जोर का झटका और मार दिया.. जिससे मेरा पूरा लंड उसके गांड में घुस गया और वो और जोर की चीख़ मार के अपना सर तकिये पर मार बैठी।
मुझे लगा कि साली बेहोश न हो गई हो.. पर ऐसा नहीं था।

अब मैं अपना पूरा भार उसके बदन पर डाल कर उसके कान को चूसने लगा और उसकी एक चूची को सहलाने लगा था।
मैं कभी उसके गले को चूसता तो कभी चाटता.. तो कभी पीठ को चाटता।

धीरे-धीरे उसका बदन हिलने लगा और वो कहने लगी- गांड से लंड निकाल दो.. बहुत दर्द हो रहा है.. मेरी गांड फट गई है।

मैंने उसकी बात को अनसुनी कर दी और उसके बदन को सहलाता और मसलता रहा।

थोड़ी देर बाद उसको उसकी वासना ने वापस से घेर लिया और वो सिसकारी लेने लगी और फिर मैं हलके दबाव से उसकी गांड को मारने लगा।

बहुत ही ज्यादा कसी हुई गांड थी साली की.. बहुत मुश्किल से लंड अन्दर-बाहर हो रहा था।

मैं उसको कुतिया के पोज़ में बना कर पीछे से गांड में अपना लंड पेल रहा था और उसकी चूची को मसल रहा था, बहुत मजा आ रहा था.. मगर उसकी गांड बहुत टाइट थी.. तो लंड बहुत मुश्किल से शंटिंग कर पा रहा था।

कुछ देर बाद मैं पूरी जोर से लंड को उसकी गांड में पेलने लगा था और उसकी गांड पर चपत भी मार रहा था।

अब तो पूजा भी चिल्ला कर कह रही थी- जोर-जोर से मारो मेरी गांड..
यह सुन कर मैं भी पूरे जोश में उसकी गांड मार रहा था..

अचानक मुझे लगने लगा कि मेरे लंड की नसें फूल रही हैं और लंड का सारा पानी एक जगह जमा हो रहा है।
अब मैं झड़ने वाला था।

उसकी कमर को जोर-जोर से पकड़ कर पंद्रह-सोलह झटके मारने के बाद मेरे लंड ने अपना गरम लावा उसकी गांड में ही छोड़ दिया और मैं उसकी पीठ पर ही लेट गया।

पूजा की गांड को चोद कर बहुत मजा आया।

इसके बाद हम दोनों कुछ देर निढाल पड़े रहे, फिर उठ कर बाथरूम में जाकर साफ-सफाई की और लिपट कर लेट गए।

दोस्तो.. कैसी लगी आप सबको मेरी ये पहली गांड चुदाई..

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आपका मयंक लव..
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